दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया है। यह लगातार नौवां मौका था, जब पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने 83 मिनट के संबोधन में देश के सामने पांच संकल्प रखे।

इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का भी जिक्र किया। साथ ही महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्री नेहरू, वीर सावरकर, श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसी महान विभूतियों को यादकर उन्हें नमन किया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सरदार भगत सिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद,  रामप्रसाद बिस्मिल,  सुखदेव और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों को भी याद कर उन्हें नमन किया। इसके अलावा मोदी ने महारानी लक्ष्मीबाई, दुर्गा भाभी जैसी वीरांगनाओं को भी नमन किया।

मोदी अपने संबोधन के दौरान नारी शक्ति के सम्मान और उनके गौरव की बात करते हुए भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा, “मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता। मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं। वह है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोल चाल, हमारे शब्दों में.. हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। मोदी ने लाल किले के प्राचीर से अब तक नौ बार राष्ट्र को संबोधित किया है। उनके भाषण की अवधि इस प्रकार है….
पहला 2014- 65 मिनट
दूसरा 2015- 86 मिनट
तीसरा 2016-96 मिनट
चौथा 2017-56 मिनट
पांचवां 2018-82 मिनट
छठा 2019-93 मिनट
सातवां 2020-86 मिनट
आठवां 2021-88 मिनट
नौवां 2022- 83 मिनट

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