दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने भारत में एक बार फिर तबाही मचानी शुरू कर दी है। देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों में इस संक्रमण के 12,213 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसे कोविड-19 कोरोना की चौथी लहर (Covid 4th wave) के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से यह आंकड़ा 8 हजार के आसपास बना हुआ था। इसका मतलब है कि पिछले एक दिन में 4 हजार नए मामले बढ़े हैं। यानी नए मामले 38.43 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़े हैं। इसी के साथ देश में कुल एक्टिव मामले बढ़कर 58,215 हो गए हैं। यानी इस समय देश के विभिन्न अस्पतालों में 58,215 मरीजों का उपचार हो रहा है। चिंता की बात यह है कि पिछले एक हफ्ते में इतने मामले बढ़े हैं। देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,24,803 हो गई है।
इन नये आंकड़ों के साथ देश में दैनिक संक्रमण दर 0.13 प्रतिशत, स्वस्थ होने वालों की दर 98.65 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.21 प्रतिशत है।देश में पिछले 24 घंटे में 5,19,419 कोविड परीक्षण किये गये हैं। अब तक कुल 85.63 करोड़ कोविड परीक्षण किये जा चुके हैं।
ओमिक्रॉन (Omicron) जैसे कोरोना के वेरिएंट बदलने से इसके लक्षण और इसके दुष्प्रभाव भी तेजी से बदले हैं। कोरोना अब सिर्फ फेफड़ों पर आक्रमण नहीं कर रहा है बल्कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग को प्रभावित कर सकता है। सामान्य सर्दी के लक्षणों और बीमारी से अलग अन्य लक्षणों के अलावा, कुछ अन्य लक्षण भी हैं जो कोरोना के मरीजों में देखे जा रहे हैं। कोविड से जुड़ा ऐसा ही एक अजीब लक्षण शरीर में झुनझुनी या सनसनी (sensation) होना है।
अजीब सुन्नताः अब कोरोना के मरीजों को शरीर में एक अजीब तरह की उत्तेजना या सुन्नता जिसे सनसनी भी कहा जाता है, महसूस हो रही है। मेडिकल भाषा में इसे पेरेस्टेसिया कहते हैं। इसमें रोगी को हाथ, कोहनी, पैर या तलवे और यहां तक कि शरीर के अन्य हिस्सों में भी जलन या चुभन का अनुभव होता है।
बिना दर्द के लक्षणः इस तरह की संवेदना दर्द रहित होती है, लेकिन इससे आपका रोजाना कामकाज प्रभावित हो सकता है। 1,500 से अधिक लोगों के एक अध्ययन में अधिकतर लोगों में यह लक्षण पाया गया है। ऐसा माना जाता है कि संक्रमण शरीर की नसों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से ऐसा हो सकता है।
कितने समय तक रहता है लक्षणः
इसके लक्षण कुछ हफ्तों तक चलते हैं। कुछ मामलों में रोगी 3 महीने से अधिक समय तक इस दर्द का अनुभव करते हैं। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी पेन सेंटर के एक अध्ययन में पाया गया कि उसके लगभग 30% कोरोना रोगियों ने इस लक्षण की सूचना दी और उनमें से लगभग 6% ने इसे 3 महीने तक अनुभव किया।
डॉक्टर से ले परामर्शः आम तौर पर शरीर में झुनझुनी सनसनी जैसी स्वास्थ्य संबंधी मामूली समस्याएं कुछ ही दिनों में कम हो सकती हैं। हमने अक्सर देखा है कि लंबे समय तक बैठने के बाद हमारे पैर कैसे सुन्न हो जाते हैं और थोड़ी सेर बाद ठीक हो जाती है। यदि सनसनी कई दिनों तक बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
नोटः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इससे किसी रोग का निदान हो जाए, यह दावा हम नहीं करते हैं।
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