दिल्लीः हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को चार साल तक जेल में रहना पड़ेगा। आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इसमें से 5 लाख रुपए सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो को दिए जाएंगे। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी। सुनवी के दौरान कोर्ट में बचाव पक्ष ने दिव्यांगता के आधार पर सहानुभूति रखने की दलील दी, लेकिन कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने हेली रोड, पंचकूला, ,गुरुग्राम, असोला की संपत्तियां भी सीज करने के आदेश दिए।
सीबीआई के वकील अजय गुप्ता ने बताया कि आरोपी ने 10 दिन का समय दिया जाने की मांग की, ताकि मेडिकल रिपोर्ट करवाई जा सकें, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जो मेडिकल टेस्ट करवाने हैं, जेल में करवाए। सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें कस्टडी में ले लिया गया। कोर्ट में उनके बेटे अभय चौटाला और पोते अर्जुन भी थे। अभय चौटाला ने कहा कि वे हाइकोर्ट जाएंगे। अभी वकीलों के साथ रायशुमारी करेंगे।
इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में गुरुवार को सजा पर वकीलों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान चौटाला की ओर से वकील ने अदालत में दलील दी है कि चौटाला की उम्र 87 साल है और लंबे समय से बीमार हैं। उनके पास 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट है, लेकिन अब वह 90 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके हैं। स्वास्थ्य खराब रहता हैं और अपने कपड़े भी खुद बदल नहीं पाते। इससे पहले जेबीटी (JBT) भर्ती मामले में जेल में सजा काट चुके हैं। उन्होंने जेल में रहते हुए 10वीं और 12वीं पास की है। वहीं, सीबीआई (CBI) के वकील ने दलील दी है कि पूर्व CM को कम सजा देने से गलत संदेश जाएगा।
आपको बता दें कि चौटाला को अदालत ने 21 मई को दोषी करार दिया गया था। CBI ने आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चौटाला के खिलाफ 106 गवाह पेश किए थे। पूर्व CM के खिलाफ CBI ने 2005 में यह मामला दर्ज किया था। 2010 में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट के बाद 16 जनवरी 2018 को ओपी चौटाला के बयान दर्ज हुए थे। CBI ने चौटाला और उनके बेटों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
क्या है पूरा मामला-
कांग्रेसी नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर सीबीआई ने 2005 में मामला दर्ज किया था। CBI ने आरोप पत्र में कहा था कि निर्धारित अवधि के दौरान ओपी चौटाला की आय उनकी 3.22 करोड़ रुपए की आय से 189 प्रतिशत अधिक थी। अजय चौटाला के पास उनकी आय से 339.27 प्रतिशत अधिक संपत्ति थी। मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी आय 8.17 करोड़ रुपए रही।
अभय चौटाला की संपत्ति 2000 से 2005 के बीच के आयकर आंकड़ों के अनुसार 22.89 करोड़ रुपए की उनकी कमाई से पांच गुना अधिक की थी। मामले में ED ने 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है। इसमें दिल्ली, पंचकूला और सिरसा की प्रॉपर्टी शामिल है।
ईडी (ED) यानी प्रवर्तन निदेशालय ने ओपी चौटाला के तेजाखेड़ा फार्म हाउस के कुछ हिस्से को 4 दिसंबर 2019 को सीज किया था। उस समय ED के साथ CRPF के जवान थे। यह कार्रवाई सुबह 7 बजे की गई। इसके बाद ED ने पूर्व CM की पत्नी स्नेहलता और पुत्रवधू कांता चौटाला की संपत्ति का ब्यौरा भी जुटाया। हालांकि, कार्रवाई को चौटाला परिवार ने राजनीति से प्रेरित बताया था। चौटाला की दिल्ली और पंचकूला की संपत्ति भी ED ने सीज की हुई है।
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