दिल्लीः भारतीय मूल ऋषि सुनक के ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के आसार बढ़ गए हैं। सुनक प्रधानमंत्री पद के लिए कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे चल रहे हैं। पीएम पद के लिए आज हुए एलिमिनिशेन राउंड की वोटिंग में ऋषि सुनक को 88 यानी 25 फीसदी वोट मिले हैं और वे टॉप पर हैं। इस रेस में कामयाब होने पर ऋषि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाएंगे, लेकिन उनके सामने ब्रिटिश सांसदों का समर्थन जुटाने की चुनौती है।
ऋषि सुनक के बाद एलिमिनिशेन राउंड की वोटिंग में पेन्नी मॉर्डान्ट को 67 वोट मिले हैं और वह 19 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं। इसके साथ ही लिज ट्रॉस 14 फीसदी वोट के साथ तीसरे नंबर पर हैं। 11 प्रतिशत वोट के साथ केमी बेडेनोक चौथे स्थान पर हैं। टॉम टुजैन्ट 10 प्रतिशत वोट लेकर 5वें नंबर पर हैं, जबकि भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन 9 फीसदी वोट लेकर छठे नंबर पर हैं। एलिमिनेशन राउंड में दो उम्मीदवारों नधीम जहावी और जर्मी हंट को सिर्फ 7 और 5 प्रतिशत वोट हासिल हुए और इसके साथ ही वे पीएम बनने की रेस से बाहर हो गए।
अब आबको बताते हैं कि ऋषि सुनके के सामने आगे कौन-कौन सी चुनौतियां हैं। ऋषि सुनक के सामने ब्रिटेन पीएम बनने के लिए सबसे बड़ी चुनौती कंजरवेटिव पार्टी में अपना नेतृत्व स्थापित करने की है। दरअसल, कंजरवेटिव पार्टी में नेता चुनने की प्रक्रिया में एक समिति शामिल होती है। इस कमेटी के सदस्य पार्टी के सांसद ही होते हैं। नेता चुनने के लिए तीन स्तर की प्रक्रिया होती है, नॉमिनेशन, एलिमिनेशन और फाइनल सेलेक्शन।
आपको बता दें कि नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब एलिमिनेशन राउंड चल रहा है। फिलहाल ऋषि सुनक इस रेस में आगे चल रहे हैं। उनकी टक्कर एक और भारतीय राजनेता सुएला ब्रेवरमैन से है। ब्रिटेन पीएम बनने के लिए 8 राजनेताओं ने अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी, जिनमें से दो उम्मीदवार एलिमिनेशन राउंड में बाहर हो गए हैं। आपको बता दें कि एलिमिनेशन राउंड की वोटिंग बैलेट पेपर से होती है। इसमें 30 से कम वोट मिलेंगे वाले उम्मीदवार एलिमिनेट हो जाता है।
अब आपको बताते हैं कि ऋषि सुनक कौन हैः ऋषि सुनक के माता-पिता पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए। सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैम्पशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में काम करती हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।
ऋषि सुनक सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ऋषि और अक्षता मूर्ति की दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं। सुनक और अक्षता की शादी साल 2009 में हुई थी।
अब एक नजर डालते हैं ऋषि सुनके राजनीतिक सफर पर…
मौजूदा समय में ऋषि सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी का उभरता सितारा माना जाता है। ऋषि सुनक 2015 में पहली बार सांसद चुने गए। 2018 में स्थानीय सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी यानी वित्तमंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार कैम्पेन में ऋषि का अहम रोल रहा है। मीडिया इंटरव्यू के लिए सरकार अक्सर उन्हें ही आगे रखती है। कई मौकों पर टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया
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