जयपुरः राजस्थान में बाड़मेर के भीमड़ा गांव में गुरुवार भारतीय वायुसेना का एक प्रशिक्षक विमान MiG-21 बायसन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा रात 9 बजकर 10 मिनट पर हुआ। हादसे के बाद विमान में आग लग गई और मलबा करीब आधा किलोमीटर के दायरे में बिखर गया। इस हादसे में विमान में सवार भारतीय वायुसेना के दो पायलटों की मृत्यु हो गई।
इस हादसे के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हादसे के बाद घटनास्थल पर विमान के मलबे में आग लगी हुई है। बॉडी पार्ट्स बिखरे पड़े हैं। पास ही एक मोबाइल भी टूटकर गिरा हुआ है। विमान जहां गिरा वहां 15 फीट के दायरे में बड़ा गड्ढा हो गया है।
वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। साथ ही, जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति शोक संवेदना जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से हादसे को लेकर बातचीत की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विमान हादसे में पायलटों की मृत्यु पर शोक और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सिंह ने ट्वीट कर कहा, “राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 प्रशिक्षक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और इस हादसे में वायुसेना दो योद्धाओं के खोने से गहरा दुख हुआ। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
वहीं गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “यह जानकर गहरा दुख हुआ कि बाड़मेर में भारतीय वायुसेना के मिग 21 ट्रेनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो पायलटों की जान चली गई। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। वे इस नुकसान को सहन करने के लिए मजबूत बने रहें। हम उनके साथ खड़े हैं और उनके दुख को साझा करते हैं।”
पिछले नौ साल में बाड़मेर जिले में हुआ यह आठवां MiG क्रैश है…
- 12 फरवरी 2013: उत्तरलाई से महज 7 किमी. दूर अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 7 जून 2013: उत्तरलाई से 40 किमी. दूर सोडियार में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 15 जुलाई 2013: उत्तरलाई से 4 किमी. दूर बांदरा में मिग-27 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 27 जनवरी 2015: बाड़मेर के शिवकर रोड पर मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 10 सितंबर 2016: मालियों की ढाणी बाड़मेर में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 15 मार्च 2017: शिवकर के पास सुखोई- 30 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 25 अगस्त 2021: मातासर भुरटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 28 जुलाई 2020: भीमड़ा गांव में मिग-21 बाइसन क्रैश।
आपको बता दें कि रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स और टेक्नीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा।
मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की स्पीड 2229 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी रेंज 644 किलोमीटर के आसपास थी। हालांकि भारत का बाइसन अपग्रेडेड वर्जन लगभग 1000 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसकी लंबाई 15.76 मीटर है। इसकी लागत 177 करोड़ के करीब है। बिना हथियारों के इसका वजन 5200 किलो है, जबकि हथियारों से लैस होने पर वजन करीब 8000 किलो है।