दिल्लीः राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने का फैसला कर लिया है। इंडिया गेट के पास स्थित नेताजी स्टेच्यू से राष्ट्रपति भवन तक का पूरा मार्ग अब ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एनडीएमसी (NDMC) यानी नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल ने सात सितंबर को स्पेशल मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव लाया जाएगा। इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क और क्षेत्र कार्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। आपको बता दें कि ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है- केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में थी। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी जिसका निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस परियोजना के तहत निम्नलिखित भवनों का निर्माण किया जाएगा…
- एक नया त्रिकोणीय संसद भवन
- एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय
- तीन किलोमीटर के राजपथ का कायाकल्प
- नया प्रधानमंत्री आवास
- नया प्रधानमंत्री कार्यालय
- एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव
नया संसद भवन कुछ इस तरह का होगा- सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत करीब 65,400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी। इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे। आपको बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी।
परियोजना की खासियत- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ सितंबर को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे खंड का उद्घाटन करेंगे। राजपथ के साथ बने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राज्यवार फूड स्टॉल, चारों ओर हरियाली, ग्रेनाइट पैदल मार्ग, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल और चौबीसों घंटे सुरक्षा की व्यवस्था होगी। हालांकि, इस दौरान इंडिया गेट से मान सिंह रोड तक गार्डेन एरिया में उन्हें खाने की इजाजत नहीं होगी।