दिल्लीः भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा पैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए सीएपीएफ (CAPFs) यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। साथ ही इन दोनों बलों में भर्ती के लिए अग्निवीरों को ऊपरी आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी गई। सरकार ने कहा है कि अग्निवीर के पहले बैच के लिए आयु में अधिकतम आयु सीमा से 5 वर्ष की छूट होगी।

सरकार की इस योजना के खिलाफ देश के कई राज्यों में शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुए। बिहार के छात्र संगठनों ने शनिवार को राज्य भर में बंद का आह्वान किया है। आरजेडी ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है। राष्ट्रीय जनता दल की बिहार यूनिट के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि शॉर्ट टर्म भर्ती स्कीम देश के युवाओं के हित में नहीं है। वहीं, लेफ्ट पार्टियों ने भी बंद का समर्थन किया है।

इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह स्कीम को लेकर शनिवार को एक रिव्यू मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में नेवी चीफ, एयरफोर्स चीफ और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि आर्मी चीफ मनोज पांडे शनिवार को एयरफोर्स की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के लिए हैदराबाद के डूंडीगल जा रहे हैं, इसलिए वे मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को युवाओं से सेना में शामिल होने और अग्निवीर बनने की अपील की।

इस बीच रेलवे ने बयान जारी कर कहा है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 12 ट्रेनों में आग लगा दी गई है। इस दौरान 300 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। 214 ट्रेन कैंसिल कर दी गई हैं, 11 को डायवर्ट किया गए और 90 अपने पड़ाव तक नहीं पहुंच पाईं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है।

वहीं अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा, “मुझे इस तरह के किसी विरोध की उम्मीद नहीं थी। हमने करीब डेढ़ साल तक अग्निपथ योजना पर काम किया। यह भारतीय सेना में सबसे बड़ा ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट ट्रांसफार्मेशन है। स्कीम की गलत सूचना और गलतफहमी के कारण विरोध हो रहा है।“

उन्होंने कहा कि यह स्कीम देश और युवाओं के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह उनके लिए अधिक अवसर पैदा करेगी। जहां पहले एक व्यक्ति को आर्म्ड फोर्सेस में सेवा करने का अवसर मिलता था, अब यह शायद 4 लोगों को मिलेगा।

उन्होंने कम अवधि की सर्विस के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि इसके कई फायदे हैं। अग्निवीरों को यह तय करना होगा कि वे आर्म्ड फोर्सेस को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं या कोई दूसरी नौकरी करना चाहते हैं।

वहीं आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने भी युवाओं से सेना में शामिल होने और अग्निवीर बनने की अपील की है। उन्होंने ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के तहत अपर एज लिमिट को 23 साल तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले की सराहना की और कहा कि इस फैसले से उन युवाओं को अवसर मिलेगा जो सेना में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल में कोविड की वजह से रुकी भर्ती की वजह से शामिल नहीं हो सके।

सेना प्रमुख ने कहा, “मुझे लगता है कि युवाओं को अग्निपथ स्कीम के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाई है। एक बार जब उन्हें इस स्कीम के बारे में पता चल जाएगा, तो उन्हें विश्वास हो जाएगा कि यह न केवल युवाओं के लिए बल्कि सभी के लिए फायदेमंद है।“

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू करने का ऐलान किया। इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।

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