दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में 21 अप्रैल 2022 को थोड़ी ज्यादा चहल-पहल थी। इसकी वजह थी कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ) के अधिकारी नरेश कुमार नए मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभालने आ रहे थे। केंद्र सरकार ने उन्हें दो दिन के भीतर ही पदभार ग्रहण करने को कहा था।
प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अफसर उनके स्वागत में खड़े थे। नरेश कुमार के पदभार ग्रहण करने के पहले जिसके कयास लगाए जा रहे थे, वहीं हुआ। काम संभालते ही कुमार ऐक्शन में आ गए। आपको बता दें कि उस समय दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति खूब चर्चाओं में थी और कुमार ने अपने ऐक्शन की शुरुआत वहीं से की। आबकारी विभाग की फाइलें पलटते-पलटते उन्हें समझ आने लगा कि कुछ ‘खेल’ हुआ है। वह डॉजियर तैयार करने में लग गए। करीब ढाई महीने बाद नई आबकारी नीति को लागू करने में हुई ‘गड़बड़ियों’ की जांच रिपोर्ट उप राज्यपाल वीके सक्सेना की मेज पर पहुंच गई। सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। आंच बढ़ने पर दिल्ली सरकार ने नई नीति को वापस लेने का फैसला किया।
अब सीबीआई ने नरेश कुमार की जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज करके छापेमारी शुरू कर दी है। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ छापेमारी की। कुमार की वह जांच रिपोर्ट इस वक्त दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए परेशानी का सबसे बड़ा सबब बनी हुई है। अब चलिए आपको बताते हैं कि दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार कौन हैं?
नरेश कुमार 1987 बैच के आईएएस हैं। उनका कैडर AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों) है। AGMUT उत्तर प्रदेश (489 पद) के बाद सिविल ऑफिसर्स का दूसरा सबसे बड़ा कैडर (457 स्वीकृत पद) है। इंजिनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले नरेश कुमार ने एमबीए भी कर रखा है।
दिल्ली का मुख्य सचिव बनाए जाने से पहले नरेश कुमार करीब ढाई साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव रहे। वह एनडीएमसी के चेयरमैन और डीटीसी के सीएमडी समेत दिल्ली सरकार में कई अन्य अहम पदों पर अपने सेवाएं दे चुके हैं। नरेश कुमार 2000-03 और 2012-15 के बीच केंद्र सरकार में डेप्युटेशन पर भी रहे हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव को एक और काम सौंप रखा है। सक्सेना ने 24 जुलाई को कुमार से कहा था कि वे दिल्ली में ‘कार्टेलाइजेशन, मोनोपॉली और ब्लैकलिस्टेड फर्मों को फायदा पहुंचाने’ के आरोपों की जांच करें। एलजी ऑफिस को एक शिकायत मिली थी जिसमें कहा गया था कि 2021-22 में आबकारी लाइसेंस देने में ‘बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।
सक्सेना ने कुमार से 15 दिन में खुद को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट सौंपने को कहा था। हालांकि, हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट अबतक एलजी सचिवालय नहीं पहुंची है। चीफ सेक्रेटरी ने एलजी को पहले जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें शराब के कारोबार में कार्टेलाइजेशन या मोनोपॉली की बात नहीं थी।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर कई आला अफसर कल्पवास कर रहे हैं। इनमें डीएम से…
प्रयागराज: आपने सुदर्शन दंड, नारायण दंड समेत पांच दंड के बारे में सुना होगा, जिसे दंडी संन्यासी धारण करते हैं।…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्लीवासियों के राष्ट्रीय राजधानी को नई ऊंचाई पर…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल को झूठ गढ़ने का मशीन करार…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP पर लोकपाल के गठन जैसे…
प्रयागराजः आस्था और धार्मिक संस्कृति के प्रतीक महाकुंभ का आज 10वां दिन है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रयागराज महाकुंभ में…