बर्लिनः जर्मनी के बवेरियन आल्प्स के श्लॉस एल्मौ में  26 जून से 28 जून तक जी-7 शिखर में सम्मेलन चलेगा। जी-7 के 48वें शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंच गए हैं। इस दौरान म्यूनिख में एक बवेरियन बैंड ने उनका स्वागत किया। वहीं, जर्मनी में मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने भी उनका जोरदार स्वागत किया।

पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर जर्मनी पहुंचे हैं। यहां प्रधानमंत्री मोदी 12 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक करेंगे और 15 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। जी-7 शिखर सम्मेलन 26 से 28 जून तक चलेगा। शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का भी दौरा करेंगे।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने जर्मनी-यूएई की अपनी यात्रा से पहले कहा था कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके अलावा जर्मनी के म्यूनिख में एक कम्यूनिटी प्रोग्राम में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत भी करेंगे।

उन्होंने कहा, “मैं जर्मन प्रेसीडेंसी के तहत G-7 शिखर सम्मेलन के लिए जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के निमंत्रण पर जर्मनी के श्लॉस एल्मौ का दौरा करूंगा। उन्होंने कहा कि दौरे के दौरान जर्मनी के चांसलर से मिलकर खुशी होगी।“

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य रूप से G-7 के दो सेशन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि शिखर सम्मेलन में क्लाइमेट, एनर्जी, हेल्थ और फूड सिक्योरिटी एंड जेंडर इक्वालिटी है, जिसपर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके अलावा यूक्रेन-रूस जंग, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भारत के स्टैंड पर भी चर्चा होने की संभावना है।

आपको बता दें कि जिस होटल में जी-7 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है, उसमें एयरकंडीशनर नहीं है। पैलेस में ईको फ्रेंडली कूलिंग सिस्टम है, जहां 8 डिग्री सेल्सियस तापमान मेंटेन किया जाता है। यह होटल 2015 में भी जी-7 की मेजबानी कर चुका है। मेजबानी के लिए 47 प्रेसिडेंशियल सुइट्स हैं, जो मुख्य होटल के इतर है। इसे रिट्रीट नाम दिया गया है। पीएम मोदी जर्मनी से 27 जून को यूएई  के लिए रवाना होंगे।

आपको बता दें कि G-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है, जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है। इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ईटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है।

इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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