दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नई आबकारी नीति को लेकर सवालों के घेरे में हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को सिसोदिया सहित दो नौकरशाहों के आवास पर छापा मारा। सीबीआई की टीम सिसोदिया के घर से रात साढ़े दस बजे वापस लौटी। सीबीआई की कार्रवाई को लेकर सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि साजिशें ना उन्हें तोड़ सकेंगी और न ही अच्छी शिक्षा के लिए काम करने के उनके संकल्प को बाधित कर पाएंगी। चलिए अब आपको बताते हैं कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के छानबीन की वजह क्या है।
दरअसल नई आबकारी नीति को लेकर मुख्य सचिव नरेश कुमार को जांच में खामियां मिली हैं, जिसके आधार पर एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। अब आपको बताते हैं कि नरेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में क्या खामियां बताई हैं।
- जब्त की जाने वाली 30 करोड़ रुपये की राशि लौटाई-एयरपोर्ट जोन में खुदरा बिक्री की दुकानें नहीं खुल पाईं। इस स्थिति में आबकारी विभाग को उस कंपनी की 30 करोड़ की ईएमडी राशि को जब्त किया जाना चाहिए। लेकिन सरकार ने ईएमडी वापस करने का फैसला किया।
- बीयर पर आयात शुल्क हटाने से राजस्व को नुकसान हुआ-विभाग ने सक्षम प्राधिकारी के अनुमति के बिना 18 नवंबर 2021 को विदेशी शराब की दरों की गणना के फॉर्मूले को संशोधित किया। बीयर के प्रति केस पर 50 रुपये की दर से लगने वाले आयात शुल्क को हटाया, जिससे घाटा हुआ।
- भुगतान में चूक के बाद भी रियायत दी- विभाग ने एल7जेड लाइसेंसधारियों को निविदा दस्तावेज के प्रावधानों में फिर से ढील दी, जबकि भुगतान में चूक के लिए वास्तव में कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
- लाइसेंस शुल्क पर 144 करोड़ की छूट-कोरोना के कारण निविदा लाइसेंस शुल्क पर 36 करोड़ की छूट दी, जबकि निविदा दस्तावेज में लाइसेंस शुल्क में मुआवजे या छूट का विशेष प्रावधान उपलब्ध नहीं था। इसके चलते सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ का नुकसान हुआ।
- बिना मंजूरी ठेके खोलने की अनुमति-हर वार्ड में कम से कम दो शराब ठेके खोलने की शर्त पर निविदा जारी की थी। बाद में विभाग ने बगैर स्वीकृति के बिना गैर-अनुरूपता वाले वार्ड में अतिरिक्त ठेके की अनुमति दी।
- खुलेआम शराब के प्रचार पर कार्रवाई नहीं की गई-शराब पीने का प्रचार सोशल मीडिया, बैनर, होर्डिंग के जरिए किया गया। इसके बाद भी उन लाइसेंसधारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई। यह दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 26 और 27 का पूर्ण उल्लंघन है।
- शुल्क बिना बढ़ाए शराब बिक्री लाइसेंस की अवधि में इजाफा-सरकार पर आरोप है कि निविदा लाइसेंस शुल्क में वृद्धि के बिना एल-7जेड लाइसेंसधारियों और एल-1 लाइसेंसधारियों के लिए परिचालन अवधि को पहले एक अप्रैल से 31 मई तक और फिर एक जून से 31 जुलाई तक बढ़ाया गया।
सीबीआई ने नई आबकारी नीति को लेकर 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है…
- मनीष सिसोदिया, उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार
- आर. गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दिल्ली सरकार
- आनंद तिवारी, तत्कालीन उपायुक्त आबकारी विभाग, दिल्ली सरकार
- पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त आबकारी विभाग दिल्ली सरकार
- विजय नायर, पूर्व मुख्य सीईओ ओनली मच लाउडर, मुंबई (इवेंट मैनेजमेंट कंपनी)
- मनोज राय, पूर्व कर्मचारी मेसर्स पेरनॉड रिकॉर्ड गोमती नगर लखनऊ
- अमनदीप ढाल, निदेशक, मेसर्स ब्रिडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड।
- समीर महेंद्रू, प्रबंध निदेशक, इंडोस्प्रीट ग्रुप।
- अमित अरोड़ा, निदेशक, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
- दिनेश अरोड़ा, गुजरावाला टाउन फेज-एक दिल्ली
- सन्नी मारवाह, महादेव लिकर्स
- अरूण रामचंद्र पिल्लइ, तेलंगाना
- अर्जुन पांडेय, डीएलएफ फेज तीन गुरुग्राम
- मेसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, विपुल ग्रीन गुरुग्राम हरियाणा
- महादेव लिकर्स, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया दिल्ली।
- अन्य अज्ञात सरकारी कर्मचारी तथा निजी व्यक्ति