पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। महागठबंधन के मुख्यमंत्री के तौर पपर 10 अगस्त को आठवीं बार शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने  मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल में 31 मंत्रियों को शामिल किया। मंत्री बनने वाले कुल 31 विधायकों में आरजेडी (RJD) से सबसे ज्यादा 16, जेडीयू (JDU)  से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय शामिल है।

अगर वजन के लिहाज से देखें,  तो ज्यादातर बड़े विभाग जेडीयू के पास हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास गृह, सामान्य प्रशासन समेत 5 विभाग रखे हैं। वहीं, वित्त विभाग जेडीयू के विजय चौधरी को दिया गया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास और ग्रामीण कार्य का जिम्मा मिला है, जबकि लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सौंपा गया है। इधर कांग्रेस के 19 में से केवल 2 विधायक मंत्री बने हैं। उन्हें भी पंचायती राज, मत्स्य और पशुपालन जैसे विभाग दिए गए हैं।

नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में पिछड़े-दलितों को पिछली बार से ज्यादा मौका मिला, तो अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या में कमी आई। सबसे ज्यादा 8 यादव मंत्री कैबिनेट में हैं। पिछड़ी और अति पिछड़ी कैटेगरी (OBC-EBC) से सबसे ज्यादा 17, दलित वर्ग से 5 और मुस्लिम समुदाय से 5 चेहरे लिए गए हैं। आपको बता दें कि एनडीए (NDA) सरकार में अपर कास्ट के 11 मंत्री थे, जो इस बार घटकर 6 हो गए हैं। तब 13 OBC-EBC और 2 मुस्लिम चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल थे।

महागठबंधन में सबसे ज्यादा बजट वाले विभाग आरजेडी को मिले हैं। उसके हिस्से में 20 विभाग आए हैं, जिसका कुल बजट 99305.61 करोड़ रुपए है। वहीं जेडीयू को भी 20 विभाग मिले हैं। इनका बजट 68902 करोड़ रुपए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ढाई गुना ज्यादा बजट वाले विभाग उप मुख्यमंत्री सीएम तेजस्वी यादव के पास है। उपमुख्यमंत्री को 40,741.32 करोड़ रुपए बजट के 4 विभाग हैं, जबकि नीतीश कुमार के 5 विभागों का बजट 16027.65 करोड़ रुपए है।

नीतीश  कुमार के नेतृत्ववाल  महागठबंधन सरकार में मिथिलांचल से सबसे ज्यादा 10 मंत्री बनाए गए हैं। इसके बाद भोजपुर-शाहाबाद से 7 और मगध से 4 मंत्री बने हैं। वहीं, कोशी से 2, सीमांचल से 3 और अंग प्रदेश से 2 मंत्री बनाए गए हैं।

नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में आरजेडी से कार्तिक सिंह, जितेंद्र राय और सुधाकर सिंह और ललित यादव के नाम ने चौंकाया है। कार्तिक सिंह पहली बार आरजेडी से एमएलसी बने हैं, जिन्हें बाहुबली अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। सुधाकर सिंह पहली बार के विधायक हैं, जो आरजेडी के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। वहीं, जितेंद्र राय सबसे कम उम्र के विधायक हैं।

वहीं, जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से मदन मोहन झा और अजीत शर्मा का नाम सबसे ऊपर था, लेकिन आखिरी समय में उनके नाम कट गए। आरजेडी के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र को भी आखिर में मंत्री पद नहीं दिया गया।

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