दिल्लीः आरएसएस (RSS) यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  ने शुक्रवार को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर बदल ली। आरएसएस ने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल में भगवा ध्वज हटाकर तिरंगा लगा लिया है। साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत और संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भी अपनी डीपी में राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा लगा लिया है।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज पर स्टैंड को लेकर विपक्ष लगातार आरएसएस को घेरने की कोशिश कर रहा था। वहीं, आरएसएस प्रचार विभाग के सह प्रभारी नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि संघ अपने सभी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशी में सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले मन की बात के 91वें एपिसोड में अमृत महोत्सव के तहत 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक घरों पर तिरंगा झंड़ा फहराने और अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तिरंगा लगाने की अपील की थी। उसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी प्रोफाइल फोटो में तिरंगा लगाया है।

संघ  द्वारा अपने ऑफिशियल हैंडल पर भगवा ध्वज हटाकर तिरंगे की डीपी न लगाने को लेकर विपक्षी दल उसकी आलोचना कर रहे थे। सवाल किया जा रहा था कि आरएसएस और उसके नेता कब डीपी में तिरंगा लगाएंगे। कांग्रेस के नेशनल मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने कहा था कि क्या संगठन जिसने 52 वर्षों तक नागपुर में अपने मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया, वह ‘तिरंगा’ को प्रोफाइल बनाने के लिए प्रधानमंत्री के संदेश का पालन करेगा।

इससे पहले आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने संघ के सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाने के लिए हो रही आलोचना का बुधवार को जवाब देते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। आरएसएस पहले ही ‘हर घर तिरंगा’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को समर्थन दे चुका है।

संघ ने जुलाई में सरकारी और निजी निकायों और संघ से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में लोगों और स्वयंसेवकों के पूर्ण समर्थन और भागीदारी की अपील की थी। अंबेडकर ने कहा था कि इस तरह के मामलों और कार्यक्रमों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था- जो पार्टी ऐसे सवाल उठा रही है वह देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।

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