दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आबकारी नीति को लेकर सीबीआई के रडार पर हैं। दिल्ली की शराब नीति में गड़बड़ी की जांच कर रहे सीबीआई आधिकारियों ने मंगलवार को सिसोदिया के लॉकर की तलाशी ली। सिसोदिया के गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 की पंजाब नेशनल बैंक में सिसोदिया का बैंक लॉकर है। सीबीआई अधिकारियों ने बैंक में 45 मिनट तक लॉकर की जांच की। इस दौरान सिसोदिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं। जांच के दौरान बैंक के गेट बंद रहे और  किसी को भी एंट्री नहीं दी गई।

आपको बता दें कि यह नियम है कि लॉकर को उसके खाताधारक की अनुमति और उपस्थिति के बिना नहीं खोला जाता है, इसलिए सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा को वहां बुलाया गया। आपको बता दें कि सिसोदिया गाजियाबाद के इसी वसुंधरा इलाके में रहते थे।

उधर, सिसोदिया ने कहा कि लॉकर से सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला। सारी जांच में मेरा परिवार पाक-साफ है। यह सच्चाई की जीत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने मेरे लॉकर की जांच कराई। मुझे 2-3 महीने से जेल भेजने की साजिश हो रही है।

इससे पहले सिसोदिया ने सोमवार रात ट्वीट कर कहा, ”सीबीआई हमारा बैंक लॉकर देखने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की रेड में कुछ नहीं मिला था। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई का स्वागत है। जांच में मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग रहेगा।”

आपको बता दें कि सिसोदिया कह चुके हैं कि एक झूठे मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है, ताकि अरविंद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोका जा सके। सिसोदिया का कहना है कि अरविंद केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं।
सीबीआई ने सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। इस मामले में सीबीआई ने 19 अगस्त को सिसोदिया के आवास समेत 31 स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान भी चलाया था।

दिल्ली की नई आबकारी नीति को लेकर आरोप है कि इस नीति के जरिए शराब लाइसेंस धारियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया है। लाइसेंस देने में अनदेखी हुई है। टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ करने का आरोप है।

रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने और कोरोना के बहाने लाइसेंस फीस माफ करने जैसे भी आरोप हैं। इसी सिलसिले में CBI दिल्ली ने पिछले दिनों एक एफआईआर की है, जिस पर जांच जारी है।

वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच,आप और बीजेपी विधायकों का सोमवार रात से दिल्ली विधानसभा परिसर में रात भर से धरना प्रदर्शन जारी है। आप विधायकों ने उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा के भीतर धरना दिया।

आप विधायक दुर्गेश पाठक ने विधानसभा के भीतर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एलजी 2016 में खादी और ग्रामोद्योग विभाग के चेयरमैन थे, उस वक्त उन्होंने 1,400 करोड़ रुपए का घोटाला किया। वहीं, भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार को लेकर मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करने की मांग की।

दोनों पार्टियों के विधायक विधानसभा बारिश के बाद भी परिसर में अपने-अपने धरना स्थल पर बैठे रहे। आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में बापू की प्रतिमा के सामने धरना दिया, जबकि भाजपा विधायकों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा के पास धरना दिया।

विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल राजनीतिक प्रचार के लिए विधानसभा का उपयोग अपने मर्जी से कर अपनी सरकार के शराब घोटाले से लोगों का ध्यान हटाने के लिए नौटंकी कर रहे हैं। भाजपा के सभी 8 विधायक सोमवार और शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही का हिस्सा नहीं थे, क्योंकि उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया था।

भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना का बचाव किया और कहा कि आप नेता उनके खिलाफ बदले के लिए भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।

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