दिल्लीः दिल्ली सरकार की शराब नीति सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच करेगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की शराब नीति की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के बाद सक्सेना ने यह आदेश दिया। कुमार की रिपोर्ट में सीधे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम लिया गया है। कहा गया कि नई नीति के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को फायदा पहुंचाया गया।
उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केंजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप लगने के बाद एक वीडियो जारी किया और कहा, “मैं मनीष सिसोदिया को 22 साल से जानता हूं। वे बेहद ईमानदार और देशभक्त हैं। मनीष ने रात दिन मेहनत करके दिल्ली के स्कूलों को शानदार बनाया। ये लोग समझ लें, जेल से हमें डर नहीं लगता। तुम लोग सावरकर की औलाद हो, हम भगतसिंह की औलाद हैं। ये सोचने की बात ये हाथ धोकर हमारे पीछे क्यों पड़े हैं।”
वहीं बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर लगे आरोपों के बाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट और आबकारी नियमों का पालन किए, जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दे दी गई।
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति उपराज्यपाल की ओर से जांच के आदेश दिए जाने के बाद पूर्व क्रिकेटर एवं बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “ शराब से प्यार और दिल्ली पर वार, ये है आप की सरकार। उन्होंने कहा कि झूठ बोलने में महारथी केजरीवाल अब ठगों के सरदार बन गए हैं।“
वहीं, आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की ख्याति देशभर में बढ़ रही है। यहां तक कि पंचायत चुनावों में भी, जिनसे केंद्र घबरा गया है। हमने पहले भी कहा था कि पंजाब जीतने के बाद कई जांचें की जाएंगी। हमें रोकने के लिए 2016 के हालात वापस लाए जाएंगे, सीबीआई , इंकम टैक्स, ईडी की जांच बैठाई जाएगी। सत्येंद्र जैन के बाद उन्होंने अब मनीष सिसोदिया को निशाना बना लिया है।
चलिए अब आपके बताते हैं कि न्यू एक्साइज पॉलिसी में इन नियमों के उल्लंघन का आरोप है…
- रिपोर्ट में GNCTD अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 के उल्लंघन की बारे में लिखा था।
- यह भी कहा गया है कि शराब माफियाओं पर हुई इस मेहरबानी के चलते राजकोष को भारी नुकसान हुआ।
- शराब माफिया को फायदा पहुंचाने बनाई नीति- LG
दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय के मुताबिक सिसोदिया की भूमिका जानबूझकर की गई खामियों के चलते जांच के दायरे में है, जिसने 2021-22 के लिए शराब लाइसेंसधारकों के लिए टेंडर में 144 करोड़ का अवैध रूप से लाभ पहुंचाने का काम किया था। सिसोदिया ने फैसलों को अंजाम देने आबकारी नीति के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से मनीष सिसोदिया के पास 19 विभागों की जिम्मेदारी है।
आपको बता दें कि 2021 में कोविड महामारी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति जारी की थी। आरोप है कि यह कदम निजी शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने उठाया गया था। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि इससे मिले पैसे को पंजाब चुनाव में इस्तेमाल किया गया।