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आज का इतिहासः महज सवा दो साल में ही टूट गई थी जनता पार्टी, आज के ही दिन मोरारजी देसाई को देना पड़ा था प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः महज सवा दो साल में ही टूट गई थी जनता पार्टी, आज के ही दिन मोरारजी देसाई को देना पड़ा था प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा

दिल्लीः भारत में मार्च 1977 में आपातकाल की समाप्ति हुई थी और इसी महीने नई लोकसभा के लिए चुनाव भी हुए। आपातकाल से गुस्साए सभी नेता एक पार्टी तले आ चुके थे, जिसे जनता पार्टी नाम दिया गया। इस पार्टी में कांग्रेस से अलग हुए नेता, संघ के नेता और समाजवादी नेताओं समेत कई पार्टियों के लोग शामिल थे। जयप्रकाश नारायण जनता पार्टी के प्रणेता थे, लेकिन उन्होंने पहले से ही तय कर लिया था कि वे कोई पद नहीं लेंगे।

आपातकाल की वजह से इन चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ ऐसा माहौल बना कि इंदिरा गांधी खुद करीब 55 हजार वोटों से चुनाव हार गईं। जबरन नसबंदी की वजह से विलेन बने संजय गांधी भी अपनी सीट हार गए। कांग्रेस 189 सीटों पर सिमट गई और जनता पार्टी ने 345 सीटों पर बंपर जीत हासिल की।

चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए मोरारजी देसाई, जगजीवन राम और चौधरी चरण सिंह उम्मीदवार थे। आपको बता दें कि मोरारजी देसाई इससे पहले 1964 और 1967 में प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे और इस बार भी वे प्रबल दावेदार थे।

काफी खींचतान के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। 23 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई ने चौथे भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री पद के बाकी दोनों उम्मीदवारों को संतुष्ट करने के लिए गृह और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साझे विरोध से पनपी जनता पार्टी सत्ता में आ तो गई थी, लेकिन कुछ महीनों में ही पार्टी में खींचतान शुरू हो गई। मई 1977 में बिहार में दलितों का नरसंहार हुआ। इंदिरा गांधी ने इस मौके को बखूबी भुनाया। जिस गांव में कोई गाड़ी नहीं जा सकती थी, वहां वह हाथी पर सवार होकर पीड़ितों से मिलने पहुंचीं। इंदिरा गांधी की इस यात्रा की खूब चर्चा हुई।

कुछ ही दिनों बाद शाह आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया। कहा जाता है कि इंदिरा की गिरफ्तारी का आदेश गृहमंत्री ने दिया था और मोरारजी देसाई इस फैसले से सहमत नहीं थे।
धीरे-धीरे सरकार में ही आपसी मतभेद बढ़ते गए और साल 1978 में इंदिरा गांधी कर्नाटक से जीतकर संसद में पहुंच गईं। अब इंदिरा गांधी संसद के भीतर से भी सरकार पर हमलावर हो सकती थीं।

इधर सरकार की खींचतान इतनी बढ़ी कि प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह और स्वास्थ्य मंत्री राज नारायण को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद बर्खास्त चरण सिंह ने शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली में एक विशाल किसान रैली की। इस रैली में इतने लोग उमड़े कि सरकार को चरण सिंह को वापस मंत्रिमंडल में लेना पड़ा।

इस बार वे उपप्रधानमंत्री बने और साथ में वित्त मंत्रालय मिला। नाराजगी कम करने के लिए बाबू जगजीवन राम भी उपप्रधानमंत्री बनाए गए। यह पहला मौका था, जब देश में एक साथ दो उपप्रधानमंत्री बने थे। जुलाई 1979 में संसद के मानसून सत्र में जनता पार्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। चरण सिंह ने बगावत करते हुए अपने सांसदों के साथ सरकार से समर्थन वापस ले लिया।

इसके बाद मोरारजी देसाई को आज ही के दिन 1979 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि नई सरकार के गठन तक वह इस पद पर बने रहे। 28 जुलाई 1979 को कांग्रेस के समर्थन से चौधरी चरण सिंह अगले प्रधानमंत्री बने। हालांकि ये सरकार भी ज्यादा दिन नहीं चल सकी और जनवरी 1980 में इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं।

अब बात एयरोस्पेस कंपनी बोइंग की करते हैं। 15 जुलाई 1916 को दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग की शुरुआत हुई थी। अमेरिकी टिंबर मर्चेंट विलियम बोइंग ने इस कंपनी को शुरू किया था। कहा जाता है कि बोइंग को ये आइडिया 1909 में एक विमान प्रदर्शनी देखने के दौरान आया था।
बोइंग एक सफल टिंबर मर्चेंट थे, इसलिए उनके पास पैसा बहुत था। 1915 में विमान से जुड़ी तकनीक सीखने के लिए बोइंग ने लॉस एंजिल्स के एक फ्लाइंग स्कूल में ट्रेनिंग भी ली। उन्होंने लकड़ी की नाव बनाने के लिए एक फैक्ट्री खरीदी जो कि आगे चलकर विमान बनाने की फैक्ट्री बन गई।

1917 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर बोइंग एयरप्लेन कंपनी कर दिया। इसी दौरान पहले विश्वयुद्ध में अमेरिकी सेना के लिए बोइंग ने कई तरह के एयरक्राफ्ट बनाना शुरू किए। कंपनी ने अमेरिकी नेवी ऑफिसर कॉनरेड वेस्टरवेल्ट के साथ मिलकर सिंगल इंजन का पहला विमान बी एंड डब्ल्यू बनाया था।

धीरे-धीरे कंपनी का कारोबार बढ़ता गया और कंपनी कॉमर्शियल एयरप्लेन भी बनाने लगी। कई एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया। 1931 में ऐसी 4 एयरलाइंस को मिलाकर युनाइटेड एयरलाइंस नाम दिया गया। हालांकि 1934 में एक अमेरिकी कानून की वजह से बोइंग ने खुद को 4 अलग-अलग कंपनियों में बांट दिया।

दूसरे विश्वयुद्ध में कंपनी ने जबरदस्त मुनाफा कमाया। कंपनी के बनाए कई विमान अमेरिकी सेना में खूब इस्तेमाल हुए। विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद लड़ाकू विमानों की बिक्री कम हो गई। इसके बाद कंपनी ने अपना फोकस कॉमर्शियल प्लेन पर किया।

1958 में बोइंग 707 मार्केट में आया। इसके बाद तो कंपनी का कॉमर्शियल मार्केट पर कब्जा हो गया। 1960 में कंपनी स्पेस मार्केट में उतरी और नासा के लिए पहला लूनर ऑर्बिटर बनाया।

बोइंग आज दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है। 30 जुलाई को बोइंग अपने स्काइलाइनर CST-100 की टेस्ट फ्लाइट उड़ाने वाला है। अगर टेस्ट में सफल रहा तो इसी साल के आखिर में नासा के दो एस्ट्रोनॉट लेकर वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएगा। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 15 जुलाई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1611- आमेर के राजा और मुगल साम्राज्य के वरिष्ठ सेनापति जयसिंह का जन्म।
1840- शिक्षाविद, ग्रन्थकार और सांख्यिकीविदअंग्रेज अधिकारी विलियम विलसन हन्टर का जन्म।
1783- प्रसिद्ध भारतीय व्यवसायी जमशेद जी जीजाभाई का जन्म।
1903- भारत रत्न सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. कामराज का जन्म।
1904- अमेरिका के लॉस एंजिल्स में पहला बौद्ध मंदिर बना।
1909- आंध्र प्रदेश की प्रथम महिला नेता दुर्गाबाई देशमुख का जन्म।
1909- महाराष्ट्र कांग्रेस कमिटी की कार्यकारिणी के सदस्य और बम्बई विधानसभा के सदस्य गणपतराव देवजी तापसे का जन्म।
1910- एमिल क्रेपलिन ने एलॉइस अल्जाइमर के नाम पर अल्जाइमर बीमारी का नाम दिया।
1912- भारतीय सेना के उच्च अधिकारी मोहम्मद उस्मान का जन्म।
1916- दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग शुरू हुई।
1925- प्रसिद्ध अभिनेता, नाटककार, निर्देशक और रंगमंच के सिद्धांतकार बादल सरकार का जन्म।
1926- बॉम्बे (अब मुंबई) में पहली मोटरबस सेवा की शुरुआत।
1937- हिंदी के जाने-माने पत्रकार प्रभाष जोशी का जन्म।
1955- भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न दिया गया।
1955- अठारह नोबेल विजेताओं ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ मेनौ घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
1961- स्पेन ने पुरुषों और महिलाओं के लिए समान अधिकारों को स्वीकार किया।
1962- अल्जीरिया अरब लीग का हिस्सा बना था।
1967- मराठी रंगमंच के महान नायक और प्रसिद्ध गायक बाल गन्धर्व का निधन।
1979 -भारत के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अपने पद से इस्तीफा दिया।
1984- पंजाब को आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया।
2000- सिएरा लियोन में सैन्य कार्यवाही द्वारा सभी भारतीय सैनिक बंधक मुक्त कराए गए।
2002- अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे उमर शेख को पाकिस्तानी अदालतने मौत की सजा सुनाई।
2004- भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक तथा परिवार नियोजन विशेषज्ञ बानो जहांगीर कोयाजी का निधन।
2006- जैक डॉर्सी, इवान विलियम्स, नोवा ग्लास और बिज स्टोन ने मिलकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर को लॉन्च किया।
2009 इरान से अर्मेनिया जा रहा एक प्लेन रास्ते में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में प्लेन में सवार सभी 168 लोग मारे गए।
2011- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएसएलवी सी-17 के जरिए जीसैट-12 ए का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया।
2017- गणित की दुनिया का प्रतिष्ठित सम्मान -फील्ड्स मेडल’ पाने वाली पहली महिला गणितज्ञ मरियम मिर्जाखानी का निधन।

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