बर्मिंघमः ब्रिटेन के चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन भारत का खाता चांदी से खुला। वेटलिफ्टिंग से भारत को पहला मेडल आया। भारत के 21 साल के बाहुबली संकेत महादेव सरगर ने गजब की ताकत दिखाते हुए सिल्वर मेडल जीता। अगर वह क्लीन ऐंड जर्क के दूसरे राउंड में चोटिल न हुए होते तो मेडल का रंग सुनहरा भी हो सकता था। वह महज एक किलो के अंतर से गोल्ड से चूके। खैर सोना न सही,चांदी ही सही। इस मुकाबले के कुछ देर बाद गुरुराजा पुजारी ने 61 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत को दूसरी कामयाबी दिलाई।
भारत को पहला पदक दिलवाने वाले संकेत पिता के साथ पान बेचने हैं। वेटलिफ्टिंग महादेव सरगर महाराष्ट्र में सांगली के मेन मार्केट में संकेत के पिता पान और चाय की दुकान चलाते हैं। संकेत भी पापा के कामों में हाथ बंटाते हैं।
सांगली जिला वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील नाईक के मुताबिक संकेत 2013 से वेटलिफ्टिंग कर रहे हैं। वह जिला कोच मयूर के पास ट्रेनिंग कर रहे हैं। संकेत के पापा सांगली सिटी में मेन चौक पर चाय और पान का ठेला लगाते हैं। संकेत दो भाई और एक बहन हैं। उनकी छोटी बहन भी खेलो इंडिया गेम्स में महाराष्ट्र के लिए गोल्ड जीत चुकी है।
संकेत ने 2017 से ही कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान सुनील कोच मयूर के पास रोजाना सात घंटे अभ्यास करते थे। इसके बाद उनका सेलेक्शन नेशनल कैंप के लिए हो गया। फिर उन्होंने मुख्य कोच विजय शर्मा के मार्गदर्शन में तैयारी की। पिछले साल वर्ल्ड चैंपियन में भी संकेत देश के लिए सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
संकेत से बर्मिंघम में गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। संकेत के कोच मयूर ने बताया कि उन्हें गोल्ड की आस थी। जब वे 248 किलो मीटर वेट उठा कर टॉप पर चल रहे थे, तो गोल्ड की उम्मीद पूरी होती नजर आ रही थी, पर फाइनल वेट उठाने के दौरान उनके हाथ में इंजरी हो गई।
संकेत ने स्नैच के पहले ही प्रयास में 107 किग्रा का वजन उठाया। उन्होंनें दूसरे प्रयास में 111 किग्रा और तीसरे प्रयास में 113 किग्रा का वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में संकेत ने 135 KG का वजन उठाया, लेकिन उनका दूसरा और तीसरा प्रयास विफल रहा। वे 248 KG के साथ दूसरे स्थान पर रहे। मलेशियाई वेटलिफ्टर ने कुल 249 KG वेट उठाया और सिर्फ 1 KG के अंतर से संकेत से आगे निकल गए।
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2018 में भी 55 किलोग्राम भारवर्ग की वेटलिफ्टिंग में इस बार की ही तरह कार्बन कॉपी नतीजे रहे थे। उस बार भी मलेशिया ने गोल्ड, भारत ने सिल्वर और श्रीलंका ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया था। संकेत ने NIS पटियाला में रहकर वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग की है।
संकेत ने 2013 में वेटलिफ्टिंग शुरू की। संकेत के पिता किसान हैं। परिवार में वेटलिफ्टिंग को लेकर सकारात्मक माहौल है। संकेत की छोटी बहन काजल भी वेटलिफ्टर हैं। 21 वर्षीय संकेत कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र हैं।
संकेत खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 के चैंपियन थे। इसके साथ ही अब वह 55 किग्रा वर्ग में नेशनल रिकॉर्ड (स्नैच 108 किग्रा, क्लीन एंड जर्क 139 किग्रा और टोटल 244 किग्रा) होल्डर हैं। संकेत पहले सिंगापुर इंटरनेशनल 2022 में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। संजीवनी और…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजनीति बुधवार को बीजेपी के पूर्व सांसद प्रवेश साहित सिंह वर्मा…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ ही नेताओं का पार्टी बदलने का…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। इसी…
दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया है। इसके साथ पूर्व सेना…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मंंगलवार को दिल्ली में पीने की…