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इराक में श्रीलंका जैसे हालात, राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी - Prakhar Prahari
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इराक में श्रीलंका जैसे हालात, राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी

बगदादाः पहले श्रीलंका और अब इराक। इन दोनों देशों में नजता के आक्रोश का एक ही तरह का नजारा देखने को मिला। इराक में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान के बाद सेना ने कर्फ्यू लगा दिया, लेकिन अल-सद्र के समर्थक सड़क पर उतर आए। उनके समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन की ओर कूच कर दिया और वे स्वीमिंग पूल और मीटिंग हाल में भी घुस गए।

आपको बता दें कि शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र के के राजनीति छोड़ने के फैसले से उनके समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई और वे सड़कों पर उतर आए। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। सद्र के हजारों समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग भी की, लेकिन वे नहीं माने।
दरअसल में इराक में पिछले दस महीने से ना तो कोई स्थाई प्रधानमंत्री है। ना कोई मंत्रिमंडल है और ना ही कोई सरकार है। इस वजह से वहां राजनीतिक अराजकता की स्थिति बन गई। गतिरोध तब और तेज हो गया, जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने पिछले अक्टूबर में सबसे अधिक सीटें जीती थी, लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे।

इसके बाद उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था। फिर धीरे-धीरे यह गतिरोध बढ़ता ही गया। अल-सद्र ने इराक में दशकों के संघर्ष और प्रतिबंधों से उबरने के प्रयास और सांप्रदायिक संघर्ष, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अपने समर्थकों के साथ आंदोलन किया है। इतना ही नहीं उन्होंने अमेरिका और ईरानी प्रभाव का विरोध करके देश में व्यापक समर्थन प्राप्त किया है।

अल -सद्र अब जल्द चुनाव कराने और संसद को भंग करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि मैं अपने फाइनल विड्रॉ की घोषणा करता हूं। हालांकि उन्होंने अपने कार्यालयों के बंद होने के बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन यह जरूर कहा कि सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थान खुले रहेंगे।

बता दें कि इससे पहले भी अल-सद्र के समर्थकों ने जुलाई में सरकार बनाने से रोकने के लिए संसद में प्रदर्शन किया था। फिलहाल इस बार भी सद्र के समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन को घेर लिया। सुरक्षाबलों ने रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग भी की। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।

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