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आज का इतिहासः आज के ही दिन भारत रत्न से नवाज गए थे खान अब्दुल गफ्फार खान, बने थे देश का सर्वोच्च पुरस्कार पाने वाले पहले गैर भारतीय - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः आज के ही दिन भारत रत्न से नवाज गए थे खान अब्दुल गफ्फार खान, बने थे देश का सर्वोच्च पुरस्कार पाने वाले पहले गैर भारतीय

दिल्लीः आज ही के दिन यानी 14 अगस्त 1987 में फ्रंटियर गांधी के नाम से मशहूर खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न दिया गया था। वे पहले गैर-भारतीय थे, जिन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। खान अब्‍दुल गफ्फार खान का जन्म 6 फरवरी 1890 को हुआ था। उनके पिता ने विरोध के बावजूद उनकी पढ़ाई मिशनरी स्कूल में कराई थी। आगे की पढ़ाई के लिए वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गए।

20 साल की उम्र में उन्होंने अपने गृहनगर उत्मान जई में एक स्कूल खोला जो थोड़े ही महीनों में चल निकला, पर अंग्रेजी हुकूमत ने उनके स्कूल को 1915 में प्रतिबंधित कर दिया। अगले 3 साल तक उन्होंने पश्तूनों को जागरूक करने के लिए सैकड़ों गांवों की यात्रा की। कहा जाता है कि इसके बाद लोग उन्हें ‘बादशाह खान’ नाम से पुकारने लगे थे।

उन्होंने सामाजिक चेतना के लिए ‘खुदाई खिदमतगार’ नाम के एक संगठन की भी स्थापना की। इस संगठन की स्थापना महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह जैसे सिद्धान्तों से प्रेरित होकर की गई थी।

नमक सत्याग्रह के दौरान गफ्फार खान को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में खुदाई खिदमतगारों के एक दल ने प्रदर्शन किया। अंग्रेजों ने इन निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया, जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए।

जब ऑल इंडिया मुस्लिम लीग भारत के बंटवारे पर अड़ी हुई थी, तब बादशाह खान ने इसका सख्त विरोध किया। जून 1947 में उन्होंने पश्तूनों के लिए पाकिस्तान से एक अलग देश की मांग की, लेकिन ये मांग नहीं मानी गई। बंटवारे के बाद वे पाकिस्तान चले गए।

पाकिस्तान सरकार उन्हें अपना दुश्मन समझती थी, इसलिए वहां उन्हें कई साल जेल में रखा गया। 1988 में हाउस अरेस्ट के दौरान पाकिस्तान में ही उनका निधन हो गया। जिंदगीभर अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बादशाह खान की अंतिम यात्रा भी अहिंसक न रह सकी। उनकी अंतिम यात्रा में 2 विस्फोट हुए, जिसमें 15 लोग मारे गए।

वर्षों तक भारत पर राज करने के बाद अंग्रेज भारत को आजाद करने के लिए राजी तो हुए थे, लेकिन ये आजादी अपने साथ विभाजन की त्रासदी भी लेकर आई थी। 1947 में आज ही के दिन भारत का बंटवारा हुआ और एक नया देश पाकिस्तान बना। आज पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 20 फरवरी 1947 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने भारत की आजादी की घोषणा की और इसकी जिम्मेदारी सौंपी लॉर्ड माउंटबेटन को।

माउंटबेटन ने एक प्लान बनाया जिसे 3 जून प्लान भी कहा जाता है। इसमें कहा गया कि भारत की स्थिति को देखते हुए केवल विभाजन ही विकल्प है। भारत आजाद तो होगा, लेकिन साथ ही उसका विभाजन भी होगा।

इस प्लान में रियासतों को भी सुविधा दी गई कि वे भारत या पाकिस्तान के साथ मिल सकती हैं या आजाद रह सकती हैं। 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश पार्लियामेंट ने इस बिल को पास कर दिया। भारत की आजादी और विभाजन पर ब्रिटिश पार्लियामेंट की मुहर लग गई।

भारत के आधुनिक इतिहास में विभाजन को सबसे त्रासद घटना के तौर पर गिना जाता है। राजनीतिक कारणों से होने वाला ये अब तक का सबसे बड़ा विस्थापन है। बंटवारे के दौरान दंगे भी हुए जिसमें लाखों लोग मारे गए।

देश में हाईकोर्ट की स्थापना से पहले ब्रिटिश सरकार और ईस्ट इंडिया कंपनी की दोहरी न्याय प्रणाली से भारतीयों के मुकदमों का फैसला होता था। कंपनी और ब्रिटिश राजा की अदालत के क्षेत्राधिकार अलग-अलग हुआ करते थे। 1858 में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन खत्म हो गया। 1861 में इंडियन हाईकोर्ट एक्ट पास होने के बाद न्यायालयों का एकीकरण हुआ और न्याय व्यवस्था ब्रिटिश सरकार के हाथों में आ गई।

ब्रिटिश सरकार को सर्वोच्च न्यायालयों और सदर अदालतों को खत्म करने की शक्ति भी मिली। बम्बई, कलकत्ता और मद्रास तीनों प्रेसिडेंसी में एक-एक हाईकोर्ट की स्थापना की गई।

इस कानून के जरिए सबसे पहले कोलकाता हाईकोर्ट की स्थापना हुई। आज ही के दिन 1862 में बॉम्बे हाईकोर्ट की स्थापना की गई। महाराष्ट्र, गोवा, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव के मामलों पर बॉम्बे हाईकोर्ट को सुनवाई करने का अधिकार दिया गया। शुरुआत में 15 जजों की नियुक्ति का ऑर्डर दिया गया, लेकिन 7 जजों की ही नियुक्ति हो पाई। हाईकोर्ट की वर्तमान बिल्डिंग को बनाने का काम 1871 में शुरू हुआ। फिलहाल पणजी (गोवा), औरंगाबाद और नागपुर में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 14 अगस्त को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1862: बंबई उच्च न्यायालय की स्थापना।
1908: इंग्लैंड के फोकेस्टोन में पहली सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन।
1917: चीन ने जर्मनी और आस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1924: प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार कुलदीप नैयर का जन्म।
1935: अमेरिकी कांग्रेस ने सोशल सिक्योरिटी एक्ट को पास किया।
1938: बीबीसी की पहली फीचर फिल्म (स्टूडेंट ऑफ प्राग) टेलिविजन पर प्रसारित।
1947: भारत का विभाजन, पाकिस्तान पृथक राष्ट्र बना।
1968: मोरारजी देसाई पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित।
1971: बहरीन को 110 वर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
1975: पाकिस्तानी सेना ने राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट किया।
1986: पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक ने बेनजीर भुट्टो को गिरफ्तार कर जेल में डलवा दिया।
2001: मेसेडोनिया सरकार तथा अल्बानियाई विद्रोहियों में समझौता, आयरिश रिपब्लिकन आर्मी द्वारा निशस्त्रीकरण से इन्कार।
2002: पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ़ ने कश्मीर के चुनावों को ढोंग करार दिया।
2003: पूर्वी अमेरीका और कनाडा में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप्प, जिसका असर न्यूयॉर्क और ओटवा जैसे बड़े शहरों पर भी पड़ा।
2006: आधिकारिक तौर पर प्लूटो को ग्रह नहीं मानने की घोषणा की गई।
2006: संयुक्त राष्ट्र की पहल पर इजरायल और दक्षिणी लेबनान में पांच सप्ताह से जारी संघर्ष थमा।
2006: इराक के कहतानिया में बमबारी में 400 लोग मारे गये।
2010: पहले समर यूथ ओलिंपिक की शुरुआत हुई।
2013: मिस्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में 638 लोग मारे गये।

 

General Desk

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