दिल्लीः बिहार में के सियासी गलियारे में नये गठबंधन के आकार लेने और एनडीए में टूट की आहट स्पष्ट तौर पर सुनाई दे रही है। राज्य में सोमवार की सुबह से शाम तक सियासी गतिविधियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं इस ओर साफ इशारा कर रही थीं। जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के बयानों में भाजपा के प्रति तल्खी साफ नजर आ रही है।

जदयू, राजद और हम ने मंगलवार को विधायक दलों की बैठक बुलाई है। इनमें नए गठबंधन पर अहम फैसला होना है। आपको बता दें कि नया गठबंधन आकार लेगा, तो संख्याबल करीब दो तिहाई होगा। महागठबंधन में राजद 79, कांग्रेस 19 और वामदल 16 यानी कुल 114 विधायक हैं। वहीं, जदयू-हम की संख्या 49 है। इन सभी दलों को मिलकर कुल 163 विधायक होते हैं।

राजद, जदयू, कांग्रेस एवं वामदलों के नए गठबंधन के आकार लेने की गूंज दिनभर सुनाई देती रही। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, “आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद जो स्थिति बनी है, उसे लेकर मंगलवार को बैठक होगी।“ उन्होंने भाजपा के प्रति सवालिया लहजे में यह कहकर नाराजगी जताई कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू का कौन नेता शामिल होगा, यह भाजपा तय करेगी?

उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार सुबह फोन पर बात भी हुई। हालांकि, बातचीत क्या हुई यह साफ नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जदयू की शर्तें भाजपा मान लेती है,  तो सरकार बनी भी रह सकती है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद,  शाहनवाज हुसैन, भीखू दलसानिया देर शाम दिल्ली रवाना हो गए। गठबंधन पर मंगलवार को मंथन हो सकता है। भाजपा नीतीश के फैसले का इंतजार करेगी।

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दिनभर जनता दरबार में रहे और भाजपा कोटे के दोनों उपमुख्यमंत्री से बात करते दिखे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंथन करते रहे। प्रमुख नेताओं को बयानबाजी न करने की सलाह देते रहे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा, “हालात पर पार्टी नजर रख रही है।“

आपको बता दें कि नीतीश कुमार अगर भाजपा से गठबंधन तोड़ते हैं, तो कांग्रेस के साथ-साथ भाकपा माले, माकपा और हम ने उनके समर्थन का एलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने का फैसला किया। माकपा ने कहा है कि बिहार में नये सत्ता समीकरण का वह स्वागत करेगा। वहीं एनडीए में जदयू के सहयोगी ‘हम’ ने कहा है कि वह हर निर्णय में जदयू के साथ है।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। पार्टी विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा के आवास पर सोमवार को बैठक हुई विधायकों की बैठक में पार्टी ने तय किया कि अगर कोई परिस्थिति बनती है और मुख्यमंत्री महागठबंधन के साथ सरकार बनाते हैं,  तो कांग्रेस उसका बिना शर्त समर्थन करेगी। साथ ही पार्टी ने फिलहाल सभी विधायकों को पटना में ही डटे रहने को कहा है।

उधर, जीतन राम मांझी ने कहा है कि हम पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर निर्णय के साथ हैं। उन्होंने मंगलवार को विधायकों-सांसदों की बैठक बुलाई है। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए अटूट और अटल है।

वहीं, जदयू के सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक मंगलवार को पटना में होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग में यह बैठक बुलाई है। बैठक में वर्तमान राजनीतिक हालात पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद जो परिस्थिति बनी है, उसपर सभी से राय लेने के लिए मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है।

उधर, राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक सवाल पर कहा कि एनडीए में अभी कुछ गड़बड़ नहीं है। हमलोगों की पार्टी में कुछ गतिविधियां हुई हैं, इस पर बात करने के लिए विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों की बैठक तय है। इसी में राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होगी।

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