दिल्ली हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को ईडी (ED) यानी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगे। ईडी ने पिछले दिनों उन्हें नोटिस जारी किया था। उधर, पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली में प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया है। इस बीच कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘राहुल झुकेगा नहीं’ के पोस्टर लगाए हैं।
वहीं ईडी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले ईडी ने सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए समन किया था, लेकिन 01 जून को वह कोरोना पॉजटिव हो गई थीं। इसी वजह से वह पेश नहीं हो पाईं। वहीं, रविवार को कोरोना के चलते सोनिया की तबीयत बिगड़ गई। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल की पेशी के खिलाफ देश में ईडी के 25 दफ्तरों के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी। सभी राज्यों में प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक राहुल गांधी ईडी के दफ्तर से बाहर नहीं आ जाते। इसको लेकर कांग्रेस ने सभी राज्यों में तैयारी कर ली है। पिछले दिनों राज्य प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की मीटिंग में यह फैसला हुआ था।
जानिए क्या है पूरा मामलाः
दरअसर साल 1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। उस वक्त AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38 फीसदी थी।
यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन दिया, जिसे बाद में माफ कर दिया गया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, इस केस में ED की एंट्री साल 2015 में हुई।
हेराल्ड मामले से जुड़ी अहम जानकारियां-
- सुब्रमण्यम स्वामी ने 1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।
- 26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।
- ED ने 1 अगस्त 2014 के इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
- 19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।
- 9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
- कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।
- मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।