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हम चीखते रहे, लेकिन डर से कन्हैलाल को बचाने कोई नहीं आयाः गवाह - Prakhar Prahari
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हम चीखते रहे, लेकिन डर से कन्हैलाल को बचाने कोई नहीं आयाः गवाह

उदयरपुरः आज शनिवार है। आज राजस्थान के उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की हत्या का पांचवां दिन है। दिनदहाड़ तालिबानी तरीके से हुई इस हत्याकांड के बाद से पूरे शहर में कर्फ्यू लगा है और इसके खिलाफ देशभर के लोगों में गुस्सा है। सरकार ने एहतियातन धारा 144 के साथ नेटबंदी तक का कड़ा निर्णय लिया है।

कन्हैयालाल की दुकान पर काम करने वाले कारीगर ईश्वरलाल (45) आज भी MB हॉस्पिटल में हैं। वहीं, दूसरा कारीगर राजकुमार (50) घर पर हैं। स्थिति को देखते हुए राजकुमार के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जब कन्हैयालाल की हत्या हुई थी, उस समय ये दोनों दुकान में ही थे।

ईश्वरलाल ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे गौस और रियाज कस्टमर बनकर दुकान में आए। मैं काम कर रहा था। कुर्ता-पायजामे का नाप लेने को कहा। सेठ जी (कन्हैयालाल) सारा काम छोड़ नाप लेने लगे। तभी एक आरोपी ने अचानक सेठ जी पर हमला कर दिया। सेठ जी चीखने लगे।

पीछे मुड़कर देखा तो रियाज और गौस दोनों छुरे से हमला कर रहे थे। राजकुमार भी मेरे साथ था। मैं बचाव करने आया,  तो मेरे सिर और कंधे पर हमला किया। मैं जोर-जोर से चिल्लाया, लेकिन डर के मारे कोई बचाने नहीं आया।

वहीं राजकुमार ने बताया कि धमकियों से कन्हैयालाल काफी परेशान थे। डर के मारे सीसीटीवी (CCTV) लगवाए थे। उस दिन अचानक हुए हमले के बाद से मेरा परिवार डरा हुआ है। उन्होंने बताया कि कन्हैयालाल ने नाजिम द्वारा मुकदमा दर्ज करवाने पर माफी भी मांग ली थी। इसके बाद एक महिला और पुरुष आए तो काफी कुछ सुनाया। उस दौरान कन्हैयालाल ने हाथ जोड़कर कहा था कि हमने अनजाने में हुई गलती की माफी मांग ली है। समझौता भी हो गया। आप अपने समाज के सदर शकील भाई से पूछ लीजिएगा। इसके बाद वे महिला-पुरुष चले गए।

राजकुमार ने बताया कि आस-पास की दुकानें कम ही खुली थीं। दुकान में कन्हैयालाल, ईश्वरलाल और मैं था। अचानक हुए हमले से हम डर गए। मैं पहले बाहर आ गया। कुछ ही देर में खून से सने कन्हैयालाल बाहर आए। उनकी मौत हो गई। इसके बाद भी आरोपियों ने उन पर बेरहमी से 5-6 वार किए। यह देख हर कोई डर गया। किसी में आगे आने की हिम्मत नहीं थी।

उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड के बाद से मेरा पूरा परिवार सदमे में है। 6 महीने बाद बेटी की शादी होनी है। घटना से कुछ दिन पहले ही कन्हैयालाल को जब बेटी की शादी के बारे में बताया तो सहायता की बात की थी। रात में फूड डिलीवरी का काम करता हूं। अब डर लगता है कि मुझे और मेरे परिवार को कुछ हो गया तो क्या होगा?

राजकुमार ने कहा कि मुझे कुछ नहीं हुआ, इसलिए किसी ने सहायता तक नहीं की। अब इतने बड़े केस में गवाह बनने के कारण वह खुलकर काम तक नहीं कर सकेंगे। राजकुमार की पत्नी पुष्पा ने बताया कि उनके एक बेटा-एक बेटी है। इस हादसे के बाद पूरा परिवार सहम गया है। अब गली में जाने से भी डर लगता है। कुछ दिन तो निकाल दिए, लेकिन आगे क्या होगा पता नहीं। पुलिस हमें गवाह बना रही है, लेकिन सहायता करने अभी तक कोई नहीं आया।

 

 

Shobha Ojha

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