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पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में संजय राउत की हो सकती है गिरफ्तारी, राउत के घर पहुंची है ईडी की टीम, तीन घंटे से कर रही है पूछताछ

मुंबईः महाराष्ट्र में पात्रा चॉल जमीन घोटाले की जांच कर ईडी (ED ) यानी प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के घर पहुंची है। ईडी की टीम सुबह साढ़े सात बजे की राउत के घर पहुंची। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईडी के करीब 10 से 12 अफसर संजय राउत और उनके करीबियों के घर कार्रवाई कर रहे हैं। इनमें से सात राउत के घर पर हैं, बाकी उनके दो करीबियों के घर कार्रवाई कर रहे हैं।

ईडी अधिकारी संजय राउतर के अलावा उनके परिवार से भी पूछताछ की रही है। ईडी की टीम महाराष्ट्र के 1034 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में राउत से पूछताछ कर रही है। वहीं, ईडी दफ्तर पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। संभावना है कि ईडी राउत को हिरासत में लेकर यहां ला सकती है।

ईडी ने संजय राउत को 27 जुलाई को तलब किया था, लेकिन वह ईडी दफ्तर में उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी अधिकारी उनके घर पहुंचे हैं। संजय राउत और उनके विधायक भाई सुनील राउत दोनों इस वक्त अपने भांडुप के बंगले मैत्री पर मौजूद हैं।

उधर, संजय राउत ने ईडी की कार्रवाई शुरू होने के बाद ट्वीट करके अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा, “मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर यह कह रहा हूं। बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा। यह झूठी कार्रवाई है। झूठा सबूत है। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा।“

उधर, संजय राउत के घर ईडी की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके घर के बाहर जमा होना शुरू हो गए हैं। कार्यकर्ता केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

ईडी की यह कार्रवाई मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा हुआ है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में प्रवीण राउत की नौ करोड़ रुपए और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।

आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए (MHADA) और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

आपको बता दें कि 2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच हो रही थी, तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपए का कर्ज दिया गया था। ईडी की टीम इसी बात की जांच कर रही है कि ये ट्रांजेक्शन क्यों किया गया। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं।

General Desk

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