संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
मुंबईः महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का जाना तय माना जा रहा है। वैसे राजनीति में कुछ भी संभव है, लेकिन मौजूदा परिस्थियों के मद्देनजर यह तय महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार अंत आज हो जाएगा। संभव है कि राज्य की राजनीति की स्थिति आज तस्वीर साफ हो जाएगी। बुधवार की घटनाओं ने महाराष्ट्र के भविष्य का खाका खींच दिया है। इस बीच, बुधवार देर रात चार और विधायक गुवाहाटी पहुंचे। इनमें शिवसेना के गुलाबराव पाटील, योगेश कदम शामिल हैं। अन्य दो विधायक मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय हैं।
शिव सेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की ताकत बढ़ती जा रही है। कहा जा रहा है कि दो और विधायक सूरत से गुवाहाटी के लिए रवाना होंगे। शिवसेना के बागी विधायकों की कुल संख्या 41 तक पहुंच गई। बाकी 7 निर्दलीय विधायक हैं। अब, एकनाथ के पास कुल 48 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार की रात को ही अपना सरकारी आवास ‘वर्षा’ खालीकर मातोश्री पहुंच चुके हैं। ये कदम उन्होंने तब उठाया, जब एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कह दिया कि शिवसेना का गठबंधन से बाहर आना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें पार्टी खुद ही कमजोर हो रही है और राकांपा-कांग्रेस मजबूत।
उद्धव के इस कदम की दो अहम वजहें भी मानी जा रही हैं। पहली- शरद पवार की सलाह, जिसमें उन्होंने शिंदे को सीएम बनाने को कहा था। दूसरी- शिंदे खेमे का लगातार मजबूत होना, जिनके गुवाहाटी स्थित गढ़ में बागी विधायकों की संख्या 39 पहुंच चुकी है। आइए एक नजर डालते हैं महराष्ट्र की राजनीति में घटित हुई अब तक की महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
- शिंदे बागी विधायकों के साथ बुधवार को गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में आ जमे। इसके बाद कुछ और विधायक भी उनके पास पहुंचे।
- कांग्रेस, राकांपा के विधायकों और मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की बैठकों और चिंतन का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस में कमलनाथ ने जिम्मा संभाला और शरद पवार ने राकांपा का।
- महाराष्ट्र के सियासत में हलचल शिव सेना नेता संजय राउत के बयान से, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा भंग होने की ओर बढ़ रही है। हालांकि, दिनभर में उनके बयान कभी इस ओर तो कभी उस ओर होते रहे। शाम को बोले कि मुख्यमंत्री तो उद्धव ठाकरे ही रहेंगे।
- नितिन देशमुख सूरत के होटल में थे और फिर मारपीट और खराब तबीयत की खबरों के दौरान अस्पताल पहुंचे थे। वे बुधवार को सूरत से भागकर नागपुर पहुंचे। आरोप लगाया- मुझे अस्पताल ले जाने के बाद 20 से 25 लोगों ने जबरन इंजेक्शन लगाया। वे इंजेक्शन क्या थे, मुझे नहीं पता। मुझे बेहोश करने की कोशिश की गई, जिससे मैं कुछ समझ नहीं पाऊं। मैं उद्धव ठाकरे का शिवसैनिक था, शिवसेना में रहूंगा।
- उद्धव ठाकरे ने बड़े सियासी संकट के बीच कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई, लेकिन कोरोना के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इससे जुड़े। इसके बाद शिवसेना ने पार्टी विधायकों को व्हिप जारी कर शाम 5 बजे सेना भवन में इकट्ठा होने का फरमान सुनाया। कहा- गैरमौजूदगी की स्थिति में एक्शन लिया जाएगा।
- शिवसेना का व्हिप जारी हुए 50 मिनट हुए होंगे, शिंदे ने एक और बम फोड़ा। व्हिप को अवैध बताते हुए चीफ व्हिप की पोस्ट पर अपने साथी भरत गोगावला को बैठा दिया। सीधा संकेत था कि सरकार के साथ उद्धव के सामने अपनी ही पार्टी शिवसेना का संकट भी खड़ा हो गया है। शिंदे ने सीधे-सीधे शिवसेना पर ही दावा ठोक दिया था।
- शिंदे के पार्टी पर दावा ठोकने के करीब एक घंटे बाद पौने छह बजे उद्धव फेसबुक पर लाइव आए। कहा था कि जनता से बात करेंगे, लेकिन हर जुमले में शिंदे और बागियों से ही मुखातिब हुए। बोले- मुख्यमंत्री क्या, पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने को तैयार हूं, लेकिन शिवसेना विधायक बोलें तो.. और शिंदे सामने आकर यह बात करें
- सीएम उद्धव के फेसबुक लाइव के बाद शरद पवार और सुप्रिया सुले मुलाकात करने पहुंचे। पवार ने सलाह दी कि शिंदे को ही मुख्यमंत्री बना दो। इस बीच शिंदे ने अगला दांव खेला। कहा- गठबंधन से बाहर आना शिवसेना के लिए जरूरी है, क्योंकि गठबंधन बेमेल है और शिवसेना कमजोर हो रही है। यह भी कहा कि महाराष्ट्र के हित के लिए कदम उठाना होगा।
- सीएम ठाकरे ने हाथ से सब कुछ निकलता देख आखिरकार इमोशनल कार्ड खेला। सीएम हाउस “वर्षा’ खाली कर अपने निवास “मातोश्री’ पहुंच गए। यहां सैकड़ों शिवसैनिकों ने समर्थन में जमकर नारेबाजी की। कहने लगे कि शिंदे ने गद्दारी की है।