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शिक्षा

आज का इतिहासः आज के ही दिन एपल ने लॉन्च किया था अपना पहला फोन, खरीदने के लिए एपल स्टोर्स पर लगी थी लंबी-लंबी कतारें , दुनिया में पहली बार किसी फोन के लिए देखी गई थी ऐसी दीवानगी

दिल्लीः दुनिया की मशहूर टेक कंपनी एपल साल 2003 में ऐसी तकनीक बनाने में जुटी थी, जो मैक में माउस और कीबोर्ड की जगह इनपुट के लिए कोई नया तरीका दे सके। कंपनी इसके लिए मल्टीटच टेक्नीक पर काम कर रही थी, जिसमें आप उंगली की मदद से स्क्रीन को टच कर मैक को ऑपरेट कर सकते थे। कंपनी ने इस तकनीक का पहला प्रोटोटाइप मॉडल-035 बनाया।

एपल जिस समय इस तकनीक पर काम कर रही थी, उसी समय दुनियाभर में मोबाइल का मार्केट बढ़ने लगा था। इसी को देखते हुए कंपनी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और फैसला लिया गया कि मल्टीटच टेक्नीक को मैक की बजाय मोबाइल के लिए लॉन्च किया जाएगा।

ऐसा करने के पीछे एक और वजह थी। दरअसल उस समय एपल का आईपॉड धूम मचा रहा था। 2005 में 4 करोड़ आईपॉड की बिक्री हुई थी। कंपनी ने उस समय देखा कि कई लोगों की जेब में कॉल करने के लिए एक मोबाइल और गाने सुनने के लिए आईपॉड होता था।

उस समय मोबाइल में गाने स्टोर करने की सुविधा नहीं थी। एपल को पता था कि जल्द ही कस्टमर ऐसे मोबाइल की डिमांड करेंगे, जिसमें वे गाने भी सुन सकें, ताकि जेब में दो-दो गैजेट न रखना पड़ें। एपल अब मोबाइल फोन मार्केट में उतरने का फैसला ले चुका था।

ये काम बेहद जटिल था। एपल ने इससे पहले इस मार्केट में कोई काम नहीं किया था। एपल के टॉप इंजीनियर्स की टीम इस काम में जुटी। इस फोन के लिए एपल ने नया हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इंटरफेस और टचस्क्रीन जैसे सभी बड़े बदलाव किए। पूरे प्रोजेक्ट को ‘प्रोजेक्ट पर्पल’ नाम दिया गया।

एपल के लिए ये फैसला बेहद जोखिम भरा था। अगर ये प्रोजेक्ट फेल होता तो कंपनी पूरी तरह बर्बाद हो जाती। इसलिए फैसला लिया गया कि प्रोजेक्ट पर्पल के भी 2 हिस्से होंगे, पहला P1 दूसरा P2। P1 की टीम को आइपैड नैनो पर काम करने की जिम्मेदारी दी गई और P2 टीम को 035 मॉडल पर। कंपनी ने इस पूरे प्रोजेक्ट को बेहद गोपनीय रखा।

महीनों की मेहनत के बाद टीम P1 ने आईपॉड में कुछ बदलाव किए लेकिन स्टीव जॉब्स ने इसे रिजेक्ट कर दिया। दरअसल P1 का मॉडल टचस्क्रीन नहीं था और स्टीव जॉब्स फैसला कर चुके थे कि एपल का पहला फोन टचस्क्रीन ही होगा। अब पूरी टीम प्रोजेक्ट P2 पर फोकस करने लगी।

महीनों की मेहनत धीरे-धीरे रंग ला रही थी। 2007 के शुरुआती महीनों में आईफोन बनकर तैयार था। 9 जनवरी को एपल ने घोषणा की कि कंपनी जून में आईफोन लॉन्च करेगी। 2007 में आज ही के दिन यानी 29 जून 2007 आईफोन पहली बार लोगों के सामने आया। अमेरिका में एपल के स्टोर्स पर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। दुनिया ने पहली बार किसी फोन के लिए लोगों में इतना पागलपन देखा था।

इस आईफोन में कंपनी ने 3.5 इंच का टचस्क्रीन डिस्प्ले और 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा दिया था। फोन को 4GB और 8GB स्टोरेज के दो वैरिएंट में लॉन्च किया गया था। इसमें बैक और एग्जिट के लिए होम बटन दिया था, जो बाद में आईफोन का आइकॉनिक बटन भी बन गया।

इस फोन ने मोबाइल फोन इस्तेमाल करने का पूरा तरीका ही बदल दिया। बटन वाले फोन की जगह टचस्क्रीन फोन ने ले ली थी, जो उंगलियों के इशारों पर नाचता था। एपल का ये फोन बेहद हिट रहा। आंकड़ों के मुताबिक शुरुआती 15 महीनों में ही एपल ने करीब 60 लाख आईफोन बेचे थे।

अब बात करते हैं एक ऐसे पुरुष की, जिसने गर्भधारण किया और बेटी को जन्म दिया। अमेरिका के हवाई में साल 1974 में थॉमस बिटी का जन्म हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से हेल्थ साइंस में ग्रेजुएशन किया था। जन्म के समय बिटी एक लड़की थे। साल 1997 में उन्होंने इस बात का खुलासा किया था।

दरअसल 2002 में उन्होंने सर्जरी के जरिए अपना जेंडर चेंज करवा लिया और अब वे एक पुरुष बन गए थे, लेकिन उन्होंने अपने फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में कोई बदलाव नहीं करवाया था। यानी वह एक पुरुष तो बन गए थे लेकिन एक महिला की तरह उनमें बच्चे पैदा करने की काबिलियत भी थी।

अगले ही साल बिटी ने नैंसी से शादी कर ली। शादी के बाद बिटी ने फैसला लिया कि बच्चे की मां वे खुद बनेंगे। उन्होंने आर्टिफिशियल इंसीमिनेशन के जरिए गर्भधारण किया। जब बिटी ने सार्वजनिक तौर पर बताया कि वे प्रेग्नेंट हैं तो वे पूरे मीडिया जगत में छा गए। ये अपनी तरह का पहला मामला था, इसलिए बिटी एक सेलिब्रिटी बन गए थे।

आज ही के दिन साल 2008 में बिटी ने लड़की को जन्म दिया। इतिहास में ये पहली बार हुआ था, जब एक पुरुष ने अपनी संतान को जन्म दिया था। इसके बाद 2009 और 2010 में बिटी ने दो लड़कों को जन्म दिया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 29 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर

1444 – अल्बानिया के सिकंदर बेग ने ऑटोमेन साम्राज्य की सेना को हराया।
1613 – विलियम शेक्सपियर का ग्लोब थियेटर आग लगने से क्षतिग्रस्त हुआ।
1893- ‘आंकड़ों के जादूगर’ के नाम से प्रसिद्ध भारत के प्रख्यात सांख्यिकीविद पीसी महालनोबिस का जन्म हुआ।
1901 – प्रसिद्ध क्रांतिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी का जन्म।
1908 – बड़ौदा रियासत के अंतिम महाराजा प्रतापसिंह राव गायकवाड़ का जन्म।
1961 – प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ एवं प्रथम रक्षामंत्री सरदार बलदेव सिंह का निधन।
1974 – ईसाबेल पेरोन अर्जेटीना की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
1975 – भारतीय फिल्म अभिनेत्री उपासना सिंह का जन्म।
1976 – सिशेल्स द्वीप समूह आजाद हुआ।
1997- भारतीय चेस खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने फ्रैंकफर्ट चेस क्लासिक का खिताब जीता। आनंद 5 बार वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के विजेता रहे हैं।
2000 – विश्व की प्रमुख कंपनी आई.बी.एम. द्वारा विश्व का सबसे तेज कम्प्यूटर निर्मित।
2002- अटल सरकार में गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को उप-प्रधानमंत्री बनाया गया। आडवाणी देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री थे।
2005 – भारत और अमेरिका के बीच समग्र 10 वर्षीय समझौता।
2007 – प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने फ्यूचर कप के दूसरे एकदिवसीय मैच में 15 हजार रन पूरे किए।
2008 – दुनिया के पहले प्रेगनेंट पुरुष (ट्रांसजेंडर आदमी) थॉमस ने बेटी को जन्म दिया।
2008 – जनहित फाउण्डेशन को पर्यावरण क्षेत्र का प्रसिद्ध पुरस्कार आइकॉम पुरस्कार दिया गया।
2011- अमेरिका ने भारत को मानव तस्करी की वॉच लिस्ट से बाहर किया।
2010- छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में 26 जवान शहीद हुए।
2014 – साइना नेहवाल ने ऑस्ट्रेलियन सुपर सीरीज जीती।
2013 – कैलिफोर्निया ने समलैंगिक विवाह पर लगी रोक हटाई।
2019 – भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, कोइनएक्स (मुंबई) ने अपनी डिजिटल एसेट ट्रेडिंग सेवाओं और इससे संबंधित संचालन को बंद किया।
2019 – मलयालम निर्देशक बाबू नारायणन का निधन।

 

Delhi Desk

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