बर्मिंघमः कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का इंतजार खत्म हो गया। आज रात 11.30 बजे से कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो जाएगा। ओलिंपिक, एशियन गेम्स के बाद तीसरे सबसे बड़े स्पोर्ट्स इवेंट में दुनियाभर के टॉप एथलीट हिस्सा लेंगे। आपको बता दें कि 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत अपने 300 दलों के साथ हिस्सा लेने बर्मिंघम पहुंचा है, जो 19 अलग-अलग खेलों में अपना जलवा दिखाएंगे।

दुनियाभर के 5000 से अधिक सूरमा कॉमनवेल्थ गेम्स के 20 खेलों के 280 इवेंट में मेडल के लिए किस्मत आजमाएंगे। इसमें भारत के 215 एथलीट भी शामिल हैं, जो 15 खेलों में चुनौती पेश करेंगे। खेलों का यह महाकुंभ 12 दिनों चल चलेगा। यानी आज बर्मिंघम के एलेक्जेंडर स्टेडियम में 28 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलेगा। पिछले 5 बार से भारत मेडल टैली में टॉप-5 में जगह बनाता रहा है। इस बार भी हमारे एथलीटों की ऐसा करने की पूरी कोशिश होगी।

दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिए भारतीय दल का ध्वजवाहक बनाया गया। मनप्रीत का नाम दूसरे ध्वजवाहक के रूप में जोड़ा गया क्योंकि आयोजकों ने सूचित किया कि प्रत्येक देश के लिए दो ध्वजवाहक उतारना अनिवार्य है जिसमें एक पुरुष और एक महिला होगी। मनप्रीत की अगुआई में पिछले साल भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उन्हें यह जिम्मेदारी ओलिंपिक चैंपियन जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद दी गई।

इस बार का कॉमनवेल्थ गेम्स अद्वितीय है, क्योंकि पहली बार एक बहु-राष्ट्रीय, बहु-अनुशासन खेल आयोजन में, उनके पुरुषों की तुलना में महिला प्रतियोगियों के लिए अधिक आयोजन होंगे। बर्मिंघम में पुरुषों के 134 आयोजनों की तुलना में 136 महिला स्पर्धाएं होंगी। 10 मिश्रित टीम स्पर्धाएं होंगी। आपको बता दें कि कुआलालंपुर में 1998 के संस्करण के बाद महिलाओं के टी20 के रूप में क्रिकेट को भी शामिल किया गया है। सभी 61 देशों ने अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीते हैं और आयोजकों को उम्मीद है कि 2022 में कुछ और देश अपना पहला मेडल जीतेंगे।

इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी और तीरंदाजी को शामिल नहीं किया गया है। इसके लिए कुल मेडल तालिका प्रभावित होगी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स के पिछले संस्करण में 66 मेडल हासिल किए थे और निशानेबाजी ने उनमें से 16 में योगदान दिया था। भारत द्वारा जीते गए 26 गोल्ड मेडल में से सात निशानेबाजी में मिले थे। इस बार इन खेलों से भारत को उम्मीद…

एथलेटिक्सः  भारत को वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कुश्ती और टेबल टेनिस से काफी मेडल की उम्मीद है लेकिन ये शायद शूटिंग की अनुपस्थिति से मेडल की संख्या में कमी की भरपाई नहीं कर पाएंगे। एथलेटिक्स में भारत ने स्पर्धा के 72 साल के इतिहास में केवल 28 मेडल जीते हैं और इस बार इस स्पर्धा में देश के छुपे रुस्तम होने की उम्मीद है लेकिन ओलिंपिक्स चैंपियन नीरज चोपड़ा के चोट के कारण अंतिम समय पर हटने से करारा झटका लगा है।

कुश्तीः कुश्ती में भारत को काफी मेडल की उम्मीद हैं। सभी 12 प्रतिभागियों से मेडल की उम्मीदें हैं, जिसमें गत चैंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया से गोल्ड मेडल की उम्मीदें हैं। गोल्ड कोस्ट में पहलवानों ने पांच गोल्ड सहित 12 मेडल जीते थे।

 

वेटलिफ्टरः भारत को वेटलिफ्टिंग में भी चार साल पहले पांच गोल्ड सहित नौ मेडल मिले थे और इस बार भी भारत इसी प्रदर्शन को दोहराना चाहेगा। इस दल की अगुआई ओलिंपिक्स सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू करेंगी। यहां भारत अधिक मेडल की उम्मीद कर सकता है।

पीबी सिंधू से उम्मीदः भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु की अगुआई में बैडमिंटन खिलाड़ियों से विमिंस सिंगल्स, मेंस सिंगल्स, मेंस डबल्स और मिक्स्ड टीम इवेंट में मेडल जीतने की उम्मीदे हैं। टीम में अन्य स्टार विश्व चैंपियनशिप के मेडल विजेता किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन हैं।

हॉकीः भारत के दृष्टिकोण से हॉकी सबसे महत्वपूर्ण खेल होगा और पुरुष व महिला खिलाड़ी पिछले गोल्ड कोस्ट चरण की निराशा की भरपाई करने की कोशिश में होंगे जिसमें वे खाली हाथ घर लौटे थे। पिछले साल तोक्यो ओलिंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरुष टीम ऑस्ट्रेलियाई दबदबे को खत्म करने की कोशिश करेगी जबकि महिला टीम भी शीर्ष तीन में रहने के लिए पुरजोर प्रयास करेगी।

टीटीः  पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत टेबल टेनिस में गोल्ड कोस्ट में आठ मेडल जीतकर मेडल तालिका में पहले स्थान पर रहा था जिसमें से चार मेडल अकेले मनिका बत्रा के ही थे। हालांकि उस प्रदर्शन की बराबरी करना मुश्किल होगा लेकिन फिर भी कम से कम दो गोल्ड मेडल की उम्मीद बनी हुई है। भारत के अनुभवी अचंत शरत कमल अपने पांचवें और अंतिम कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेंगे और वह 16 साल पहले जीते गए एकल गोल्ड प्रदर्शन का दोहराव करना चाहेंगे।

बॉक्सिंगः पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को बॉक्सिंग को नौ मेडल मिले थे और वे इस बार भी मेडल तालिका में बड़ा योगदान करेंगे। अमित पांघल तोक्यो ओलिंपिक्स के निराशाजनक अभियान को भुलाकर बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए बेताब होंगे तो वहीं ओलिंपिक्स ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना बोरगोहेन विश्व चैंपियनशिप की निराशा के बाद वापसी करना चाहेंगी। मौजूदा विश्व चैंपियन निखत जरीन के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें लगी होंगी।

नॉन ओलिंपिक्स गेम्सः नॉन ओलिंपिक्स गेम्स में स्क्वॉश खेल सिंगल्स में अपने पहले मेडल की तलाश में होगा। वहीं मिक्स्ड डबल्स और महिला युगल में दो गोल्ड मेडल की संभावनाएं हैं।

क्रिकेट में मजबूत दावा: महिला टी20 क्रिकेट को इन खेलों में पहली बार शामिल किया गया है और हरमनप्रीत कौर की अगुआई में गई भारतीय टीम मेडल के दावेदारों में शामिल रहेगी।

आपको बता दें कि गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 66 मेडल जीते, जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। बर्मिंघम में होने वाले 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में देश 16 विभिन्न खेलों में भाग लेगा।

भारत के लिए सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में नई दिल्ली रहा था। इस गेम्स की मेजबानी भारत ने की थी और घरेलू सर्किट पर भारतीय एथलीटों ने 101 मेडल जीते, जिसमें 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे।

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी और तीरंदाजी के अलावा, गायब होने वाले अन्य खेल कलात्मक तैराकी, बास्केटबॉल (5गुणा5), गेंदबाजी, तलवारबाजी, नौकायन और वाटर पोलो हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खेलों और मेडल तालिका में दबदबा बनाने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 2,419 मेडल जीते हैं। आपको बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में ब्रिटिश साम्राज्य खेलों के रूप में शुरू हुआ था और उम्मीद है कि इस संख्या में लगभग 200 मेडल और जुड़ जाएंगे। मेजबान इंग्लैंड घरेलू परिस्थितियों से फायदा लेने और ऑस्ट्रेलिया को टक्कर देने की उम्मीद करेगा। कनाडा और दक्षिण अफ्रीका भी गोल्ड कोस्ट से अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद कर रहे होंगे।

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