मुंबईः महाराष्ट्र के सियासी संकट में पल-पल घटनाक्रम बदल रहा है। एक ओर जहां शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने अपने साथ 49 विधायकों की तस्वीर जारी कर दी है। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि हम एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार हैं। शिंदे मुंबई आकर उद्धव ठाकरे से बात करें। इस बीच खबर है कि बीजेपी ने शिंदे को सरकार बनाने का ऑफर भेजा है। आइए अब आपको बताते हैं कि महाराष्ट्र में मचे घमासान में अब आगे क्या हो सकता है…
- गुवाहाटी में ही एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक दल का नेता बन सकते हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को ई-मेल या चिट्ठी लिखकर विधानसभा में अपने गुट को असली शिवसेना घोषित करने की मांग कर सकते हैं।
- आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष का पद 8 महीने से खाली है। उनकी जगह एनसीपी के नरहरि सीताराम झीरवाल डिप्टी स्पीकर हैं। अगर एनसीपी उद्धव के साथ डटी रहती है, तो शिंदे के शिवसेना पर दावा ठोकने की अपील के लटकने की संभावना ज्यादा है।
- शिंदे राज्यपाल के सामने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा ठोक सकते हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कोरोना से जूझ रहे हैं। वह उद्धव सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दे सकते हैं। अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो गेंद फिर अध्यक्ष के पाले में चली जाएगी और अध्यक्ष शिवसेना की अपील पर शिंदे खेमे को दलबदल कानून में फंसा सकते हैं।
- मौजूदा समय में उद्धव के खेमे में सिर्फ 13 विधायक बचे हैं। इन विधायकों के साथ बैठक के बाद संजय राउत ने कहा कि हम एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार हैं। बस शिंदे मुंबई आकर उद्धव से बात करें। बागी विधायकों को मुंबई बुलाने के पीछे उद्धव खेमे का छिपा मकसद हो सकता है। वह बागियों को किसी तरह मुंबई बुलाकर उन्हें अपने पाले में तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। उद्धव खेमे की यही आखिरी उम्मीद भी नजर आती है।
- राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को कोरोना वायरस से ग्रसित हैं। ऐसे में केंद्र सरकार महाराष्ट्र के राज्यपाल का कार्यभार गोवा के राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई को सौंप सकते हैं। इससे दो मकसद हल होंगे। पहला- कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़े बिना राज्यपाल शिंदे समर्थक विधायकों की परेड करा सकेंगे और दूसरा ये सब उठा-पटक पणजी में होगी। इससे बागी विधायकों के साथ उद्धव खेमे से संपर्क की संभावना कम हो जाएगी।
- अगर सिनेरियो 1 और सिनेरियो 2 में फ्लोर टेस्ट या सरकार बनाने की कवायद विधानसभा में उलझते ही शिंदे या बीजेपी अदालत का रुख कर सकते हैं। इस तरह के मामलों में आम तौर पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट निश्चित शर्तों के साथ निश्चित समय में फ्लोर टेस्ट करने के निर्देश देती है। महाराष्ट्र के मामले में भी यही संभावना सबसे मजबूत है।
- बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस शिंदे और बागी विधायकों के समर्थन के साथ खुद सीधे राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। इस मामले में भी राज्यपाल फ्लोर टेस्ट का आदेश दे सकता है। फ्लोर टेस्ट में उद्धव के पास पर्याप्त संख्या नहीं होगी। इस स्थिति में वो विश्वासमत खो देंगे। इसके बाद शिंदे के बागी विधायकों के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बना सकती है।
- उपरोक्त सभी सिनेरियो तभी संभव होंगे, जब उद्धव इस्तीफा नहीं देंगे। हालांकि, उद्धव के इस्तीफा देने की संभावना फिलहाल कम है। अगर उद्धव इस्तीफा देते हैं तो शिंदे और बीजेपी की राह आसान हो जाएगी। राज्यपाल नई सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को न्योता भेजेंगे। शिंदे खेमे के साथ मिलकर बीजेपी नई सरकार बना लेगी।
- इन सबसे इतर एक और संभावना भी दिखाई दे रही है। शिंदे खेमे को शिवसेना के सांसदों का भी समर्थन है। इन सबको लेकर वो चुनाव आयोग के पास जाकर शिवसेना के सिंबल पर दावा ठोक सकते हैं।