लंदनः ब्रिटेन के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन नहीं चाहते हैं कि ऋषि सुनक इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने सुनक की उम्मीदवारी के खिलाफ सीक्रेट अभियान छेड़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभियान को ‘बैक एनीवन बट ऋषि’ नाम दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जॉनसन अपने पद गंवाने की वजह ऋषि सुनक को मानते हैं। हालांकि जॉनसन ने सार्वजनिक तौर पर किसी दावेदार का समर्थन नहीं किया है, लेकिन उन्हें पेनी मॉरडन्ट या लिज ट्रस की दावेदारी पर कोई ऐतराज नहीं है।
आपको बता दें कि बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह 30 जून को डिप्टी चीफ व्हिप पोस्ट पर क्रिस पिंचर की नियुक्त थी। पिंचर सेक्स स्कैंडल में फंसे थे। ये जानते हुए भी जॉनसन ने उनकी नियुक्ति की। इसके अलावा लॉकडाउन में शराब पार्टी की तस्वीरें सामने आने और प्रिंस फिलिप के फ्यूनरल से पहले भी पार्टी करने के लिए जॉनसन की काफी फजीहत हुई। प्रिंस के फ्यूनरल से पहले पार्टी करने पर तो उन्होंने माफी भी मांगी थी।
इस बीच ब्रिटेन के नए पीएम की दौड़ में अपनी कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों के समर्थन के बाद भारतवंशी ऋषि सुनक की टॉप-2 में जगह लगभग पक्की हो गई है।ऋषि सुनक समेत टॉम टुजेंट, पेनी मॉरडन्ट, केमी बडेनोच और लिज ट्रस के बीच शुक्रवार को टेलीविजन डिबेट हुई। इसमें भी सुनक का पलड़ा भारी रहा। जानकारों का मानना है कि सुनक के लिए अगली बड़ी चुनौती कंजरवेटिव पार्टी के लगभग 2 लाख वोटरों का दिल जीतना है।
आपको बता दें कि कंजरवेटिव पार्टी के वोटरों में लगभग 44 प्रतिशत सदस्यों की उम्र 66 साल से अधिक है। साथ ही इसमें 97फीसदी वोटर श्वेत हैं। ऋषि सुनक को अब तक पेनी मॉरडन्ट की ओर से चुनौती मिल रही है। पेनी श्वेत हैं। भारतवंशी सुनक को प्रधानमंत्री पद हासिल करने के लिए श्वेत वोटरों को अपने पक्ष में करना होगा। इसके लिए सुनक अपने कैंम्पेन रेडी फॉर ऋषि के तहत श्वेतों के मुद्दों को उठा रहे हैं ताकि उनका दिल जीता जा सके।
ऋषि सुनक की फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती उनकी निकटतम विरोधी पेनी मॉरडन्ट से है। कंजरवेटिव पार्टी के सर्वे में 67 फीसदी मतों के साथ पेनी मॉरडन्ट सबसे आगे हैं, जबकि ऋषि सुनक को पेनी के मुकाबले अभी मात्र 28 प्रतिशत ही समर्थन मिल रहा है।