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आज का इतिहासः आज के ही दिन 1966 में बाला साहेब ठाकरे ने किया था शिवसेना का गठन - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः आज के ही दिन 1966 में बाला साहेब ठाकरे ने किया था शिवसेना का गठन

दिल्लीः आज के ही दिन 19 जून 1966 में बाला साहेब ठाकरे ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी शिवसेना की नींव रखी थी। उन्होंने मराठी लोगों के अधिकारों के संघर्ष के लिए इस पार्टी का गठन किया गया। मौजूदा समय में महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार है और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं।

आपको बता दें कि शिवसेना के गठन से पहले बाल ठाकरे एक अंग्रेजी अखबार में कार्टूनिस्ट थे। उनके पिता ने मराठी बोलने वालों के लिए अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन किया था। बाला साहेब ने भी बॉम्बे में दूसरे राज्यों के लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ‘मार्मिक’ नाम से अखबार शुरू किया था। अखबार में बाला साहेब भी इस विषय पर खूब लिखते थे।

शिवसेना के गठन के समय बाला साहेब ठाकरे ने नारा दिया था, ‘अंशी टके समाजकरण, वीस टके राजकरण’। अर्थात 80 प्रतिशत समाज और 20 फीसदी राजनीति। पार्टी के गठन के कुछ साल बाद ही शिवसेना काफी लोकप्रिय हो गई। हालांकि महाराष्ट्र के मूल निवासियों के मुद्दे की वजह से दूसरे राज्यों से व्यापार करने महाराष्ट्र आए लोगों पर काफी हमले भी हुए। धीरे-धीरे पार्टी मराठी मानुष के मुद्दे से हटकर हिन्दुत्व की राजनीति करने लगी।

शिवसेना ने 1990 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा, जिसमें 183 में से पार्टी के 52 प्रत्याशियों को जीत मिली। इससे एक साल पहले 1989 में हुए लोकसभा चुनावों में पहली बार शिवसेना का कोई नेता लोकसभा पहुंचा। बॉम्बे नॉर्थ सेंट्रल सीट से जीते विद्याधर संभाजी गोखले शिवसेना के पहले सांसद थे। इस समय लोकसभा में पार्टी के 18 सांसद हैं। बाला साहेब ने खुद कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। बाल ठाकरे 90 के दशक में महाराष्ट्र की राजनीति में किंगमेकर रहे, लेकिन 2019 में उनका परिवार किंगमेकर से किंग की भूमिका में आ गया। बाला साहेब के बेटे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और पोते आदित्य ठाकरे ने विधानसभा चुनाव लड़ा।

अब बात करते हैं क्रिकेट की। 1978 में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी। उसे इंग्लैंड के साथ 2 वनडे और 3 टेस्ट मैच खेलने थे। पहले दो वनडे में पाकिस्तान की टीम बुरी तरह हारी। अब टेस्ट मैच खेले जाने थे। पहला टेस्ट मैच बर्मिंघम में खेला गया, जिसे मेजबान इंग्लैंड ने एक इनिंग और 57 रनों से जीत लिया। दूसरा मैच 15 जून से क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में खेला जाना था।

इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। पहली इनिंग में इंग्लैड के इयान बॉथम ने शानदार शतक जड़ते हुए 108 रन बनाए और टीम का टोटल स्कोर 364 पर पहुंचा दिया। इसके जवाब में पाकिस्तानी टीम 105 रन ही बना सकी। बॉब विलिस ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए।
फॉलोऑन खेल रही पाकिस्तान की दूसरी इनिंग शुरु हुई। बल्ले से शतक जड़ चुके बॉथम अब गेंद से भी कारनामा करने वाले थे। विलिस ने मोहसिन खान को आउट किया और गेंद बॉथम को दी गई। बॉथम ने मात्र 34 रन देकर 8 विकेट झटके। उन्होंने 20.5 ओवर डाले जिनमें से 8 मेडेन थे।

इसके साथ ही बॉथम ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए, जिसने एक ही टेस्ट में शतक बनाने के साथ आठ विकेट लेने का कारनामा किया।पाकिस्तान की पूरी टीम 66 ओवर में 139 रन ही बना सकी। इंग्लैंड ने ये मैच एक पारी और 120 रन से जीतकर सीरीज में 2-0 से बढ़त बना ली। बॉथम के इस रिकॉर्ड को 44 सालों बाद भी कोई खिलाड़ी तोड़ नहीं पाया है।

18वीं शताब्दी में अरब की एक घुमंतू जनजाति के लोगों ने मौजूदा समय के कुवैत को अपना ठिकाना बनाया। इनमें अल-सबाह परिवार भी था, जो फिलहाल कुवैत का शासक है। 19वीं शताब्दी तक कुवैत पश्चिमी देशों में व्यापार का एक अहम केंद्र बनकर उभरा।

इसी दौरान कुवैत की ओटोमॉन साम्राज्य से नजदीकियां बढ़ने लगीं। ब्रिटेन इन दोनों की नजदीकियों से परेशान था। तभी कुवैत के राजा का कत्ल हो गया। ब्रिटेन ने नए राजा के साथ एक संधि की। इसके मुताबिक कुवैत के विदेशी मामलों से जुड़े फैसले लेने का अधिकार ब्रिटेन को मिल गया। बदले में ब्रिटेन ने कुवैत को सैन्य सुरक्षा मुहैया कराई।

साल 1937 में कुवैत में भारी मात्रा में तेल भंडार होने का पता चला और इराक भी कुवैत पर अपना दावा करने लगा। उधर, दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन की हालत पहले जैसी नहीं रही। लिहाजा आज ही के दिन साल 1961 में ब्रिटेन ने कुवैत को आजाद कर दिया। 1963 में कुवैत ने संविधान को अपनाया और निर्वाचित संसद की स्थापना की। ऐसा करने वाला वो पहला अरब देश बना।
फिलहाल कुवैत को दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाता है। यहां पर पर कैपिटा इनकम के लिहाज से कुवैत दुनिया का पांचवा सबसे अमीर देश है।

कुवैत की करेंसी कुवैती दीनार की वैल्यू 246 भारतीय रुपए है। ये अमेरिकी डॉलर से भी तीन गुना ज्यादा है। दुनियाभर के कुल ऑइल रिजर्व का करीब 6 फीसदी कुवैत के पास है और यही इस देश की इकोनॉमी की रीढ़ है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 19 जून को घटित हुईँ महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1269: फ्रांस के राजा लुई ने सभी यहुदियों को एक खास बैज पहनने का हुक्म दिया।
1716: मुगलों के अजेय होने का भ्रम तोड़ने वाले प्रसिद्ध सिख सैनिक बंदा सिंह बहादुर को बादशाह फरूखसियर के आदेश पर यातनाएं देकर मौत के घाट उतार दिया गया।
1843:‘दास कैपिटल’ के लेखक और समाजशास्त्री काल मार्क्स ने विवाह किया।
1910: वाशिंगटन में पहला फादर्स डे मनाया गया।
1945: म्यांमार में लोकतंत्र की अलख जगाने वाली आंग सान सू की का जन्म।
1947: मशहूर ब्रिटिश-भारतीय लेखक और उपन्यासकार सलमान रश्दी का जन्म।
1948: सोवियत संघ ने पश्चिमी बर्लिन की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया।
1953: अमेरिका में जूलियस और एथेल रोजनबर्ग को फांसी दी गई। अमेरिकी इतिहास में ये पहली बार हुआ, जब जासूसी के शक में किसी अमेरिकी नागरिक को फांसी दी गई।
1968: मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में आर्थिक न्याय के लिए 50,000 लोगों ने प्रदर्शन किया।
1970: कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जन्म।
1981: भारत ने अपने भू स्थैतिक उपग्रह एपल का सफल प्रक्षेपण किया।
1987 : लुई चतुर्थ की फ्रांस के राजा के रूप में ताजपोशी हुई।
1990 : मॉस्को में रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणराज्य की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी।
1991: सोवियत संघ ने हंगरी को अपने कब्जे से आजाद किया।
1994 : अर्नेस्टो सेम्पर कोलंबिया के राष्ट्रपति बने।
2005: फ़ोर्ब्स पत्रिका ने ओफ़्रा विनफ्रे को दुनिया की सौ ताकतवर हस्तियों की सूची में पहला स्थान दिया।
2007 : बगदाद में अल-खिलानी मस्जिद बम विस्फोट में 78 लोगों की मौत हो गई और 218 घायल हो गये।
2012 : विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने अमेरिकी सेना द्वारा नागरिक हत्याओं के फुटेज सहित पूर्व वर्गीकृत दस्तावेजों के प्रकाशन के बाद अमेरिका में प्रत्यर्पण के डर के लिए लंदन के इक्वाडोरियन दूतावास में शरण का अनुरोध किया।
2017: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल एयरपोर्ट पर पहले अफगानिस्तान-भारत एयर कॉरिडोर का उद्धघाटन किया। इसके जरिए पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल किए बिना दोनों देशों के बीच हवाई यातायात किया जा सकता है।
2018: भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में सत्ताधारी पीडीपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया।

 

Delhi Desk

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