मुंबईः शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार पांचवें दिन हाहार मचा रहा है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व के साथ ही दुनिया के कई प्रमुख केन्द्रीय बैंकों द्वारा बढ़ती महंगाई से निजात पाने के लिए नीतिगत दरों में की गई है। इसके कारण वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार में हुई बिकवाली का बजरदस्त असर आज घरेलू स्तर पर भी दिखा और शेयर बाजार लगातार पांचवें दिन गिरावट लेकर बंद हुये।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक वाला सेंसेक्स 1045.66 अंक उतरकर 52 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 51495.79 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 331.55 अंक गिरकर 15360.60 अंक के स्तर पर आ गया। दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों अधिक बिकवाली देखी गई। बीएसई का मिडकैप 2.34 प्रतिशत उतरकर 21441.40 अंक पर और स्मॉलकैप 2.87 प्रतिशत गिरकर 24346.96 अंक पर रहा।
बीएसई में शामिल सभी समूह गिरावट में रहे, जिसमें धातु में सबसे अधिक 5.48 प्रतिशत की और सबसे कम एफढमसीजी में 0.81 प्रतिशत की गिरावट रही।
बीएसई में कुल 3476 कंपनियों में कारोबार हुआ, जिसमें से 2754 लाल निशान में जबकि 620 हरे निशान में रही। 102 कंपनियों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
वैश्विक स्तर सभी प्रमुख सूचकांक लाल निशान में रहे जिसमें ब्रिटेन का एफटीएसई2.51 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 2.91 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 2.17 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.61 प्रतिशत शामिल है। सिर्फ जापान का निक्केई 0.40 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में सफल रहा।
शुरुआत में एशियाई बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों पर बल पर बीएसई का सेंसेक्स 477 अंकों की तेजी लेकर 53018.91 अंक पर खुला। शुरूआती काराेबार में ही यह 53142.50 अंक के उच्चतम स्तर तक चढ़ा लेकिन इसके बाद शुरू हुयी बिकवाली के कारण यह 51425.48 अंक के निचले स्तर तक टूटा। अंत में यह पिछले दिवस के 52541.39 अंक की तुलना में 1.99 प्रतिशत अर्थात 1045.66 अंक गिरकर 51495.79 अंक पर रहा। सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से मात्र नेस्ले इंडिया 0.30 प्रतिशत की बढ़त बनाने में सफल रही जबकि शेष 29 कंपनियां नुकसान में रही।
एनएसई का निफ्टी 140 अंकों की बढ़त के साथ 15832.25 अंक पर खुला। शुरूआती कारोबार में ही यह 15863.15 अंक के उच्चतम स्तर तक चढ़ा लेकिन इसके बाद शुरू हुयी बिकवाली के दबाव में यह 15335.10 अंक के निचले स्तर तक उतरा। अंत में यह पिछले दिवस के 15692.15 अंक की तुलना में 331.55 अंक टूटकर 15360.60 अंक पर रहा। निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में से मात्र दो हरे निशान में रही जबकि शेष 48 लाल निशान में रही।
आपको बता दें कि अमेरिका के फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढोतरी की है। इसके साथ ही स्विटजरलैंड के केन्द्रीय बैंक और जापान के केन्द्रीय बैंक ने भी ब्याज दरों में बढोतरी की है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने और तेल की कीमतों में हुयी बढोतरी से वैश्विक स्तर पर महंगाई रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है और इसको काबू में करने के लिए केन्द्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढोतरी की जा रही है। विश्लेषक ऐसी स्थिति में फिर से एकबार आर्थिक मंदी आने की आंशका जताने लगे हैं।
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