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आज का इतिहासः रानी दुर्गावती आज के ही दिन दुश्मनों से लड़ते हुए हुई थीं शहीद - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः रानी दुर्गावती आज के ही दिन दुश्मनों से लड़ते हुए हुई थीं शहीद

दिल्लीः आज 24 जून यानी रानी दुर्वाती का बलिदान दिवस है। रानी दुर्गावती दुश्मनों से लड़ते हुए आज ही के दिन साल 1564 में शहीद हो गई थीं। उनकी शहादत के दिन को ‘बलिदान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। वर्तमान उत्तर प्रदेश के बांदा में 5 अक्टूबर 1524 को जन्मी महारानी दुर्गावती के पिता कीरत राय चंदेल वंश के शासक थे। विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिरों में से कुछ मंदिर इन्होंने ही बनवाए थे।

दुर्गावती को बचपन से ही तीरंदाजी, तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था। वे बचपन में पिता के साथ जंगलों में शिकार करने जाया करती थीं। पिता के सान्निध्य में धीरे-धीरे दुर्गावती युद्ध कलाओं में निपुण हो गईं। 1542 में 18 साल की उम्र में उनकी शादी गोंडवाना के दलपत शाह से कर दी गई।

रानी दुर्गावती ने कुछ साल बाद एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम वीर नारायण रखा गया। बेटा 5 साल का हुआ ही था कि दलपत शाह का निधन हो गया। रानी ने अपने बेटे को गद्दी पर बैठाया और गोंडवाना की बागडोर अपने हाथों में ले ली। उन्होंने अपने राज्य की राजधानी को चौरागढ़ से सिंगौरगढ़ स्थानांतरित किया।

रानी दुर्गावती ने अपनी सेना में बड़े बदलाव किए और एक सुसज्जित सेना तैयार की। कई मंदिरों, धर्मशालाओं और तालाबों का निर्माण कराया। 1556 में मालवा के सुल्तान बाज बहादुर ने गोंडवाना पर हमला बोल दिया, लेकिन रानी दुर्गावती के साहस के सामने वह बुरी तरह से पराजित हुआ।

1562 में अकबर ने मालवा को मुगल साम्राज्य में मिला लिया और रीवा पर आसफ खान का कब्जा हो गया। मालवा और रीवा, दोनों की ही सीमाएं गोंडवाना को छूती थीं, इसलिए मुगलों ने गोंडवाना को भी अपने साम्राज्य में मिलाने की कोशिश की।

आसफ खान ने 1562 में गोंडवाना पर हमला किया, लेकिन इस हमले में रानी की जीत हुई। 2 साल बाद 1564 में आसफ खान ने फिर हमला किया। रानी अपने हाथी पर सवार होकर युद्ध के लिए निकलीं। उनका बेटा वीर नारायण भी उनके साथ था।

युद्ध में रानी को शरीर में कई तीर लगे और वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें लगने लगा था कि अब जिंदा रहना मुश्किल है। उन्होंने अपने एक सैनिक से कहा कि वह उन्हें मार दे, लेकिन सैनिक ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब रानी ने खुद ही अपनी तलवार सीने में मार ली और शहीद हो गईं।

भारतीय क्रिकेट टीम साल 1974 में इंग्लैंड का दौरे पर गई थी। इस दौरे में भारत और इंग्लैंड के बीच कुल 19 मैच होने थे। इनमें 3 टेस्ट 2 वनडे और बाकी वार्म-अप मैच थे। पहला वार्म-अप मैच 22 अप्रैल से शुरू हुआ जो ड्रा रहा। पहले टेस्ट से पहले दोनों टीमों को 12 वार्म-अप मैच खेलने थे जिसमें से 10 ड्रा हुए और 2 को भारतीय टीम ने जीत लिया।

दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच 6 जून को खेला गया। इस मैच को इंग्लैंड ने 113 रनों से जीत लिया। 20 जून से लॉर्ड्स पर दूसरा टेस्ट शुरू हुआ। इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करने का फैसला लिया। डेनिस एमिस, माइक डेनेस और टोनी ग्रेग ने शानदार शतक जड़े, जिसकी बदौलत इंग्लैंड ने 630 रन बनाए।

भारत ने पहली इनिंग में 302 रन बनाए। फारुख इंजीनियर और गुंडप्पा विश्वनाथ ने अर्धशतक जड़े। सुनील गावस्कर अर्धशतक से 1 रन दूर रह गए। 24 जून को भारतीय टीम फॉलोऑन खेलने उतरी। 17 ओवर में ही पूरी टीम 42 ऑलआउट हो गई। भारत की तरफ से एकनाथ सोलकर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने दहाई का आंकड़ा छुआ था।

इंग्लैंड ने ये मैच एक इनिंग और 285 रनों से जीत लिया। यह टेस्ट में भारत का अब तक का दूसरा सबसे कम स्कोर है। आपको बता दें कि साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय टीम 36 रन ही बना सकी थी।

अब बात टेनिस की करते हैं। 24 जून 2010 को अमेरिका के जॉन इस्नर और फ्रांस के निकोलस माहुत के बीच विंबलडन के मेंस सिंगल्स के पहले राउंड का मुकाबला। इस मुकाबले को विंबलडन के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक खेले जाने वाले मैच के तौर पर याद किया जाता है।

दोनों के बीच ये मुकाबला 11 घंटे 5 मिनट तक चला। मैच का पांचवा सेट ही 8 घंटे 11 मिनट तक खेला गया। 22 जून को शुरू हुआ ये मुकाबला आज ही के दिन खत्म हुआ। इस्रर ने पहला सेट जीता तो माहुत ने दूसरा और तीसरा सेट अपने नाम किया। इसके बाद इस्नर ने फिर वापसी करते हुए चौथा सेट जीता। जॉन इस्नर ने ये मुकाबला 6-4, 3-6, 6-7, 7-6, 70-68 से जीत लिया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 24 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1206: दिल्ली सल्तनत के पहले सुल्तान कुतबुद्दीन ऐबक की लाहौर (अब पाकिस्तान) में ताजपोशी।
1564: भारत की वीरांगना महारानी दुर्गावती मुगलों से जंग के दौरान शहीद।
1793: फ्रांस ने पहली बार रिपब्लिकन संविधान अपनाया।
1859: फ़्रांस और सारडीनिया के साथ ऑस्ट्रिया का सोल्फ़ोरीनो युद्ध हुआ
1918: कनाडा में मॉन्ट्रियल से टोरंटो के बीच पहली एयरमेल सेवा की शुरुआत हुई।
1961: भारत के पहले स्वदेशी एचएफ 24 सुपरसोनिक लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी।
1963: डाक एवं टेलीग्राफ विभाग ने राष्ट्रीय टेलेक्स सेवा की शुरुआत की।
1966: मुंबई से न्यूयार्क जा रहे एयर इंडिया के विमान के स्विट्ज़रलैंड के माउंट ब्लैंक में दुर्घटनाग्रस्त होने से 117 लोगों की मौत।
1974: भारतीय टीम लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन पर सिमटी। इस टेस्ट में भारत ने न्यूनतम स्कोर बनाया और 285 रन से हार गया।
1975: न्यूयॉर्क के जेएफके हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 113 लोगों की मौत।
1980: भारत के चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरि का निधन।
1982: सोवियत संघ ने सोयूज T-6 लॉन्च किया।
1990: भारत ने थर्ड जनरेशन की पहली मिसाइल ‘नाग’ का परीक्षण किया।
2002: अफ्रीकी देश तंजानिया में ट्रेन दुर्घटना में 281 लोगों की मौत।
2004: जॉन नेग्रोपोटे ईराक में अमेरिका के पहले राजदूत बने।
2005: अमेरिका की तरफ से भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की दावेदारी को मान्यता मिली।
2006: फ़िलिपीन्स में मौत की सज़ा समाप्त।
2008: नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया।
2010: विंबलडन में टेनिस इतिहास का सबसे लंबा मैच 11 घंटे और पांच मिनट तक चला। यह ऐतिहासिक मैच अमेरिका के जॉन इसनर और फ्रांस के निकोलस माहूत के बीच खेला गया।
2010: जूलिया गिलार्ड ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
2012: सऊदी अरब ने पहली बार ओलिंपिक में महिला खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी।
2016: ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरन ने इस्तीफा दिया। एक दिन पहले ही ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें ब्रिटेन के लोगों ने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से निकलने के पक्ष में वोटिंग की थी।
2018: तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने लगातार दूसरी बार तुर्की की सत्ता संभाली।

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