मुंबईः आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी और बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन (Lalit Modi and Sushmita Sen) परिणय सूत्र में बंधन वाले हैं। इस समय एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। ललित मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। हालांकि मोदी ने पहले किए अपने ट्वीट में शादी की बात लिखी थी, लेकिन जैसे ही सोशल मीडिया पर हल्ला मचा, तो उन्होंने आनन-फानन में इसका खंडन कर दिया और लिखा, “स्पष्ट कर दूं कि शादी नहीं हुई है, एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। शादी भी जल्द होगी।“ पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह खुशखबरी शेयर की है।

आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में देश छोड़ कर भागने वाले आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने पहले सुष्मिता संग कुछ तस्वीरें शेयर कर शादी की बात लिखी थी। बाद में ट्वीट किया, “स्पष्ट के लिए बता दूं कि हम दोनों एक-दूजे को डेट कर रहे हैं। अभी शादी नहीं की है। हां, लेकिन जल्द ही ऐसा कर सकते हैं।“

आपको बता दूं कि यद ललित मोदी सुष्मिता सेन से शादी करते हैं,  तो यह उनकी दूसरी शादी होगी। मोदी ने पहली शादी 17 अक्टूबर 1991 मीनल से की थी, जिनकी उम्र मोदी से 9 साल ज्यादा थी। ललित मोदी से विवाह के पूर्व मीनल, करीमा नाम की बेटी की मां बन चुकी थीं। मोदी ने करीमा को भी अपनाया। मोदी ने करीमा की शादी गौरव बर्मन से करवाई। गौरव डाबर ग्रुप के मालिक विवेक बर्मन और मोनिका बर्मन के बेटे हैं। गौरव के भाई मोहित बर्मन आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के को-ओनर भी हैं। मीनल और ललित मोदी के बेटे का नाम रुचिर है। दोनों को आलिया नाम की एक बेटी भी है।

ललित मोदी का कभी क्रिकेट की दुनिया में जलवा था। ‘मेवरिक कमिश्नर: द आईपीएल-ललित मोदी सागा’ में लेखक बोरिया मजूमदार ने यह दावा किया कि ललित मोदी जब आईपीएल मैच के लिए धर्मशाला गए थे, तो उनके ऑफिस ने दिल्ली से उनके लिए मर्सिडीज की एस क्लास कारें भेजी। ये कारें धर्मशाला में उनके विमान से उतरने से पहले वहां पहुंच गई थी। धर्मशाला और नागपुर जैसे शहरों में मर्सिडीज की एस-क्लास कारों का विशेष तौर पर इंतजाम करना पड़ा था क्योंकि इन शहरों में यह कार उपलब्ध नहीं थी और ललित मोदी किसी अन्य कार में सवारी नहीं करना चाहते थे।

आईपीएल के पहले दो सत्र की सफलता के बाद ललित मोदी अपने शौक को पूरा करने में बेवजह खर्च करने लगे थे। मजूमदार ने एक और घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि जब मोदी मई 2010 में देश छोड़ चुके थे, तो एक होटल ने बीसीसीआई को एक बिल राशि भेजी थी,  जो कि बकाया थी और तब बोर्ड ने उनके बिल को भरने से मना कर दिया था। उनकी फिजूलखर्ची का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वह फाइव स्टार होटल में पूरी फ्लोर (मंजिल) अपने इस्तेमाल के लिए बुक (आरक्षित) करवाते थे और किसी के पास भी उनसे यह सवाल करने की हिम्मत नहीं थी कि यह उनके अपने खर्च से हो रहा है या बीसीसीआई के पैसे से।

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