लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के अभियान के बीच तीन मंत्रियों की नाराजगी की सूचना सामने आ रही है। यूपी सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के इस्तीफे की खबरें सामने आ रही है। जलशक्ति राज्य मंत्री काम आवंटित नहीं होने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं उनका मोबाइल भी बंद पाया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। दिनेश के अलावा उपमुख्यमंत्री पाठक और पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी नाराज बताए जा रहे हैं।
इस बीच सियासी गलियारों में यह चर्जा जोरों पर है कि योगी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है? यह सवाल मंगलवार की शाम से ही सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले खबर आई कि जितिन प्रसाद इस्तीफा दे सकते है। उसके बाद जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक की इस्तीफे की खबरें चलने लगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिनेश खटीक ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सरकार ने इन खबरों को महज अफवाह बताया है।
आपको बता दें कि जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद से लखनऊ के अपने सरकारी आवास नहीं पहुंचे। अपनी सरकारी गाड़ी और सुरक्षा छोड़ मेरठ चले गए। अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। वहीं, लोक-निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भी अपने ओएसडी (OSD) के हटाए जाने के बाद से ही नाराज बताए जा रहें है। वह मंगलवार को पूरा दिन मीडिया से बचते रहे। कैबिनेट बैठक में भी पीछे के गेट से आए और वहीं से निकल गए। मीडिया के कैमरे इंतजार करते रह गए। शाम होते-होते जितिन भी अपने गृह जनपद शाहजहांपुर पहुंच गए। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये मंत्री क्यों नाराज हैं…
जितिन की नाराजगी की वजह: कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी और कद्दावर मानें जाने वाले जितिन प्रसाद को योगी सरकार में भारी-भरकम लोक-निर्माण विभाग दिया गया है। इनके विभाग में ट्रांसफर सेशन के दौरान हुए तबादलों में कई बड़ी अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद सीएम योगी ने एक कमेटी बना कर मामले की जांच सौंप दी। रिपोर्ट के बाद पहली कार्रवाई इनके ओएसडी पर हुई। जितिन ने जिस अनिल पांडेय को अपना ओएसडी बनाकर दिल्ली से लखनऊ लाए, उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर हटा दिया गया। इससे जितिन दुखी हो गए। जितिन ने कल कैबिनेट की बैठक के बाद योगी आदित्यानाथ से मुलाकात भी की थी। खबरें ऐसी भी है कि वह इस मुद्दे को लेकर दिल्ली आ सकते हैं।
दिनेश खटीक की नाराजगी की वजह: जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपने विभाग के सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से बेहद नाराज हैं। आरोप है कि खटीक की ना तो विभाग के अधिकारी सुनते है और ना ही उनके अपने विभाग के सीनियर मंत्री। सरकार के 100 दिन पूरे होने के बावजूद भी उन्हें कोई काम नहीं सौंपा गया है।
खटीक मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए। इसके बाद सिक्योरिटी और सरकारी गाड़ी छोड़ दी और मेरठ के गंगानगर में अपने घर चले गए। इससे पहले संगठन मंत्री सुनील बंसल से मुलाकात कर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। नाराज मंत्री ने 5 लोगों को चिट्ठी भी भेजी है। खटीक ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया है। दिनेश खटीक की अपने विभाग के कैबिनेट मंत्री से नहीं पट रही। करीब 10 दिन पहले दिनेश खटीक बहुत नाराज हुए थे। तब डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य उनको मनाने के लिए उनके घर भी गए थे।
आपको बता दें कि सीएम योगी ने सरकार के गठन के बाद कैबिनेट मंत्रियों से कहा था कि सभी अपने-अपने राज्यमंत्रियों को जिम्मेदारी दें। विभाग के काम का बंटवारा भी करें।
बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिनेश खटीक ने 5 पत्रों की चिट्ठी लिखी है। इसमें लिखा है, “मैं जिस समाज का हूं उस समाज का भला न कर सकूं तो मेरा मंत्री रहने का क्या फायदा? अधिकारी और प्रमुख सचिव पक्षपात करते हैं। मेरी बात नहीं सुनते हैं। हमारे सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव भी ना तो मुझे कोई काम देते हैं और ना ही विभाग की जानकारी शेयर करते हैं। ऐसे में मंत्री रहने का क्या फायदा?”
आपको बता दें कि दिनेश खटीक पहले भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं। चार जून को मेरठ में एक टेंट कारोबारी और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया था। बचाव करने गए मंत्री दिनेश खटीक की पुलिस ने नहीं सुनी। इसके बाद मंत्री ने इस्तीफा देने की बात कहते हुए प्रेसवार्ता बुला ली।
दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं और योगी सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री हैं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी आखिरी एक्सटेंशन में इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। चुनाव से चार महीने पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार में इन्हें मौका मिला था। दिनेश खटीक मवाना के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की।
दिनेश खटीक शुरू से ही बीजेपी में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। विधायक दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट-भट्टे का कारोबार है। वर्तमान में वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं।
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