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आज का इतिहासः आज के ही दिन भारत में शुरू हुआ था एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर, पीएम नेहरू ने अप्सरा दिया था नाम - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः आज के ही दिन भारत में शुरू हुआ था एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर, पीएम नेहरू ने अप्सरा दिया था नाम

दिल्लीः डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने जनवरी 1954 में एटॉमिक एनर्जी इस्टैब्लिशमेंट ट्रॉम्बे (AEET) की स्थापना की थी। डॉक्टर भाभा भारत में एटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देना चाहते थे। एटॉमिक रिएक्टर की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट पर काम कर रहे देशभर के तमाम इंजीनियर और वैज्ञानिकों को इस सेंटर में काम करने के लिए बुलाया गया।

15 मार्च 1955 को भारत के पहले न्यूक्लियर रिसर्च रिएक्टर को बनाने का फैसला लिया गया। डॉक्टर भाभा इस पूरे प्रोग्राम के हेड थे। फैसला लिया गया कि ये रिएक्टर एक स्विमिंग पूल की तरह होगा और इसकी क्षमता 1 मेगावॉट थर्मल (MWt) होगी।

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के परिसर में ही रिसर्च रिएक्टर को बनाने का काम शुरू हुआ। एक बड़ी समस्या रिएक्टर के लिए न्यूक्लियर फ्यूल की थी। इसके लिए ब्रिटेन से बात की गई। ब्रिटेन और भारत के बीच एक डील हुई जिसमें ये फैसला लिया गया कि रिएक्टर के लिए जरूरी यूरेनियम की आपूर्ति ब्रिटेन करेगा।

देशभर के तमाम वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत कर केवल 15 महीने में रिएक्टर का काम पूरा कर दिया। इसके बाद आज ही के दिन यानी 04 अगस्त 1956 में इस रिएक्टर को शुरू किया गया। ये भारत के साथ ही पूरे एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर था।

कहा जाता है कि रिएक्टर से निकलती हुई नीली किरणें प्रधानमंत्री नेहरू को इतनी पसंद आई कि उन्होंने रिएक्टर का नाम ‘अप्सरा’ रख दिया। अगले कई दशकों तक रिएक्टर का इस्तेमाल एटॉमिक एनर्जी से जुड़ी रिसर्च करने में किया गया।

साल 2009 में रिएक्टर की क्षमता बढ़ाने और मेंटेनेंस के लिए इसे बंद किया गया। रिएक्टर की क्षमता को 1 से बढ़ाकर 2 मेगावॉट थर्मल (MWt) किया गया और फ्यूल भी भारत में ही बनाया जाने लगा। 10 सितंबर 2018 को दोबारा इस रिएक्टर को शुरू किया गया। ये अप्सरा का अपग्रेडेड वर्जन था] इसलिए इसे ‘अप्सरा-यू’ या ‘अप्सरा अपग्रेडेड’ नाम दिया गया।

4 अगस्त 1944। जर्मनी के सैनिकों को खबर मिली कि एम्सटर्डम के प्रेंसिनग्राक्ट के मकान नंबर 263 में कुछ यहूदी छिपे बैठे है। सैनिकों ने इस मकान पर दबिश दी और 8 यहूदियों को घर से बाहर निकाला। ये सभी यहूदी पिछले 2 साल से इसी घर में छिपे थे। पकड़े गए 8 यहूदियों में से एक एनी फ्रैंक भी थी, वह लड़की जिसकी लिखी हुई डायरी जर्मनी के अत्याचार का लिखित दस्तावेज मानी जाती है।

एनी फ्रैंक का जन्म 12 जून 1929 को एक यहूदी परिवार में हुआ था। जर्मनी में यहूदियों के प्रति बढ़ती नफरत की वजह से एनी फ्रैंक को अपने परिवार के साथ नीदरलैंड आना पड़ा, लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने नीदरलैंड पर भी कब्जा कर लिया। अब फ्रैंक के परिवार के लिए मुश्किलें और बढ़ने लगीं। परिवार ने जर्मन सैनिकों से बचने के लिए एक गुप्त जगह को ही अपना ठिकाना बना लिया। यहीं पर एनी फ्रैंक जन्मदिन पर गिफ्ट में मिली एक डायरी में अपने विचार लिखने लगीं। एनी ने इस गुप्त जगह में होने वाली हर घटना को अपनी डायरी में दर्ज किया।

1 अगस्त को एनी ने अपनी डायरी में आखिरी बार कुछ लिखा था। 4 अगस्त को एनी के साथ 7 लोगों को जर्मन सैनिकों ने गिरफ्तार कर यातना शिविर में भेज दिया। इसी यातना शिविर में बीमारी की वजह से एनी फ्रैंक की मौत हो गई।

एनी की डायरी को सबसे पहले 1947 में डच भाषा में पब्लिश किया गया। इस बुक की फरवरी 1948 तक 20 हजार से ज्यादा कापियां बिकीं। 1952 में इस बुक को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया गया। आज 70 से ज्यादा भाषाओं में एनी की डायरी ट्रांसलेट हो चुकी है, जिसकी करोड़ों प्रतियां बिक चुकी हैं।

एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 10 मार्च 1876 को अपने असिस्टेंट को फोन किया और कहा – “मिस्टर वॉटसन! इधर आइए।”

बेल के ये शब्द इतिहास में दर्ज हो गए। ये किसी टेलीफोन कॉल पर बोले गए दुनिया के पहले शब्द थे। इसने दुनिया में नई संचार क्रांति को जन्म दिया।

बेल के इस आविष्कार के बाद टेलीफोन काफी फेमस हुआ। बेल ने बेल कॉर्पोरेशन के नाम से खुद की कंपनी भी बनाई, जो टेलीफोन बनाने का काम करती थी। हालांकि कंपनी बनाने के 2 साल बाद ही बेल ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और रिसर्च और समाजसेवा के काम में लग गए।

अगस्त 1922 तक पूरे अमेरिका में 14 करोड़ फोन बिक चुके थे। 2 अगस्त 1922 को ग्राहम बेल का निधन हो गया। आज ही के दिन 1922 में उन्हें दफनाया गया। बेल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से पूरे अमेरिका और कनाडा में एक मिनट के लिए सभी फोन को बंद किया गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 04 अगस्त को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1666- नीदरलैंड और इंग्लैंड के बीच समुद्री लड़ाई हुई।
1886- कोलंबिया ने संविधान अंगीकार किया।
1870- ब्रिटिश रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना हुई।
1914- जर्मनी के पहले विश्वयुद्ध में शामिल होने के बाद ब्रिटेन ने भी युद्ध में उतरने की घोषणा की।
1929- अभिनेता, गायक, निर्देशक किशोर कुमार का जन्म।
1935- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट 1935 को ब्रिटिश राजशाही की मंजूरी मिली।
1954- पाकिस्तान सरकार ने हाफिज जलंधरी द्वारा लिखे गीत को राष्ट्रगान के रूप में अपनाने पर सहमति दी।
1956- देश का पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर अप्सरा शुरू हुआ।
1961- अमेरिका के पहले अश्‍वेत राष्‍ट्रपति बराक ओबामा का जन्‍म हुआ था।
1967- विश्व के सबसे लंबे चिनाई बांध नागार्जुनसागर का निर्माण।
1997- मो. ख़ातमी ने ईरान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
2000- ब्रिटेन की महारानी राजमाता एलिजाबेथ ने अपना सौवां जन्मदिन मनाया।
2001- रूस और उत्तरी कोरिया के बीच सामरिक समझौता हुआ।
2004- नासा ने एल्टिक्स सुपर कम्प्यूटर केसी को कल्पना चावना नाम दिया।
2006- उड़ीसा की महिला मुख्यमंत्री तथा लेखिका नंदिनी सत्पथी का निधन।
2007- अमेरिका ने स्पेस प्रोब फीनिक्स को लॉन्च किया। इसी मिशन ने मंगल की सतह के नीचे पानी और बर्फ होने का पता लगाया था।
2008- सरकार ने भारतीय जहाजरानी निगम को नवरत्न का दर्जा दिया।
2018- वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर एक लाइव टीवी इवेंट के दौरान ड्रोन से हमला किया गया। हालांकि मादुरो इस हमले में बच निकले।

 

Shobha Ojha

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