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आज का इतिहासः आज के ही दिन दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी ने पहली बार चलाया सविनय अवज्ञा आंदोलन - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः आज के ही दिन दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी ने पहली बार चलाया सविनय अवज्ञा आंदोलन

दिल्लीः भारत में आजादी की अलख जगाने से पहले महात्‍मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत लागों के साथ हो रहे भेदभाव और उनके आंदोलन के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में ही पहली सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू की थी, यही कारण है कि गांधी जी को जितना सम्‍मान भारत में मिलता है, उतना ही दक्षिण अफ्रीका में भी। महात्‍मा गांधी की पांचवी पीढ़ी आज भी दक्षिण अफ्रीका में रहती है।

दरअसल महात्‍मा गांधी को दादा अब्दुल्ला ने दक्षिण अफ्रीका में वकालत करने का प्रस्‍ताव दिया, जिसके बाद वे 1893 में एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर दक्षिण अफ्रीका चले गए। दक्षिण अफ्रीका में इनको भारतीय होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा।, जिसके खिलाफ 7 जून, 1893 को महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा का पहली बार इस्तेमाल किया था। वह उन दिनों दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत में रहते थे।

गांधीजी अपने एक क्लायंट का केस लड़ने के लिए डरबन से प्रीटोरिया जा रहे थे। गांधीजी जिस लॉ फर्म में कार्यरत थे, उसने उनके लिए फर्स्ट क्लास सीट बुक की थी। रात के 9 बजे के करीब जब नटाल की राजधानी मैरित्जबर्ग पहुंचे तो एक रेलवे हेल्पर उनके पास बिस्तर लेकर आया। गांधीजी ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनके पास खुद का बिस्तर है। थोड़ी ही देर बाद एक दूसरे यात्री ने गांधीजी को गौर से देखा और कुछ अधिकारियों को साथ लेकर लौटा। कुछ देर सन्नाटा रहा। फिर एक अधिकारी गांधीजी के पास आया और उनसे थर्ड क्लास कंपार्टमेंट में जाने को कहा क्योंकि फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में सिर्फ गोरे लोग ही सफर कर सकते थे। गांधीजी ने इस पर जवाब दिया, ‘लेकिन मेरे पास तो फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट का टिकट है।’ गांधीजी ने कंपार्टमेंट छोड़ने से इनकार कर दिया। इस पर उस अधिकारी ने पुलिस को बुलाने और धक्का देकर जबरन बाहर करने की धमकी दी। गांधीजी ने भी उससे कहा कि वह उनको चाहे तो धक्के मारकर बाहर कर सकता है लेकिन वह अपनी मर्जी से बाहर नहीं जाएंगे। वास्तव में अन्याय के खिलाफ खड़े होने की यही हिम्मत तो सविनय अवज्ञा थी।

इसके बाद उनको धक्का मारकर बाहर कर दिया गया और उनके सामान को दूर फेंक दिया गया। गांधीजी रात में स्टेशन पर ही ठंड से ठिठुरते रहे।
इस घटना से गांधीजी टूटने की बजाए और मजबूत होकर उभरे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंग के नाम पर होने वाले भेदभाव और भारतीय समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने का दृढ़ निश्चय किया। यहीं से गांधीजी का एक नया अवतार जन्म लेता है और अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए कमर कस लेते हैं।

कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ही रुकने का फैसला किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के एक कानून के खिलाफ मुहिम चलाई जिसके तहत भारतीय समुदाय के लोगों को वोट देने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
1894 में उन्होंने नटाल इंडियन कांग्रेस का गठन किया और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नागरिकों की दयनीय हालत की ओर दुनिया का ध्यान खींचा। 1906 में ट्रांसवाल सरकार ने भारतीयों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। उस समय गांधीजी ने पहली बार सत्याग्रह या सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ा। सात सालों के आंदोलन के बाद गांधीजी की कोशिश रंग लाई और दक्षिण अफ्रीकी सरकार समझौते के मेज पर आई।

दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान गांधीजी को कई बार गिरफ्तार किया, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। मताधिकार को लेकर अफ्रीकी सरकार से समझौता होने के बाद 1913 में फिर उन्होंने अफ्रीकी सरकार के उस कदम का विरोध किया जिसके तहत भारत के बंधुआ मजदूर पर टैक्स लगाया था। उसमें भी गांधीजी की जीत हुई थी। 1914 में गांधीजी भारत लौट आए और बाद के दिनों में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई जिसका नतीजा भारत को मिली आजादी की शक्ल में सामने आया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 07 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1539: चौसा के युद्ध में शेरशाह सूरी ने मुगल शासक हुमायूं को हराया।
1557 : इंग्लैंड ने फ्रांस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की ।
1692: कैरिबियाई देश जमाइका के पोर्ट राॅयल में भूकंप से करीब तीन हजार लोगों की मौत।
1780 : लंदन में एंटी-कैथोलिक दंगों में लगभग 100 लोगों की मौत।
1801: पुर्तगाल और स्पेन ने बदाजोज़ की संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसके परिणामस्वरूप पुर्तगाल ने ओलिवेन्झा शहर को खो दिया।
1862: अमेरिका और ब्रिटेन दास व्यापार खत्म करने पर राजी हुए।
1892 : मिनियापोलिस में रिपब्लिकन सम्मेलन शुरू हुआ।
1893 : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ़्रीका में पहली बार सविनय अवज्ञा का प्रयोग किया ।
1898 : अमेरिका की सामाजिक लोकतंत्र पार्टी का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन शिकागो में।
1939 : जार्ज षष्टम और एलिजाबेथ ब्रिटेन के पहले राजा-रानी बने, जिन्होंने अमेरिका का दौरा किया।
1948 : वामपंथियों ने पूरी तरह से चेकोस्लोवाकिया पर कब्जा कर लिया।
1954 : कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग ने आत्महत्या की।
1967-:छह दिवसीय युद्ध के दौरान, इजराइल के सैनिक यरुशलम में घुसे।
1971 : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से लगे भारत के सीमावर्ती इलाकों में हैजे से तीन हजार लोगों की मौत की पुष्टि की।
1974 : भारतीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति का जन्म।
1975: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में बदला गया और कमल के फूल का इसका प्रतीक चिन्ह बनाया गया ।
1975 : पहले विश्व कप का पहला मैच भारत-इंग्लैंड के बीच लंदन के लॉडर्स स्टेडियम में खेला गया। इसमें भारत की हार हुई।
1979 : भारत के दूसरे उपग्रह भास्कर-एक का सोवियत संघ के बीयर्स लेक से प्रक्षेपण।
1995 : अमेरिका के नार्मन थैगार्ड अंतरिक्ष की कक्षा में सबसे लम्बे समय तक रहने वाले अंतरिक्ष यात्री बने।
1997 : महेश भूपति ग्रैंड स्लैम टेनिस खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने।
2000 : एक अमेरिकी अदालत ने माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी को दो भागों में बांटने का निर्देश दिया।
2001: ब्रिटेन में टोनी ब्लेयर की लेबर पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल किया।
2004 – इस्रायली मंत्रिमंडल ने गाजा क्षेत्र से बस्तियाँ हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
2006 : नेपाल के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए भारत ने एक अरब रुपये देने का निर्णय लिया।
2006 : जोर्डन मूल का इराकी उग्रवादी अबु मुसाब अल जरकावी अमेरिका के हवाई हमले में मारा गया । वह कट्टरपंथी इस्लामी संगठन अल कायदा का इराक में स्वयंभू प्रमुख था।
2006 : एंथ्रेक्स चेतावनी की वजह से ब्रिटिश संसद अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
2013 : चीन के शियामेन में एक बस में आग लगने से 42 लोगों की मौत हो गयी और 30 लोग घायल।
2014 : रूस की टेनिस स्टार मारिया शारापोवा ने फ्रेंच ओपन महिलाओं का टेनिस जीता।
2017: म्यांमा वायुसेना का विमान अंडमान सागर में दुर्घटनाग्रस्त, 112 लोगों की मौत ।

 

Shobha Ojha

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