भुजः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन रविवार को भुज पहुंचे। यहां पर उन्होंने तीन किलोमीटर तक रोड शो किया। इस दौरान लोगों ने पारंपरिक नृत्य के साथ पीएम मोदी स्वागत किया। मोदी रोड शो के दौरान सड़कों पर पैदल घूमते हुए लोगों का अभिवादन करते भी नजर आए। इसके बाद उन्होंने स्मृति वन का उद्घाटन किया।
इस मौके पर पीएम मोदी कहा कि गुजरात के भुज में 26 जनवरी, 2001 की सुबह विनाशकारी भूकंप आया, तब मैं दिल्ली में था। भूकंप का असर दिल्ली में भी हुआ था। मैं तुरंत गुजरात के लिए निकला और दूसरे दिन कच्छ पहुंच गया। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। उस समय मैं बीजेपी का एक छोटा सा कार्यकर्ता था। तब मुझे नहीं पता था कि कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन, मैंने तय किया था कि इस दुख की घड़ी में आप सभी के बीच ही रहूंगा। जो भी संभव हो सकेगा वह करूंगा। मैं आपके दुख में हाथ बंटाने का प्रयास करूंगा। इसके बाद अचानक ही मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया। तब यहां किए गए कार्य के अनुभव मेरे बहुत काम आए।
उन्होंने कहा कि एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था, कि साजिशों का दौर शुरू हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं। ऐसी स्थिति में भी गुजरात देश में आपदा प्रबंधन एक्ट बनाने वाला पहला राज्य बना। इसी एक्ट की प्रेरणा से पूरे देश के लिए भी ऐसा ही कानून बना।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कहा कि 2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं, वो अकल्पनीय हैं। कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरू श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है। आज कच्छ के विकास से जुड़े 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के अन्य प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें पानी, बिजली, सड़क और डेयरी से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। ये गुजरात के कच्छ के विकास के लिए डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुज में स्मृतिवन स्मारक और अंजार में वीर बालक स्मारक का लोकार्पण कच्छ की, गुजरात की और पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने भी इसके पत्थरों को सींचा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भुज में इतना विनाशकारी भूकंप आया था कि लोग कहने लगे थे- अब भुज कभी खड़ा नहीं हो पाएगा, लेकिन मैंने कहा था कि हम इस आपदा को अवसर में बदलकर रहेंगे। मैंने भुज के लोगों से यह भी कहा था कि आपको जो रण दिखता है, उसमें मुझे भारत का तोरण दिखता है। और आज मैं लाल किले से भी यही कहता हूं कि 2047 में भारत डेवलप कंट्री बनेगा। जिन्होंने मुझे कच्छ में मुझे सुना है। उन्हें याद होगा कि मैंने जो कहा था, आज वह सच के रूप में आपकी आंखों के सामने है। अब ऐसा ही 2047 में भी होकर रहेगा
PM @narendramodi inaugurates 'Smritivan' memorial built in the memory of those who lost their lives in the earthquake of 2001.@PMOIndia @CMOGuj #PMInGujarat #SmritiVan pic.twitter.com/CaHx4BSgqo
— SansadTV (@sansad_tv) August 28, 2022
आपको बता दें कि ‘स्मृति वन’ 26 जनवरी, 2001 को गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए करीब 13,000 से अधिक लोगों को श्रद्धांजलि के रूप में कच्छ जिले के भुज कस्बे के पास भुजियो पहाड़ी पर बनाया गया एक म्युजियम है। इस म्युजियम की परिकल्पना पीएम मोदी ने उस समय की थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। ‘स्मृति वन’ 470 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है।
गुजरात के भुज में भुजियो डूंगर के ऊपर 470 एकड़ में फैला स्मृति वन मेमोरियल प्रोजेक्ट बनाया गया है। संग्रहालय में आठ ब्लॉक हैं जिनके विशिष्ट नाम हैं और प्रत्येक ब्लॉक अपने नाम के आधार पर आगंतुकों को विशिष्ट आकर्षण प्रदान करता है। स्मारक में भूकंप के दौरान जान गंवाने वाले 12,932 पीड़ितों की नेम प्लेट होगी।
2001 के भूकंप के बाद भुज की यात्रा के अलावा, स्मारक एक नियंत्रण कक्ष के माध्यम से समृद्ध हड़प्पा सभ्यता, भूकंप विज्ञान, विरासत, संस्कृति और गुजरात की कला और वास्तविक समय की आपातकालीन स्थितियों की एक झलक भी प्रदान करेगा। स्थानीय रूप से उपलब्ध बेसाल्टिक चट्टान का उपयोग संग्रहालयों और उसके फर्श की दीवारों के निर्माण के लिए किया गया है।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भुज में करीब 4400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें सरदार सरोवर परियोजना की कच्छ शाखा नहर भी शामिल है। इस नहर की कुल लंबाई लगभग 357 किमी है। नहर के एक हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 2017 में किया था और बाकी हिस्से का उद्घाटन अब किया है। यह नहर कच्छ में सिंचाई की सुविधा प्रदान करने और कच्छ जिले के भी 948 गांवों और 10 कस्बों में पेयजल उपलब्ध कराने में मदद करेगी।