मुंबई: एनएसई (NSE) यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाले मामले में ईडी (ED) यानी प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है। संजय पांडेय की कंपनी पर एनएसई के दो शेयर ब्रोकर के ‘ऑडिट’ में कथित रूप से सेबी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। ये ब्रोकर विवादों में घिरी ‘को-लोकेशन’ सुविधा का उपयोग कर रहे थे। ईडी की टीम पिछले दो दिनों से संजय पांडे से पूछताछ कर रही थी।
संजय पांडे 30 जून को रिटायर्ड हो गए थे। मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में अपने चार महीने के कार्यकाल से पहले, उन्होंने महाराष्ट्र के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं। वहीं, सीबीआई ने सोमवार को कहा था कि उसने पांडे और मुंबई के एक अन्य पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप के संबंध पूछताछ की है।
ईडी से मिली सूचना के आधार पर कंपनी आईसेक सर्विसेज के खिलाफ 19 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने कंपनी की ओर से शेयर ब्रोकरों से संबंधित ‘सिस्टम ऑडिट’ में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के परिपत्र के उल्लंघन को पकड़ा था। ये ब्रोकर को-लोकेशन सुविधा का उपयोग कर एलगोरिदमिक कारोबार में शामिल थे। एफआईआर सोमवार को सार्वजनिक की गई थी। ‘को-लोकेशन’ सुविधा के तहत एनएसई सर्वर परिसर में शेयर ब्रोकरों को कुछ शुल्क देकर को- सर्वर लगाने की सुविधा मिलती है। ‘को-लोकेशन’ सुविधा अब सीबीआई की जांच के घेरे में है।
सीबीआई के मुताबिक संजय पांडेय की कंपनी आईसेक सर्विसेज ने उच्च जोखिम वाले दो ब्रोकर…एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड और शास्त्र सिक्योरिटीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के ‘ऑडिट’ उस समय गलत तरीके से किए, जब को-लोकेशन घोटाला जारी था।
आपको बता दें कि जांच एजेंसी ने एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को ‘को-लोकेशन’ घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। संजय पांडेय ने मार्च, 2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था। प्राथमिकी के अनुसार, कंपनी ने शेयर ब्रोकर की कंपनियों का ऑडिट 2013-19 के दौरान किया। इसमें नियमों का उल्लंघन किया गया।