दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ शनिवार को जेल से रिहा हो जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात दंगों से जुड़े साजिश मामले में गिरफ्तार एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत दे दी। चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच में 1 घंटे 10 मिनट से ज्यादा देर तक इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सीजेआई ने कहा, “तीस्ता गिरफ्तारी के बाद से या तो रिमांड या कस्टडी में रहीं। उन्हें अब जेल में नहीं रखा जा सकता है।“
कोर्ट ने कहा कि तीस्ता का मामला जब तक हाईकोर्ट के पास है, तब तक उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। तीस्ता कल यानी शनिवार को कानूनी प्रक्रिया पूरी कर जेल से बाहर आ सकेंगी। 25 जून को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता को मुंबई से गिरफ्तार किया था। 30 जुलाई को निचली अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। अब आइए आपको बताते हैं कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में किसने क्या कहा…
चीफ जस्टिस यूयू ललित- मेरे दो सवाल हैं। पहला, पूछताछ में क्या मिला। दूसरा, कितने दिनों तक आपने उनसे पूछताछ की है?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता- हमने अब तक 7 दिनों की पूछताछ की है, लेकिन महिला चालाक हैं और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही हैं।
मेहता- याचिकाकर्ता 2002 से राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश में शामिल है। जजों पर भी टिप्पणी करने से नहीं चूकती हैं।
तीस्ता का वकील कपिल सिब्बल- हमें स्टेट के खिलाफ बताया जा रहा है। क्या 60 साल की कोई महिला स्टेट से ज्यादा पावरफुल हो सकती है?
आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने 30 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीस्ता की जमानत का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि तीस्ता के खिलाफ FIR न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है, बल्कि सबूतों द्वारा समर्थित है।
अब तक की गई जांच में प्राथमिकी (FIR) को सही ठहराने के लिए उस सामग्री को रिकॉर्ड में लाया गया है, जो स्पष्ट करती है कि आवेदक ने राजनीतिक, वित्तीय और अन्य भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक कृत्य किए थे।
2002 के गुजरात दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी (SIT) रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को 24 जून को खारिज कर दिया था। याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले में को-पेटिशनर तीस्ता ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी। जिसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 25 जून को तीस्ता को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था।