दिल्लीः डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर दिए अपने विवादित बयान पर आलोचनाओं का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा झुकने को तैयार नहीं है। वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं और कहा कि कि मरते दम तक अपने स्टैंड पर हूं। मोइत्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं कोर्ट में मिलूंगी। आपको बता दें कि मोइत्रा ने कहा था कि मेरे लिए काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद के इस बयान पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने अपने बयान के बचाव में कहा कि मैं मरते दम तक अपने बयान का बचाव करती रहूंगी। मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहां सिर्फ बीजेपी का पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी दृष्टिकोण हावी रहेगा और बाकी लोग धर्म के इर्द-गिर्द घूमते रहेंगे। देशभर में कई एफआईआर दर्ज होने पर उन्होंने कहा कि उन सबको मैं कोर्ट में मिलूंगी।
मां काली पर मोइत्रा के बयान के बाद पश्चिम बंगाल में भी हंगामा मचा है। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मोइत्रा के खिलाफ विरोध तक तक जारी रहेगा, जब तक वह देवी काली पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगतीं हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा कि राज्य भर में मोइत्रा के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं।
चलिए अब आपको बताते हैं कि क्या है मामला: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। लोगों की अलग अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है। हिंदू होते हुए भी मुझे मेरी काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी है और लोगों को भी होनी चाहिए। आपको अपने भगवान को अपने हिसाब से पूजने की आजादी होनी चाहिए।
मोइत्रा ने कहा कि अगर आप भूटान और सिक्किम जाएं तो वहां पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है, लेकिन यही आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है। उन्होंने तारापीठ का जिक्र करते हुए कहा कि आप अगर वहां जाएं तो काली के मंदिर के पास साधू आपको स्मोकिंग करते हुए मिलेंगे।
महुआ मोइत्रा की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई थी जब एक फिल्म ‘काली’ के एक पोस्टर में हिंदुओं की देवी मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। इतना ही नहीं उनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा दिखाया गया है। इन्हीं दो चीजों पर विवाद हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस फिल्म के फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई पर भड़के हुए हैं। कई लोग लीना मणिमेकलई को अरेस्ट करने की मांग भी कर रहे हैं।