मुंबईः पिछले कुछ समय से बॉलीवुड में बायकॉट यानी बहिष्कार का खूब हल्ला मचा हुआ है। आए दिन ट्विटर पर हिंदी फिल्म को न देखने की मुहिम छेड़ी जा रही है। यानी कैंसिल कल्चर भी जोरों-शोरों से ट्रेंड हो रहा है। इस कल्चर पर लोग अपनी-अपनी राय भी दे रहे हैं। इस मामले में अब ‘राम तेरी गंगा मैली’ फेम मंदाकिनी ने भी प्रतिक्रिया दी है और मीडिया से बातचीत में मन की भड़ास निकाली है।

आपको बता दें कि  मंदाकिनी (Mandakini) 25 साल बाद इंडस्ट्री में वापस लौटी हैं। उनका हाल ही में एक म्यूजिक वीडियो रिलीज हुआ है। ऐसे में उन्होंने एक खबरिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने निगेटिविटी, कैंसिल कल्चर और बायकॉट पर कहा है कि यह सभी बातें बहुत दुख देती हैं। क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं था। डायरेक्टर्स को गुरू की नजरों से देखा जाता था। सभी कलाकार उनकी इज्जत किया करते थे। हम लोगों ने तो हमेशा उनका सम्मान किया है। पहले जो एक अपनापन था, वह अब जैसे कहीं खो-सा गया है। दिखता ही नहीं है। शायद यही वजह है कि लोग आज इंडस्ट्री में एक-दूसरे पर आरोपों की बारिश करते हैं।

अभिनेत्री मंदाकिनी ने कहा कि पहले जो एक लिहाज था। वह अब खत्म हो गया है। ‘लोगों के अंदर इतना घमंड आ गया है कि उनको लगता है कि वो चाहें तो इंडस्ट्री की कायापलट कर सकते हैं। उसको पलट कर रख सकते हैं। इतना ही नहीं। उनकी ही बदौलत ये चलती भी है।’ एक्ट्रेस का कहना है कि घमंड, अहंकार की भावना तो होनी ही नहीं चाहिए। इंसान जितना ऊंचाई पर रहे, उसे विनम्र होना चाहिए। क्योंकि आम जनता आपको देखती है। प्यार करती है। आपको ही आइडियलाइज करती है। और जब उनको आपका एरोगेंस देखता है तो जाहिर है कि उनका गुस्सा सामने आएगा ही। और उनके गुस्सा का ही नतीजा है बायकॉट और कैंसिल कल्चर। और कोई कराण नहीं है।

इस दौरान अदाकारा मंदाकिन ने कहा कि हो सकता है कि फिल्म के लोग ही इन चीजों को बढ़ावा दे रहे हों। उनके मुताबिक, ‘मुझे ऐसा लगता है कि ये सब प्लानिंग के तहत हो रहा है। उसका ही हिस्सा है। पॉलिटिकली और इंडस्ट्री के लोग मिलकर ये प्लानिंग प्लॉटिंग कर रहे हैं। कई बार तो मुझे इस बात का संदेह भी होता है कि लोग जो एक-दूसरे के बारे में बोल रहे हैं, उन्हें भी कोई सिखाकर ही आगे खड़ा कर रहा है। हर चीज में बेईमानी नजर आने लगी है। वैसे भी आप झूठ को कितना ही छिपाएंगे।’

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