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कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म, किष्किंधा, तिरुमाला, नासिक या कहीं और, आज होगा फैसला, नासिक में हो रही धर्म संसद - Prakhar Prahari
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कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म, किष्किंधा, तिरुमाला, नासिक या कहीं और, आज होगा फैसला, नासिक में हो रही धर्म संसद

नासिकः महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने मंगलवार यानी 31 मई को नासिक में धर्म संसद बुलाई। यह धर्म संसद भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर बुलाई गई है। आपको बता दें कि पवन सुत हनुमान के के जन्मस्थल को लेकर कर्नाटक के किष्किंधा, महाराष्ट्र के नासिक और आंध्रप्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अपने-अपने दावे हैं।

यहीं नहीं अंजनी पुत्र की जन्मस्थली का दावा गुजरात, झारखंड, बिहार में भी किया जा चुका है। इस विवाद को सुलझाने के लिए 31 मई यानी आज नासिक में महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने धर्म संसद बुलाई है।

किष्किंधा के श्री हनुमद जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गोविंदानंद सरस्वती स्वामी ने कहा है कि वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि किष्किंधा ही हनुमान जी का जन्मस्थान है। इसके बावजूद विवाद न हो, इसलिए सभी पक्षों को धर्म संसद में आमंत्रित किया है। इस मुद्दे पर मंगलवार को अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। इसके बाद किसी को विवाद नहीं करना चाहिए।

हालांकि कर्नाटक के किष्किंधा में हनुमान जी के प्रकट होने का दावा ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि TTD में मंगलमूर्ति के जन्मस्थान का न सिर्फ दावा किया गया है बल्कि एक बुकलेट भी पब्लिश कर दी गई है, जिसमें जन्मस्थान के प्रमाण दिए गए हैं। यहां TTD निर्माणकार्य भी शुरू करने वाला था, जिस पर आंध्रप्रदेश की हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

इसके बावजूद कर्नाटक के किष्किंधा का दावा ही ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है। यहां जन्म के 5 मजबूत प्रमाण मिले हैं, जिसमें गुफाएं, सुनहरा पर्वत, पत्थरों से बनी नगरी, पंपा नंदी, बाली-सुग्रीव किला शामिल है।

उधर, गंगावती में रहने वाले आरएसएस (RSS) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता संतोष कहते हैं कि हनुमान जन्म स्थली के डेवलपमेंट के लिए 120 करोड़ रुपए सेंक्शन किए जा चुके हैं। जमीन अधिगृहण का काम भी शुरू हो गया है। इसका बड़ा पॉलिटिकल इम्पैक्ट होना भी तय है।

उनका कहना है कि जैसे अयोध्या हिंदुओं की श्रद्धा का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है, वैसे ही किष्किंधा भी बनेगा। दक्षिण भारत के साथ ही पूरे भारत में इसका असर दिखेगा। आने वाले सालों में हजारों-लाखों की संख्या में यहां हिंदू दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

इन जगहों पर भी किया गया है हनुमान जन्म का दावा-

  • गुजरात स्थित डांग जिले को लेकर मान्यता है कि यहां अंजनी पर्वत की गुफा में ही हनुमान जी का जन्म हुआ था।
  • झारखंड स्थित गुमला से 20 किमी दूर आंजन गांव है। माना जाता है कि यहीं पहाड़ की चोटी स्थित गुफा में हनुमान का जन्म हुआ था।
  • हरियाणा स्थित कैथल में भी वानर राज हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है।
  • महाराष्ट्र के नासिक से 28 किमी की दूरी पर स्थित अंजनेरी मंदिर को भी हनुमान जी का जन्म स्थान माना जाता है।
  • कर्नाटक के शिवमोगा के एक मठ प्रमुख ने दावा किया है कि हनुमान का जन्म उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्ण में हुआ था।
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