Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः बॉम्बे व्यापारिक केंद्र के तौर पर 18वीं शताब्दी की शुरुआत से ही उभर रहा था। समुद्र से जुड़े होने की वजह से माल की आवाजाही इस इलाके से खूब होती थी। इसी वजह से बॉम्बे कई तरह के व्यापार के लिए पसंदीदा जगह थी। उसी दौर में यहां ट्रेडिंग का कारोबार भी शुरू हो गया था।

कुछ व्यापारी बॉम्बे टाउन हॉल के सामने बरगद के पेड़ के नीचे ट्रेडिंग किया करते थे। इन व्यापारियों के कोई लिखित नियम-कानून नहीं थे न ही ट्रेडिंग करने के लिए स्थायी जगह थी। अपनी सहूलियत के हिसाब से ये लोग जगह बदलते रहते थे।

1870 के आसपास इन व्यापारियों ने ट्रेडिंग के लिए एक एसोसिएशन बनाने का सोचा, ताकि ट्रेडिंग को व्यवस्थित रूप दिया जा सके। इस एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए 1 रुपए एंट्री फीस रखी गई। 1875 में आज ही के दिन ये एसोसिएशन बनकर तैयार हुआ, नाम दिया गया – नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन।

शुरुआत में 318 लोग एसोसिएशन के सदस्य थे। धीरे-धीरे लोग बढ़ते गए और ट्रेडिंग के लिए एक बिल्डिंग की जरूरत महसूस होने लगी। 1899 में एसोसिएशन ने दलाल स्ट्रीट पर एक हॉल किराए पर लिया जिसका किराया 100 रुपए महीना था।
एसोसिएशन इतना किराया नहीं चुका सकता था, इसलिए दिनशॉ मानेकजी पेटिट ने ये जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली, जिसके बाद इस हॉल का नाम उनके नाम पर रखा गया। 31 अगस्त 1957 को भारत सरकार ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत मान्यता दी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ये मान्यता पाने वाला देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज है।
फिलहाल जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज स्थित है, उस बिल्डिंग को बनाने का काम 1973 में शुरू हुआ था। 1980 में सारा कारोबार यहां शिफ्ट किया गया और बिल्डिंग को BSE टॉवर्स नाम दिया गया। जिसे बाद में बदलकर फिरोज जीजीभाई टॉवर कर दिया गया।

स्टॉक एक्सचेंज की ओवरऑल परफार्मेंस को मापने के लिए एक इंडेक्स की जरूरत थी, इसलिए 1986 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसेटिव इंडेक्स शुरू किया गया। 2 जनवरी 1986 को पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 30 कंपनियों का इंडेक्स जारी किया गया। बाद में इसका नाम बदलकर सेंसेक्स कर दिया गया।
1995 में ट्रेडिंग के तरीके में एक बड़ा बदलाव करते हुए ट्रेडिशनल तरीके की जगह इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग शुरू की गई। आज मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 9वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और करीब 5000 कंपनियां इसमें रजिस्टर्ड है।

अब बात चिकित्सा के क्षेत्र में मिली सफलता की करते हैं। आज ही के दिन 1893 को पहली ओपन हार्ट सर्जरी की गई थी। मेडिकल फील्ड के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि थी और इस उपलब्धि को अंजाम देने वाले थे डॉक्टर डैन विलियम्स। डैन शिकागो के प्रोविडेंट हॉस्पिटल में डॉक्टर थे। एक रात वे हॉस्पिटल में ही अपनी सेवाएं दे रहे थे तभी कुछ लोग जेम्स कॉर्निश नाम के एक शख्स को लेकर आए।

कॉर्निश की बार में किसी से लड़ाई हो गई थी और इसी लड़ाई में उन पर चाकू से हमला कर दिया गया। चाकू उनके सीने पर लगा था और हार्ट को डैमेज कर चुका था। उस वक्त हार्ट का ऑपरेशन संभव नहीं माना जाता था, क्योंकि चिकित्सा जगत उस समय इतना विकसित नहीं हुआ था। लेकिन डैन ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया।
उन्होंने पसलियों के पास से एक चीरा लगाते हुए हार्ट तक पहुंचने का रास्ता बनाया। हालांकि हार्ट को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन आसपास की धमनी और पेरिकार्डियम में चाकू लगा था। विलियम ने ऑपरेशन खत्म किया और कॉर्निश को अगली सुबह होश आया।

ऑपरेशन सफल रहा और इस ऑपरेशन को दुनिया की पहली ओपन हार्ट सर्जरी माना जाता है। ऑपरेशन के 51 दिन बाद कॉर्निश को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।

अब बात में भारत में लागू हुई प्रथम पंचवर्षीय योजना की करते हैं। 15 मार्च 1950 के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में देश में योजना आयोग का गठन हुआ था। इस आयोग का काम देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की प्लानिंग करना था। साथ ही पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का जिम्मा भी इसी आयोग के पास था।

इस आयोग ने बनने के साथ ही अपनी पहली पंचवर्षीय योजना पर काम करना शुरू किया। आयोग के अध्यक्ष खुद नेहरू थे और नेहरू उस समय सोवियत संघ के आर्थिक मॉडल से काफी प्रभावित थे। पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का आइडिया भी सोवियत संघ से लिया गया था।

दिसंबर 1951 में नेहरू ने पहली पंचवर्षीय योजना को संसद में पेश किया। इस योजना की अवधि 1951 से 1956 तक थी। करीब सात महीने बाद 1952 में आज ही के दिन योजना आयोग ने पहली पंचवर्षीय योजना को प्रकाशित किया था।
इस योजना में कृषि को सबसे ज़्यादा महत्व दिया गया। क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। इस प्लान के लिए सरकार ने कुल 2,069 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 2,378 करोड़ कर दिया गया। इस राशि का 44 फीसदी हिस्सा कृषि और सिंचाई के लिए आवंटित किया गया था।

नेहरू ने कहा था कि फैक्ट्रियां और बांध आजाद भारत के मंदिर होंगे, लिहाजा इस योजना में उन्हें भी तरजीह दी गई। भाखड़ा और हीराकुंड डैम का काम इसी दौरान शुरू किया गया। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की स्थापना की गई। 1956 में जब योजना खत्म हुई तब तक देश में 5 IIT बनकर तैयार हो चुके थे। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 09 जुलाई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1816: अर्जेंटिना ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की।
1819: सिलाई मशीन के अविष्‍कारक एलायस हाउ का जन्‍म।
1875: बंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना।
1877: लंदन में पहली विबंलडन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।
1925: भारतीय सिनेमा के सबसे सशक्त अभिनेताओं एवं बेहतरीन निदेशकों में शुमार गुरुदत्त का जन्म।
1938: अपने सशक्त अभिनय से हिंदी सिनेमा को समृद्ध बनाने वाले अभिनेता संजीव कुमार का जन्म।
1939: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 6 हजार भारतीयों ने एक मीटिंग में रंगभेद और नस्लभेद के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया।
1951: देश में पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) को प्रकाशित किया गया।
1969: वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया। 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया।
1973: ब्रिटेन के 300 साल पुराने उपनिवेश बहामास में ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य अस्त हुआ।
1982: तमाम सुरक्षा प्रणालियों को गच्चा देकर माइकल फागन नाम का एक शख्स ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ के शयनकक्ष तक पहुंच गया।
1991: दक्षिण अफ्रीका को ओलंपिक खेलों में दोबारा हिस्सा लेने की अनुमति मिली।
2002: ‘आर्गेनाइजेशन आफ़ अफ़्रीकन यूनिटी’ का नाम बदलकर ‘अफ्रीकन यूनियन’ किया गया।
2004: एशियाई विकास बैंक ने आतंकवाद से लड़ने हेतु अपने 42 सदस्य देशों के लिए कोष बनाया।
2007: बोइंग ने 787 ड्रिमलाइनर को लॉन्च किया। दिसंबर 2009 में इस विमान ने अपनी पहली उड़ान भरी।
2011: सूडान एक जनमत संग्रह के बाद अलग देश बन गया, 98.83 फीसदी लोगों ने अलग देश के समर्थन में वोट किया।

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