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मनोरंजन

OTT पहले आ गया होता, तो शोहरत पाने के लिए 47 साल इंतजार नहीं करना पड़ताः पंकज त्रिपाठी

मुंबईः OTT प्लेटफॉम ने इंडिया में कदम रखा तब लोगों ने इसे टीवी के रूप में देखा, लेकिन अब इसकी एहमियत समझ आ रही है क्योंकि इसकी पहुंच हम सभी की कल्पनाओं से ही परे है। यह कहना है बॉलीवुड के कालिया भइया यानी पंकज त्रिपाठी कहा। ओटीटी प्ले प्रीमियम के लॉन्च इवेंट में पंकज त्रिपाठी स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे।इस दौरान उन्होंने OTT पर खूब सारा बोला और कहा कि उनको OTT से ही वह सम्मान मिल रहा है, जिसके वह हकदार हैं।

आपको बता दें कि इन दिनों OTT टीवी और फिल्मों को कड़ी टक्कर दे रहा है। मौजूदा समय में अधिकतर कलाकार इस प्लेटफॉर्म पर अपना दमखम आजमा भी रहे हैं, क्योंकि इसकी पॉप्युलैरिटी सबसे ज्यादा है। समय के साथ-साथ नई और अलग कहानी भी देखने को मिलती है। कॉन्सेप्ट तक वास्ट होता है,  जिसे दर्शक खूब पसंद करते हैं। इसके आने से वैसे भी लोगों को काम भी मिल रहा है। हर छोटा-बड़ा कलाकार इससे ही अब चमक रहा है। अब कालीन भइया को ही देख लीजिए। अरे सबके पंकज त्रिपाठी। इन्होंने अपने करियर में कितना काम किया। कई फिल्मों में आपने इन्हें देखा भी,  लेकिन इन्हें सबसे ज्यादा पसंद किस पर किया गया? OTT पर। अलग-अलग टशन और भौकाल के साथ इन्होंने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। और रातों-रात चमकचांदनी वाली शौहरत भी हासिल की। इस बात को अब वह खुद भी मानते हैं। इन्होंने इस बात को भरी महफिल में कबूला भी है।

पंकज त्रिपाठी ओटीटी प्ले प्रीमियम के लॉन्च इवेंट में स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल हुए था। इस दौरान उन्होंने OTT पर खूब बोला और कहा कि उनको OTT से ही वो सम्मान मिल रहा है, जिसके वह हकदार हैं। उनका कहना है कि जब इस प्लेटफॉम ने इंडिया में कदम रखा तब लोगों ने इसे टीवी के रूप में देखा। लेकिन अब इसकी एहमियत समझ आ रही है क्योंकि इसकी पहुंच हम सभी की कल्पनाओं से ही परे है।

आपको बता दें कि पंकज त्रिपाठी ने साल 2004 में आई फिल्म ‘रण’ (Rann )से बॉलिवुड डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2010 में ‘गुलाल’ (Gulaal) टीवी सीरियल में भी हाथ आजमाया था। फिर 2018 में इन्होंने प्राइम की वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ (Mirzapur) से OTT पर नई पारी खेली थी। इसके बाद वह ‘सेक्रेड गेम्स’ (Sacred Games) में भी कमाल-धमाल करते हुए दिखआई दिए थे। यानी पंकज त्रिपाठ को OTT पर आए ठीक चार साल हुए हैं, लेकिन फिल्मी करियर शुरू किया 18 साल पहले। हालांकि उसके भी पहले वह थिएटर्स में लोहा मंजवा रहे थे। अब इसी का जिक्र करते हुए वह कहते हैं कि अगर OTT पहले आ जाता, तो वह अपने करियर में बहुत जल्दी आगे बढ़ जाते। उनको 47 सालों तक इंतजार न करना पड़ता। वह थिएटर के बाद से ही लोगों को एंटरटेन करते रहते। उनको ऐसे ही प्रवचन देते रहते।

बॉलीवुज के ‘कालीन भइया’ उर्फ पंकज त्रिपाठी ने आगे कहा, ‘OTT के साथ एक बड़ा फायदा है कि आपके पास बहुत समय है। 8 एपिसोड की सीरीज है, तो सब कैरेक्टर्स और सब प्लॉट्स में भी राइटर्स इनवेस्ट होते हैं। उनकी दुनिया दिखती है। तो इससे आपको दो एपिसोड का किरदार भी याद रहेगा क्योंकि उसके 10 सीन गए हैं। OTT अगर पहले होता तो मेरी दुकान पहले खुल गई होती और अब शोरूम बन जाती।’

पंकज के अनुसार OTT के आने से लोगों के लिए बतौर आर्टिस्ट स्ट्रगल भी कम हुआ है। ‘यहां की प्राथमिकता एक्टिंग आनी चाहिए। उतना ही है यहां।मेरे सभी दोस्त व्यस्त हैं। अभी आप अच्छे ऐक्टर्स को बॉम्बे में ढूंढने जाओ तो पता चलता है कि वह ये कर रहे हैं, वह किसी और में हैं। पहले सिनेमा में तो हीरो-हिरोइन, एक विलेन और एक पुलिस इंस्पेक्टर होता था। लेकिन OTT में कई सारे इंस्पेक्टर्स हैं। अब उनका भी रोल लिखा जा रहा है। और यहां सबको काम भी मिल रहा है, तो ये अच्छा हुआ है OTT से।’

क्या फिल्मों के बॉक्स ऑफिस की तरह OTT में भी मेकर्स को इसका सिर दर्द होता है या नहीं, इस पर पंकज त्रिपाठी ने कहा कि वह इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, क्योंकि उनके हाथ में सिर्फ अभिनय करना है। कमाई होगी या नहीं, ये हमारे बस में नहीं है। ‘आर्ट में ये नहीं होना चाहिए कि जो बहुत कमा ली है वो बहुत कमाल की होगी। पैसों से आर्ट का आंकलन नहीं कर सकते हैं। OTT पर अच्छा हुआ है तो वह लोगों के रिएक्शन से पता चल जाता है। OTT वाले भी बता देते हैं कि दर्शकों ने किस सीन को बार-बार रिपीट मोड पर देखा है।’

अब बात पंकज त्रिपाठी के वर्क फ्रंट की करते हैं। मौजूदा समय में वह 11 अगस्त को रिलीज होने वाली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आएंगे। इसके अलावा वह ‘ओह माय गॉड 2’, ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’, ‘शेरदिल’ में भी दिखेंगे। आखिरी बार वह अक्षय कमार के साथ ‘बच्चन पांडे’ में दिखाई दिए थे।

General Desk

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