पटनाः पांच साल बाद बिहार में जेडीयू और बीजेपी की राहे जुदा हो गई है। यानी जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूट गया है। पटना में मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू के सांसदों और विधायकों की बैठक में मंगलवार इसकी घोषणा की गई। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू सिंह चौहान से मिलने का समय मांगा है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू नेताओं के साथ नीतीश कुमार थोड़ी देर में राजभवन जाएंगे। उधर, पुलिस ने राजभवन के पास ने बैरिकेडिंग कर दी है। भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। वहीं आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों ने नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए पत्र तैयार कर लिया है। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सबकुछ तय हो गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कैबिनेट में शामिल बीजेपी कोटे के मंत्रियों को बर्खास्त किया जा सकता है। इस संबंध में राज्यपाल फागू सिंह चौहान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्र सौंप सकते हैं। आपको बता दें कि मौजूदा समय में नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के 16 मंत्री है, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री भी है।

बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार अब फ्लोर टेस्ट कराने की भी तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेडीयू ने सभी विधायकों को पटना में अगले 72 घंटों तक रहने का निर्देश दिया गया है। वर्तमान समय में बिहार विधानसभा में जेडीयू के 45 विधायक हैं।

उधर, आरजेडी के 14 विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और विपक्षी विधायकों द्वारा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ किये गये दुर्व्यवहार मसले पर विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर 14 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। राज्य में जारी सियासी गतिविधि के बीच इस मसले पर भी फैसले लिये जाने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है।

दरअसल, आचार समिति की सिफारिश अभी स्पीकर के स्तर पर विचाराधीन है। उस रिपोर्ट में क्या कार्रवाई की अनुशंसा की गई है यह सदन में पेश होने पर ही पता चलेगा। पर सूत्रों की मानें तो आरोपी 14 विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा बरकरार है।

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