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आज का इतिहासः पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, यह कहने पर चर्च ने आज के ही दिन सुनाई थी गैलीलियो के खिलाफ सजा, पूरी जिंदगी रहना पड़ा था नजरबंद, बाद में चर्च ने मानी की अपनी गलती - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, यह कहने पर चर्च ने आज के ही दिन सुनाई थी गैलीलियो के खिलाफ सजा, पूरी जिंदगी रहना पड़ा था नजरबंद, बाद में चर्च ने मानी की अपनी गलती

दिल्लीः पहले माना जाता था कि सूर्य पृथ्वी के आसपास चक्कर लगाता है, लेकिन पोलैंड के महान खगोलशास्त्री निकोलस कोपरनिकस इस घारणा को बदल डाला। उन्होंने आम लोगों में प्रचलित अवधारणा के उलट कहा था कि पृथ्वी सूर्य के आसपास चक्कर लगाती है।

इस थ्योरी के कारण कोपरनिकस का खासा विरोध हुआ। कोपरनिकस के निधन के बाद इटली के महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ गैलीलियो ने भी यही बात दोहराई। गैलीलियो ने अपने प्रयोगों से दुनिया को बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।

उस समय चर्च और धर्मग्रंथों के हिसाब से पूरी दुनिया में ये अवधारणा प्रचलित थी कि सूर्य पृथ्वी का चक्कर लगाता है। जब गैलीलियो ने इस थ्योरी को सार्वजनिक किया तो चर्च उनके खिलाफ हो गया। उन पर विधर्मी होने के आरोप लगाए गए और अपनी थ्योरी को गणितीय रूप से सिद्ध करने को कहा गया। साथ ही रोमन कैथोलिक चर्च में उनके खिलाफ विधर्म का मुकदमा चलाया गया।
मुकदमे की सुनवाई 12 अप्रैल 1633 को शुरू हुई। गैलीलियो ने खुद के बचाव में तर्क दिया कि जो वे लिख रहे हैं ये उनकी मान्यता नहीं है। वे आम लोगों में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा लिख रहे हैं और वे खुद भी इस बात पर यकीन नहीं करते. लेकिन चर्च गैलीलियो के तर्कों से सहमत नहीं हुआ और उन्हें सजा सुनाई गई। 22 जून 1633 को चर्च ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “हम (चर्च) न्याय करते हुए घोषणा करते है कि गैलीलियो को विधर्मी होने का दोषी पाया गया है। गैलीलियो का सिद्धांत और मान्यता दैवीय धार्मिक पुस्तकों का अपमान है।”

चर्च ने इस फैसले के साथ गैलीलियो को सजा भी सुनाई। उनकी किताब को बैन कर दिया गया और उन्हें नजरबंद कर दिया गया। साथ ही 3 साल तक हर हफ्ते उन्हें ईश्वर से माफी मांगने के लिए 7 साम्स पढ़ने को कहा गया।
गैलीलियो की बाकी जिंदगी नजरबंदी में ही बीती। 8 जनवरी 1642 को उनका निधन हो गया।

आज गैलीलियो को दुनिया एक बेहतरीन गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के तौर पर याद करती है। 31 अक्टूबर 1992 को चर्च ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि गैलीलियो का सिद्धांत सही था और चर्च से गैलीलियो को समझने में गलती हुई।

अब बात फुटबॉल वर्ल्ड कप की करते हैं। 1986 का फीफा वर्ल्ड कप के दौरान मैक्सिको के एजटेका स्टेडियम में अर्जेंटीना और इंग्लैंड के बीच क्वार्टर फाइनल मुकाबला। इससे 4 साल पहले ही अर्जेंटीना और ब्रिटेन में युद्ध हुआ था। इसलिए मैच को लेकर दोनों देशों की उम्मीदें सातवें आसमान पर थीं।

दोनों टीमें पूरी जान लगाकर खेल रही थीं और पहले हॉफ तक किसी भी टीम की तरफ से एक भी गोल नहीं हुआ था। सेकेंड हॉफ शुरू हुआ और मैदान में अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी मेराडोना की हलचल तेज होने लगी। मेराडोना लेफ्ट साइड की कमान संभाले हुए थे। उन्होंने बॉल को लो पास देते हुए होर्गे वेल्डैनो की ओर शॉट मारा।

इंग्लैंड के मिडफील्डर स्टीव हॉज को छकाकर बॉल पेनल्टी एरिया की तरफ चली गई। बॉल के पीछे-पीछे मेराडोना भी पेनल्टी एरिया के पास चले गए। इंग्लैंड के गोलकीपर पीटर शिल्टन गोल रोकने के लिए बाहर निकल कर आए और उनके पीछे मेराडोना भी जा पहुंचे। मेराडोना के बाएं हाथ से बॉल लगी और गोल हो गया।

उस समय ऐसी कोई तकनीक नहीं थी कि हाथ से छूकर गई है या नहीं ये चेक किया जा सके। रैफरी को लगा कि बॉल मेराडोना के सिर से टकराकर गई है और रैफरी ने गोल दे दिया। मेराडोना ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
मैच के बाद मेराडोना ने कहा कि ये गोल थोड़ा मेरे सिर और थोड़ा भगवान के हाथ से हुआ था। मेराडोना के इस बयान के बाद इस गोल को ‘हैंड ऑफ गॉड’ गोल कहा जाता है।

इसी मैच में मेराडोना ने इंग्लैंड के 5 खिलाड़ियों को छकाते हुए करीब 60 यार्ड की दूरी तय कर दूसरा गोल किया। इसे ‘गोल ऑफ सेंचुरी’ कहा जाता है। अर्जेंटीना ने मैच 2-0 से जीत लिया और आगे चलकर फीफा वर्ल्ड कप भी जीत लिया।

अब भारत की एक बेटी की करते हैं। अंतरिक्ष में भारत का सितारा सुनीता विलियम्स अपने पहले अंतरिक्ष दौरे को पूरा कर आज ही धरती पर लौटी थीं। वे अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला हैं। उन्होंने अब तक 322 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

9 दिसंबर 2006 को सुनीता विलियम्स ने स्पेस शटल ‘डिस्कवरी’ के जरिए अंतरिक्ष की पहली उड़ान भरी थी। इसी मिशन पर सुनीता ने 4 स्पेस वॉक भी की थी। उनके नाम सबसे ज्यादा देर तक स्पेस वॉक करने का भी रिकॉर्ड है। वे अब तक अंतरिक्ष में 50 घंटे से ज्यादा स्पेस वॉक कर चुकी हैं।

दरअसल स्पेस वॉक करना बेहद मुश्किल होता है और इसके लिए कठिन तैयारी करनी पड़ती है। 2007 में आज ही के दिन सुनीता विलियम्स अपने पहले अंतरिक्ष मिशन को पूरा करने के बाद धरती पर वापस लौटी थीं। उसके बाद साल 2012 में भी वे अंतरिक्ष यात्रा पर जा चुकी हैं।

अब बात भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई की करते हैं। आज के ही दिन साल 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी। ये दल कांग्रेस के भीतर से बनकर ही अलग हुआ था। दरअसल साल 1938 में सुभाष चंद्र बोस पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

कहा जाता है कि गांधी जी और सुभाष चंद्र बोस में कुछ मतभेद थे,  इसलिए गांधी जी सुभाष चंद्र बोस को अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते थे और उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए पट्टाभि सीतारमैया का नाम आगे बढ़ाया। साल 1939 में पट्टाभि सीतारमैया अध्यक्ष पद का चुनाव हार गए और नेताजी एक बार फिर कांग्रेस के अध्यक्ष बने। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 22 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1555- हुमांयू ने सिकंदर सूरी को पराजित कर अकबर को उत्तराधिकारी घोषित किया।
1740- पर्शिया के राजा फ्रेडरिक द्वितीय ने अत्याचार समाप्त और प्रेस की स्वतंत्रता की गारंटी ली।
1799- ब्रिटेन और रूस ने बातापेसे गणराज्य पर आक्रमण करने का फैसला किया।
1814- एचएमएस लेन्डर ने यूएसएस रैटलस्नेक को सैबल आइलैंड, नोवा स्कोटिया में हराया।
1826- पनामा के पैन-अमेरिकन कांग्रेस ने अमेरिका के गणराज्यों को एकजुट करने की (असफल) कोशिश की।
1844- येल यूनिवर्सिटी में डेल्टा कप्पा एप्सिलन सोसायटी की स्थापना।
1906- स्वीडन ने राष्ट्रीय ध्वज अपनाया।
1911- किंक जॉर्ज पंचम को इंग्लैंड का राजा बनाया गया।
1932- हिन्दी सिनेमा के अभिनेता अमरीश पुरी का जन्म।
1932- प्रसिद्ध कवि जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का निधन।
1933: हिटलर ने जर्मनी में नेशनल सोशलिस्ट पार्टी को छोड़ बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों पर बैन लगा दिया।
1934: वॉक्सवैगन बीटल के पहले प्रोटोटाइप पर काम शुरू हुआ। वॉक्सवैगन की ये सबसे चर्चित कार है।
1939- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कांग्रेस से अलग होकर फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की।
1941- द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी ने सोवियत रूस पर आक्रमण किया।
1944- अमेरिका ने सेवानिवृत सैनिकों की मदद के लिए कानून बनाया।
1946: इंग्लैंड और भारत के बीच लंदन के लॉडर्स क्रिकेट मैदान में पहला क्रिकेट टेस्ट मैच शुरू हुआ।
1950- बॉलीवुड अभिनेता टॉम अल्टर का जन्म।
1981- अमेरिकी संगीतज्ञ जॉन लेनन के हत्यारे ने अपना अपराध कबूल किया।
1986- अर्जेंटीना के फुटबाल खिलाड़ी दिएगो माराडोना ने यादगार ‘हैंड ऑफ गॉड’ गोल किया। इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप क्वार्टरफाइनल मुकाबले में गेंद माराडोना के हाथ से लगकर गोल में चली गई, जबकि रेफरी ने समझा कि गेंद उनके सिर से लगी है। लिहाजा उसने गोल दे दिया। इस मैच में जीत दर्ज करके अर्जेंटीना अंतत: टूर्नामेंट जीतने में कामयाब रहा।
1994- फिल्मकार, निर्माता-निर्देशक एवं अभिनेता एल. वी. प्रसाद का निधन।
1996: लॉर्ड्स के मैदान पर सौरव गांगुली ने अपने पहले टेस्ट मैच में 131 रन की पारी खेली।
2000- हिन्दी कवि केदारनाथ अग्रवाल का निधन।
2007- अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने दल के साथ अंतरिक्ष से धरती पर लौटीं।
2009- 21वीं सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण भारत में दिखाई दिया।
2016- इसरो ने 20 उपग्रह प्रक्षेपित कर अंतरिक्ष में रचा इतिहास।

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