दिल्लीः देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना वापस नहीं होगी। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी और सभी भर्तियां इसी स्कीम के तहत होंगी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 25 हजार अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वालों ने छात्रों को भड़काकर अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शन कराया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर बनने वाला शपथपत्र देगा कि उसने कोई प्रदर्शन नहीं किया है, न तोड़फोड़ की। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के कोई सेना में शामिल नहीं होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि युवा फिजिकली तैयार हों, ताकि वह हमारे साथ जुड़कर ट्रेनिंग कर सकें। हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी को लिखित में देना होगा कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं थे।
भारतीय नौसेना की ओर से कहा गया कि 21 नवंबर से पहला नौसैनिक अग्निवीर बैच ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को जाने की अनुमति होगी। आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारतीय नौसेना के पास विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर 30 महिला अधिकारी हैं। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हमने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं की भी भर्ती होगी, जिन्हें युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा।
अग्निपथ योजना के पक्ष में दिए गए तर्क
- लेफ्टिनेंट जनरल पुरी कि तीनों सेना प्रमुख और सीडीएस (CDS) चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने मिलकर दुनिया के सभी देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी गई। उन्होंने बताया कि सेना में बदलाव का प्रोसेस 1989 से चल रहा है। सेना की औसत उम्र 32 साल थी, इसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य था। हमें सेना में यूथ चाहिए। हमें जुनून जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है।
- उन्होंने कहा कि जिस दिन अग्निपथ योजना की घोषणा हुई, उस दिन दो ऐलान हुए पहला देश भर में साढ़े दस लाख नौकरियां और 46 हजार वेकेंसी सेना में अग्निवीर के रूप में, लेकिन लोगों तक केवल 46 हजार की बात ही पहुंची।
- उन्होंने कहा कि अगले 4-5 साल में हमारे सैनिकों की संख्या 50-60 हजार होगी और बाद में बढ़कर 90 हजार से 1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 के छोटे ग्रुप से शुरुआत की है।
संवाददाता सम्मेलन में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा भी मौजूद हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर तीनों सेना प्रमुखों की बैठक हुई थी। इस मीटिंग में अग्निपथ योजना को लागू करने और आंदोलनकारियों को शांत करने के तरीकों पर चर्चा हुई थी। योजना को लेकर रक्षा मंत्री सिंह की ओर से दो दिनों में बुलाई गई यह दूसरी समीक्षा बैठक थी।
अग्निपथ योजना में अब तक हुए बदलाव
- सीएपीएफ (CAPF) और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण।
- मौजूदा साल में अग्निवीर की आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है।
- इंडियन कोस्ट गार्ड, डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा।
- अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद सस्ता लोन दिया जाएगा और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
बीजेपी शासित राज्यों ने दी गईं सौगात
बीजेपी शासित राज्यों में अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध के बीच सौगातों की बरसात की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में वरीयता देने की घोषणा की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि अग्निवीरों को पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों में नौकरी दी जाएगी।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि आर्म फोर्सेस से चार साल बाद रिटायर होने पर अग्निवीरों को पुलिस विभाग में वरीयता दी जाएगी। कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि सरकार ने अग्निवीरों को पुलिस विभाग की भर्ती में प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अग्निवीरों को असम आरोग्य निधि पहल में प्राथमिकता देने की घोषणा की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अग्निपथ स्कीम के तहत सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को राज्य की सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी।
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने कहा कि पुलिस और राज्य सरकार की सब्सिडी योजनाओं में अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी।
वहीं भारतीय वायसेना ने अग्निवीरों की भर्ती की गाइडलाइन जारी कर दी है। तीनों सेनाओं में सबसे पहले एयरफोर्स ने ही गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अग्निवीरों को अपनी चार साल की नौकरी पूरी करनी होगी। इससे पहले वह फोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें अधिकारी की सहमति लेनी होगी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है। इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।