• श्रीलंकाई सेना ने अपने नागरिकों के सामने हथियार नीचे कर दिए हैं।
  • लंकाई संसद में आज अंतरिम राष्ट्रपति के नाम का ऐलान होगा।
  • प्रदर्शनकारी संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास का घेराव कर रहे हैं।

कोलंबोः भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भागने के बाद लोगों का का गुस्सा भड़क गया है। प्रदर्शनकारी राजधानी कोलंबो की सड़कों पर उत्पात मचा रहे हैं। लोगों के उग्र विरोध देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश के पश्चिमी प्रांत में कर्फ्लूय तथा पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया है।

इसके बावजूद हजारों की तादाद में लोग संसद भवन और पीएम हाउस की तरफ मार्च कर रह रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई। दो गुट भी आपस में भिड़ गए, जिससे 12 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों पर हेलिकॉप्टर से नजर रखी जा रही है। इन पर काबू करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है।

श्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) के प्रमुख सजित प्रेमदासा श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं। SJB ने सोमवार को निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 20 जुलाई को होना है और 15 जुलाई को संसद का सत्र बुलाया जाएगा।

श्रीलंका की वायुसेना के मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फर्स्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए रक्षा मंत्रालय से इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों से अनुमति लेने के बाद मालदीव जाने के लिए उड़ान मुहैया कराई गई। 13 जुलाई की सुबह उन्हें एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था। राजपक्षे मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं।

श्रीलंका में हालात इस कदर बदतर हो गए हैं कि लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले प्रोडेक्ट के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। डीजल नहीं होने की वजह से नावें समुद्र में नहीं जा पा रही हैं, जिससे मछलियां भी नहीं पकड़ी जा रहीं। कई लोगों के लिए यह संकट महीनों से बना हुआ है।

श्रीलंका को सरकारी स्तर पर तो भारत से हर तरह की मदद मिल ही रही है। तमिलनाडु के रामेश्वरम के मछुआरे श्रीलंकाई नौसैनिकों को न सिर्फ खाना पहुंचा रहे हैं, बल्कि हौसला भी बढ़ा रहे हैं कि स्थिति जल्द सुधरेगी, हिम्मत रखें। हम आपको खाली पेट नहीं सोने देंगे।

ये वही नौसैनिक हैं, जो भारतीय मछुआरों को प्रताड़ित करते थे और उन पर गोलियां बरसाते थे। मछुआरे एक हफ्ते से नौसैनिकों को खाना, दवा, कपड़े मुफ्त दे रहे हैं। हर मछुआरे के घर चार-पांच लोगों के लिए ज्यादा खाना बन रहा है, ताकि नौसैनिकों का पेट भरा जा सके।

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