दिल्लीः कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर नूपूर शर्मा की ओर से दिए गए विवादित बयान को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। नूपूर की टिप्पणी के खिलाफ कुवैत के फहील इलाके में विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद कुवैत सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए पैगंबर के समर्थन में नारेबाजी करने वाले प्रवासी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। उन्हें उनके देश वापस भेजने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा उनका दोबारा कुवैत आना बैन कर दिया जाएगा।
कुवैत के अखबार ‘अरब टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक फहील में प्रवासियों (कुवैत में रहने वाले विदेशियों) ने जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इससे कुवैत सरकार बेहद नाराज है। इसे सीधे तौर पर कुवैती कानून का उलंघन माना जा रहा है।
आपको बता दें कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने करीब दस दिन पहले एक टीवी चैनल में हुई डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले ने जोर पकड़ा और इस्लामिक देशों ने भारत की निंदा की। नूपुर के खिलाफ कई देशों में एक हफ्ते से प्रदर्शन हो रहे हैं।
Islamic #Kuwait has deported all these jokers to India & Pakistan
— Kreately.in (@KreatelyMedia) June 12, 2022
57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने नुपूर शर्मा के बयान पर विरोध जताया और इसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी नुपूर के बयान का विरोध किया है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में ओआईसी के बयान पर ऐतराज जताया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत OIC सचिवालय की गैरजरूरी और छोटी सोच वाली टिप्पणियों को साफ तौर पर खारिज करता है। भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है।“
आपको बता दें कि भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। भारत अपनी जरूरत के ऑयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहां से इम्पोर्ट करता है। वहीं, कुवैत में काम करने वाले कुल भारतीयों की संख्या करीब 4.5 लाख है। कुवैत की कुल आबादी में 75 फीसदी प्रवासी हैं, जिसमें सबसे ज्यादा भारतीय हैं। इससे भारत को 5.5 फीसदी विदेशी मुद्रा मिलती है।