मुंबईः फेड रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलों और वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका से अमेरिकी शेयर बाजार भी सोमवार को औंधेमुंह गिरे। वहीं विदेशी बाजारों में आई गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की चौतरफा बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार भी लगातार दूसरे दिन गिरा। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को डेढ़ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊ जोंस 1.91 फीसद यानी 643 अंक लुढ़ककर 33063 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डैक 2.55 फीसद टूटकर 12381 और एसएंडपी 2.14 फीसद गिरकर 4137.99 के स्तर पर बंद हुआ।

अन्य विदेशी बाजारों में भी गिरावट रही। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। आपको बता दें कि अमेरिका में वॉल स्ट्रीट में शुक्रवार को भी नुकसान रहा था। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.43, जर्मनी का डैक्स 1.74, जापान का निक्केई 0.47 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.59 प्रतिशत गिर गया जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.61 प्रतिशत की बढ़त रही। अब आपको शेयर बाजार में गिरावट की प्रमुख वजहों को बताते हैं-

  • विश्व के तमाम केंद्रीय बैंकों ने तेज ब्याज वृद्धि के दिए संकेत
  • शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट का रुख रहा था
  • डॉलर इंडेक्स के फिर ऊपर की राह पकड़ने से बना दबाव
  • मासिक वायदा कटान से पहले मुनाफावसूली
  • छोटी और मझौली कंपनियों में ऊपरी स्तर पर तेज बिकवाली

भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों की गिरावट से निवेशकों को 6.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6,57,758.04 करोड़ रुपये घटकर 2,73,95,002.87 करोड़ रुपये पर आ गया। कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, हाल की तेजी के बाद बाजार में गिरावट आना तय था।

सितंबर बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख की आशंका एक नई चिंता है। इसके साथ डॉलर सूचकांक के मजबूत होने से निवेशकों में थोड़ी चिंता बढ़ी और बैंक, आईटी, धातु तथा रियल्टी शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

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