Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः 16 जून का दिन इतिहास के पन्नों में दो महत्वूर्ण सफलताएं दर्ज है। पहले सोवित संघ की अंतरिक्ष में उड़ाना और दूसरा मशहूर कम्प्यूटर कंपनी आईबीएम (IBM) यानी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन की शुरुआत। पहले बात करते हैं सोवियत संघ की अंतरिक्ष में उड़ान से…1963 में आज ही के दिन सोवियत संघ ने वेलेंटीना तेरेश्कोवा को वोस्टोक-6 स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में भेजा था। लगभग 3 दिन बाद वेलेंटीना सफलतापूर्वक धरती पर लौट आईं थीं। उन्होंने दो रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। वेलेंटीना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला थीं। वह करीब 71 घंटे अंतरिक्ष में रही थीं, ये उस समय अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा देर तक रहने का रिकॉर्ड था।

आपको बता दें कि 1961 में सोवियत संघ ने यूरी गागरिन को स्पेस में भेज था और इसके 1 महीने बाद ही अमेरिका ने भी एलन शेपर्ड को स्पेस में भेज दिया था। सोवियत संघ अब किसी महिला को स्पेस में भेजने की तैयारी कर रहा था, ताकि स्पेस में भेजी जाने वाली पहली महिला का नाम भी इतिहास में सोवियत संघ के नाम पर दर्ज हो।

इस मिशन के लिए सोवियत संघ को एक काबिल महिला की तलाश थी। अब तक वेलेंटीना 126 बार पैराशूट से जंप कर चुकी थीं और इसी वजह से फेमस हो गई थीं। जब वेलेंटीना को इस मिशन के बारे में पता चला तो उन्होंने भी अप्लाई कर दिया

400 से भी ज्यादा महिलाओं में से 4 महिलाओं को इस मिशन के लिए चुना गया जिनमें वेलेंटीना भी शामिल थीं। अगले 18 महीनों तक वेलेंटीना को कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा। इसके बाद आज ही के दिन साल 1963 में वोस्टोक-6 स्पेसक्राफ्ट में वेलेंटीना को स्पेस में भेजा गया।

इसके दो दिन पहले यानी 14 जून को सोवियत संघ ने वोस्टोक-5 लॉन्च किया था, जिसमें वलेरी ब्यकोवस्की को अंतरिक्ष में भेजा गया था। हालांकि इन दोनों स्पेसक्राफ्ट की ऑर्बिट अलग-अलग थी, लेकिन अंतरिक्ष में एक समय ये दोनों स्पेसक्राफ्ट एक-दूसरे के करीब आ गए थे।

वेलेंटीना ने धरती की ऑर्बिट के 48 चक्कर लगाए और करीब 71 घंटे बाद 19 जून को वे धरती पर लौट आईं। यहां उनका पैराशूट से जंप करने का अनुभव काम आया क्योंकि धरती की सतह से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई से वेलेंटीना को जंप करना पड़ा। वेलेंटिना के धरती पर लौटने के कुछ घंटों बाद ही वलेरी भी वापस आ गए।

वेलेंटीना ने मात्र 26 साल की उम्र में सफलतापूर्वक अंतरिक्ष से लौटकर इतिहास रच दिया था। उन्हें ऑर्डर ऑफ लेनिन और हीरो ऑफ सोवियत यूनियन अवॉर्ड से नवाजा गया था।

अब बात आईबीएम की शुरुआत की करते हैं। 20वीं सदी की शुरुआत में तीन अलग-अलग कंपनियां ऑफिस में इस्तेमाल की जाने वाली जरूरत की मशीनें बनाने और बेचने का काम कर रही थीं। इनमें टैबुलेटिंग मशीन कंपनी, इंटरनेशनल टाइम रिकॉर्डिंग कंपनी और कम्प्यूटिंग स्केल कंपनी शामिल थीं। इन तीनों कंपनियों का काम कहीं न कहीं एक-दूसरे से जुड़ा हुआ था। आज ही के दिन साल 1911 में इन तीनों कंपनियों ने साथ मिलकर एक नई कंपनी बनाई और नाम दिया – कम्प्यूटिंग टैबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कंपनी। यही कंपनी आगे चलकर IBM के नाम से जानी गई, जो आज भी पूरी दुनिया में फेमस है।

साल 1924 में थॉमस वाटसन ने कंपनी का नाम बदलकर इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (IBM) कर दिया। धीरे-धीरे कंपनी दूसरे देशों में भी व्यापार शुरू करने लगी। कंपनी ने पंच कार्ड मशीन बनाई, जिसका इस्तेमाल अमेरिका में सोशल सिक्योरिटी कार्ड जारी करने के लिए किया गया।

1933 में IBM ने इलेक्ट्रोमेटिक टाइपराइटर कंपनी को खरीद लिया और दो साल बाद ही इलेक्ट्रिक टाइपराइटर बाजार में उतारा। IBM का ये प्रोडक्ट बेहद फेमस हुआ। अगले 10 साल में कंपनी का रेवेन्यू 100 अमेरिकी डॉलर हो गया। साल 1951 में कंपनी ने भारत में भी कामकाज शुरू किया।

अभी तक कंपनी कम्प्यूटर मार्केट में नहीं आई थी। साल 1952 में थॉमस वाटसन के बेटे ने कंपनी संभाली और उन्होंने कम्प्यूटर प्रोडक्ट बनाने का फैसला लिया। इसके बाद अगले 3 दशकों तक कंपनी ने दुनियाभर में इस्तेमाल किए जाने वाले करीब 70 फीसदी कम्प्यूटर प्रोडक्ट को बनाया।

80 के दशक में कम्प्यूटर मार्केट में दूसरी कंपनियां आने लगीं, जिनके प्रोडक्ट IBM के मुकाबले सस्ते थे। 1993 में पहली बार कंपनी ने घाटा होने की घोषणा की। उसके बाद IBM कम्प्यूटर मार्केट में लगातार पिछड़ती गई। 2020 में क्लाउड सर्विसेज को छोड़कर कंपनी को हर फील्ड में खासा नुकसान हुआ। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 16 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1606 : सिक्खों के पांचवें गुरु अर्जन देव का निधन।
1746 : पियाकेन्ज़ा में लड़ाई: ऑस्ट्रिया और सर्दीनिया ने स्पेनिश और फ्रांसीसी सेना को हराया।
1779: स्‍पेन ने ब्रिटेन के खिलाफ जंग का आगाज किया।
1815 : नेपोलियन ने नीदरलैंड में लिग्नी की लड़ाई में प्रूसिया को पराजित किया।
1822 : डेनमार्क वेसी ने दक्षिण कैरोलिना में दास विद्रोह का नेतृत्व किया।
1824 : ग्रेट ब्रिटेन में जानवरों की क्रूरता की रोकथाम के लिए रॉयल सोसाइटी की स्थापना की गई।
1858 : प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान मोरार की लड़ाई लड़ी गई।
1881 : ऑस्ट्रिया – हंगरी और सर्बिया ने सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किये।
1884: अमेरिका के ब्रुकलिन में पहला रोलर कोस्टर खोला गया।
1891 : जॉन अबॉट कनाडा के तीसरे प्रधानमंत्री बनाये गए।
1903: हेनरी फोर्ड ने 12 लोगों के साथ मिलकर फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना की। कंपनी ने इसी साल 15 जुलाई को अपनी पहली कार बेची। फोर्ड आज दुनिया की दिग्गज कार निर्माता कंपनी है।
1904 : यूजीन श्यूमन ने फिनलैंड के गवर्नर जनरल निकोले बॉब्रीकोव की हत्या कर दी थी।
1911: न्यूयार्क में आईबीएम कंपनी की स्‍थापना। पहले इसका नाम कंप्यूटिंग टैब्यूलेटिंग रिकार्डिंग कंपनी था।
1925: राष्ट्रवादी नेता चितरंजन दास का निधन।
1950 बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का जन्म।
1963: रूस की 26 वर्षीय अंतरिक्ष यात्री लेफ्टिनेंट वैलेनटीना तेरेशकोवा ने वोस्तोक 6 के जरिए अंतरिक्ष की उड़ान भरी। सुश्री तेरेशकोवा अंतरिक्ष की अथाह गहराइयों की ओर रवाना हुई विश्व की पहली महिला थीं।
1979: सीरिया में मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ संघर्ष में 62 शेखों की मौत।
1992: ब्रिटेन की राजवधू डायना के जीवन पर लिखी गई किताब ‘डायना – ए ट्रू स्टोरी’ का विमोचन। इस पुस्तक में डायना को दुखी और असंतुलित बताया गया।
2008: कैलिफोर्निया में समलैंगिक जोड़े को शादी करने की इजाजत।
2009: मुंबई आतंकी हमले के बाद पहली बार भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति से मुलाकात की।
2010: भूटान की संसद ने कानून पास किया था। जिसके मुताबिक पूरे भूटान में तंबाकू की खेती करने, निश्चित सीमा से ज्यादा तंबाकू इस्तेमाल करने और खरीदने-बेचने पर बैन है। कानून के मुताबिक ये गैर-जमानती अपराध है और अगर आप ऐसा करते पाए गए तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। तंबाकू प्रोडक्ट पर बैन लगाने वाला भूटान दुनिया का पहला देश है।
2012: चीन ने अंतरिक्ष यान शेनझौ 9 लांच किया।
2012: अमेरिकी वायुसेना का रोबोटिक बोइंग एक्स-37बी अंतरिक्ष यान अपना मिशन पूरा कर पृथ्‍वी पर वापस लौटा।
2012: बहुराष्ट्रीय शीतल पेय कंपनी कोका कोला ने म्यांमार में 60 वर्षों के बाद कारोबार शुरू किया।
2012: चीन ने शेंझो-9 स्पेसक्राफ्ट से लियू यांग को अंतरिक्ष में भेजा। अंतरिक्ष में जाने वाली वे पहली चीनी महिला हैं।

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