Subscribe for notification
अंतरराष्ट्रीय

अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में विस्फोट, मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी सहित 18 की मौत, 21 घायल

काबुलः अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान विस्फोट होने से तालिबान समर्थक मौलवी के साथ-साथ कई आम नागरिक भी मारे गए। हेरात के पुलिस प्रवक्ता महमूद रसोली ने बताया कि इमाम मुजीब रहमान अंसारी अपने कुछ गार्ड और नागरिकों के साथ मस्जिद की ओर जाते समय मारे गए हैं। वहीं एक हेरात एंबुलेंस सेंटर के अधिकारी मोहम्मद दाउद मोहम्मदी ने बताया कि एंबुलेंस से 18 मृत और 21 घायलों को अस्पताल लाया गया है। इस धमाके की अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी तालिबान के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक थे। यह घटना गाजारघ शहर की है। पिछले महीने भी तालिबान का एक बड़ा नेता मारा गया था। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे ISIS के खुरासान ग्रुप (ISKP) का हाथ है। तालिबान ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजाघर की मस्जिद में कुल 2 ब्लास्ट हुए। इस दौरान जुमे की नमाज चल रही थी। मुल्ला मुजीब ही इस मस्जिद का मुख्य इमाम थे। धमाका उसके सामने वाली कतार में हुआ। माना जा रहा है कि यह फिदायीन हमला था और इसमें दो लोग शामिल थे।

वहीं दूसरा धमाका तब हुआ, जब लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुल्ला मुजीब चंद घंटे पहले हेरात में एक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस में शिरकत के बाद सीधे मस्जिद पहुंचा था। इस बारे में उसके सेक्रेटरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
आपको बता दें कि मुल्ला मुजीब को तालिबान के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता था। वो लड़कियों की शिक्षा और उनके घर से निकलने का सख्त विरोधी था। करीब दो महीने पहले उसने एक फतवा जारी किया था। इसमें कहा गया था- अगर तालिबान शासन का कोई भी विरोध करता है या हुक्म नहीं मानता तो उसकी सजा सिर्फ यह होगी कि उसका सिर कलम कर दिया जाए। खास बात यह है कि इस फरमान या फतवे को तालिबान के ही प्रवक्ता ने मुजीब की निजी राय बताते हुए खारिज कर दिया था।

वहीं अफगानिस्तान के हेरात में बुधवार को ही तालिबान और ISIS के खुरासान ग्रुप यानी ISKP के बीच खूनी झड़प हुई थी। इस दौरान ISKP के 3 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद खुरासान ग्रुप ने कहा था कि वो इन मौतों का बदला जरूर लेगा।

आपको बता दें कि 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की हुकूमत पर कब्जा करने वाले तालिबान के लिए सबसे बड़ा खतरा ISKP ही माना जा रहा है। हेरात समेत मुल्क के कई हिस्सों में तालिबान और ISKP के बीच झड़पें हो रही हैं। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ते वक्त काबुल एयरपोर्ट पर जो धमाका हुआ था, उसके पीछे भी ISKP का ही हाथ था।

General Desk

Recent Posts

पंजाब में फगवाड़ा के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 28 और 29 दिसंबर को आयोजित होगा भारत विकास परिषद का 31वां राष्ट्रीय अधिवेशन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारत विकास परिषद का 31वां राष्ट्रीय अधिवेशन पंजाब के…

4 hours ago

केजरीवाल झूठ और भ्रम की राजनीति के शातिर खिलाड़ी हैंः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के पूर्व…

4 hours ago

दिल्ली के बुजुर्गों को केजरीवाल बताएं कि क्या क्या संजीवनी पंजीकृत सरकारी स्वास्थ योजना हैः प्रवीण

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्ली : दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद…

4 hours ago

कोरोना ने वर्क फ्रॉम होम, तो केजरीवाल ने दिया वर्क फ्रॉम जेल का मॉडलः अनुराग

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः  पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अनुराग सिंह ठाकुर ने…

5 hours ago

उत्तराखंड के बद्रीनाथ में झरना जमा, तापमान माइनस 10º, श्रीनगर की डल झील पर आधा इंच बर्फ, MP में ओले, तो राजस्थान में बारिश के आसार

दिल्लीः उत्तरी भारत में सर्दी का सितम जारी है। कड़ाके की ठंड ने लोगों का घरों से निकलना मुश्किल कर…

15 hours ago

कुवैत के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित हुए PM मोदी, ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले बने पहले भारतीय प्रधानमंत्री

कुवैत सिटीः दो दिवसीय कुवैत दौरे पर यहां आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को कुवैत के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर…

1 day ago